मायावती ने कांग्रेस के सामने रख दी यह बड़ी मांग, अगर नहीं हुई पूरी तो भुगतना पड़ेगा भारी नुकसान

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नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बसपा में काफी समय से गठबंधन की काफी कोशिश की जा रही है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की तरफ से बसपा के साथ गठबंधन करने की पूरी कोशिश की जा रही है. वहीं दूसरी ओर पता चला है कि मायावती सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं बल्कि सभी चुनावी राज्यों में कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती है.

बसपा द्वारा की गई इस मांग की वजह से कांग्रेस आलाकमान परेशानी में पड़ा 

बसपा द्वारा की गई इस मांग की वजह से कांग्रेस आलाकमान परेशानी में पड़ गया है. बता दें कि इस साल के आखिर में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले है. इन चुनावों में गठबंधन की कोशिशों के बीच में कांग्रेस सूत्रों से पता चला है कि बसपा तीनों राज्यों में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के इरादे में है. वहीं कांग्रेस बहरहाल सिर्फ उन राज्यों में बसपा के साथ गठबंधन करने की सोचा रही है जहां इसकी जरूरत है पर बसपा अपने इरादों में अडिग है कि अगर गठबंधन होगा तो सभी चुनावी राज्यों में होगा, नहीं तो नहीं होगा.

पार्टी की राजस्थान यूनिट बसपा के साथ गठबंधन को लेकर इच्छुक

इस पर कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है कि इस मुद्दों को काफी सावधानी से हैंडल करने की जरूरत है क्योंकि पार्टी की राजस्थान यूनिट बसपा के साथ गठबंधन को लेकर इच्छुक नहीं दिख रही है. कांग्रेस की मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ यूनिट को साफ रूप से पता है कि दलित वोटों का साथ चुनाव में एक बड़ा अंतर पैदा कर सकता है. जो की दोनों राज्यों में निरंतर 15 साल से चली आ रही भाजपा की सत्ता में रोक लगा सकती है.

राजस्थान में कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि वो अपनी बदौलत ही सत्ता में आने वाली

लेकिन दूसरी तरफ देखा जाए तो राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां पर कांग्रेस को अपने बदौलत जीतने की पूरी उम्मीद है. दरअसल, राजस्थान में इस वक्त भाजपा की सरकार है पर कांग्रेस की स्टेट यूनिट को इस चुनाव में इस बार अपना नंबर लग रहा है. सूत्रों का अनुमान है कि कांग्रेस राजस्थान में बसपा द्वारा सीटों की मांग को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उसके साथ गठबंधन की राह में रोड़ा नहीं बनने देगी. जानकारी के अनुसार, राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख सचिन पायलट ने बसपा के साथ गठबंधन को लेकर इंकार नहीं किया है, बल्कि सूबे की राजनीती हकीकत को उजागार किया है.

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बता दें कि कुछ दिनों पहले ही चुनावी राज्यों में गठबंधन के मुद्दे पर विचार-विमर्श को लेकर कांग्रेस की एक बैठक हुई है. इस दौरान उन्होंने सीट की मांग को लेकर काफी गंभीरता से वार्ता भी है. लेकिन पार्टी चाहती है कि बसपा को कुछ सीटों से ही संतुष्ट किया जा सकें.