MLC चुनाव: मुश्किल समय में जो साथ हैं, मेरा अच्छा वक्त उनके लिए होगा, सत्यजीत तांबे ने जारी किया भावुक पोस्टर

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MLC चुनाव: मुश्किल समय में जो साथ हैं, मेरा अच्छा वक्त उनके लिए होगा, सत्यजीत तांबे ने जारी किया भावुक पोस्टर

MLC चुनाव: मुश्किल समय में जो साथ हैं, मेरा अच्छा वक्त उनके लिए होगा, सत्यजीत तांबे ने जारी किया भावुक पोस्टर


मुंबई: महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव (Maharashtra MLC Election) को लेकर राज्य की नासिक सीट पर घमासान मचा हुआ है। हर दिन, हर पल, कुछ न कुछ नई सियासी हलचल देखने को मिल रही है। कांग्रेस (Congress) के बागी उम्मीदवार और नेता सत्यजीत तांबे (Satyajeet Tambe) ने एक पोस्टर के जरिए भावुक अपील की है। उन्होंने अपने पोस्टर में लिखा है, ‘मेरे मुश्किल वक्त में जो लोग मेरे साथ हैं मेरा अच्छा वक्त सिर्फ उनके लिए होगा’। दरअसल इस सीट पर कांग्रेस पार्टी अपने पुराने और खानदानी नेताओं के जरिए ही बगावत का शिकार हुई है। नासिक (Nasik) से विधान परिषद में तीन बार के एमएलसी सुधीर तांबे (MLC Sudhir Tambe) ने पार्टी द्वारा टिकट दिए जाने के बाद भी नामांकन के आखिरी दिन पर्चा नहीं भरा। जबकि उनके ही बेटे और कांग्रेस के नेता सत्यजीत तांबे ने अपने पिता के खिलाफ मैदान में उतर कर निर्दलीय पर्चा भरा। इस वजह से कांग्रेस की जमकर किरकिरी हुई। इस धोखेबाजी और बगावत से नाराज पार्टी आलाकमान ने सबसे पहले सुधीर तांबे को निलंबित किया। फिर आज उनके बेटे और महाराष्ट्र युवक कांग्रेस (Maharashtra Youth Congress) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सत्यजीत तांबे को भी निलंबित कर दिया।

इस सीट पर सुधीर तांबे और ने अपने बेटे को इस चुनाव में जीत दिलाने के लिए अपना राजनीतिक कैरियर दांव पर लगा दिया। नामांकन दाखिल न करने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि अब महाविकास अघाड़ी के प्रत्याशी सत्यजीत तांबे होंगे। हालांकि, आलाकमान ने उनकी बातों को सिरे से खारिज करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि सत्यजीत तांबे को कांग्रेस समर्थन नहीं देगी।

मातोश्री पर महाविकास अघाड़ी की बैठक
इसके बाद आनन-फानन में मातोश्री पर महाविकास अघाड़ी के नेताओं की बैठक हुई। जिसमें यह तय किया गया कि शुभांगी पाटिल नाम की निर्दलीय प्रत्याशी को महाविकास अघाड़ी की तरफ से समर्थन दिया जाएगा। दूसरी तरफ सत्यजीत तांबे ने बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस से इस चुनाव में मदद मांगी है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि यह पूरा सियासी ड्रामा बीजेपी की साजिश का नतीजा है। दरअसल, कुछ दिन पहले सत्यजीत तांबे की एक किताब के अनावरण के मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें बीजेपी में आने का न्योता दिया था। उसके बाद से ही सत्यजीत तांबे के बीजेपी में जाने की अटकलें लगनी शुरू हो गई थी। इस विधान परिषद चुनाव में सत्यजीत तांबे ने बीजेपी में डायरेक्ट एंट्री तो नहीं ली है लेकिन सियासी गलियारों में यह चर्चा आम है कि यह सब कुछ बीजेपी के इशारे पर ही हुआ है।

नाक का सवाल बनी नासिक सीट
नासिक विधान परिषद चुनाव की सीट इस समय महाविकास अघाड़ी की सदस्य कांग्रेस और तांबे परिवार के लिए नाक का सवाल बनी हुई है। इस चुनाव में तांबे परिवार ने अपनी राजनीतिक विरासत और साख को दांव पर लगा दिया है। वहीं दूसरी तरफ इतनी बड़ी बगावत से तिलमिलाई कांग्रेस किसी भी सूरत में सत्यजीत तांबे को आसानी से जीतने देने के मूड में नजर नहीं आ रही है। इस चुनाव में अगर सत्यजीत तांबे को जीत नहीं मिलती है तो यह बिल्कुल उस कहावत के जैसा हो जाएगा कि ‘न घर के रहे और न घाट के’ क्योंकि अगर सत्यजीत तांबे के पिता सुधीर तांबे कांग्रेस के टिकट पर यह चुनाव लड़ते तो संभवत उनकी जीत तय थी। हालांकि, पुत्र मोह में फंसकर उन्होंने जो कदम उठाया है वह उनके लिए कैसा साबित होगा? यह आने वाले कुछ दिनों में तय होगा।

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