देश में पैट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. देश के इतिहास में पहली बार पैट्रोल और डीजल के दाम देश के कई हिस्सों में 100 रूपये तक पहुँच गए हैं. मध्यवर्ग पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है. देश के प्रधानमंत्री ने तेल के दाम की बढ़ोत्तरी के लिए कहा है कि अगर पिछली सरकारों ने भारत की ऊर्जा आयात पर निर्भरता को कम करने पर गौर किया होता तो आज मध्यम वर्ग पर इतना बोझ नहीं पड़ता.
प्रधानमंत्री जी ने तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से परेशान जनता के लिए सीधे अपने से पहले की सरकारों को जिम्मेवार ठहराया है. उनका मानना है कि यदि पहले की सरकारे तेल के विकल्प के बारे में विचार करती तथा नए ऊर्जा के संसाधनों पर काम करते तो देश के मध्यवर्ग तथा गरीब लोगों को तेल की कीमतों से इतनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.
तेल की कीमतों में बढोत्तरी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. जिसके लिए सरकार के सामने कई सवाल पूछे जा रहे हैं. जिनका जवाब देते हुए भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि आप जनता पर तेल की कीमतों का पड़ता दबाव का कारण 2014 से पहले की सरकारें हैं. जिन्होंने समय रहते देश की ऊर्जा जरूरतों की तरफ ध्यान नहीं दिया. जिसका नुकसान देश के मध्यवर्ग को अब उठाना पड़ रहा है. मोदी ने तेल की कीमतें बढ़ने का सारा आरोप पहले की सरकारों की नीतियों पर लगाया.
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अगर इस मुद्दे पर विपक्ष की बात करें, तो विपक्ष इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है. उनका कहना है कि तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी का कारण सरकार द्वारा लगाया जा रहा अत्यधिक टैक्स है. जिसका जनता के आर्थिक हालातों पर बुरा प्रभाव पड़ता है.