Mafia Don Mukhtar Ansari Update: गुनाह की दुनिया का बादशाह मुख्तार अंसारी पर हजरतगंज पुलिस ने लगाया था गैंगस्टर | Hazratganj Police had accused Mukhtar Ansari, mafia of Purvanchal, as gangster | News 4 Social
कृष्णा नगर कोतवाली,आलमबाग कोतवाली और हजरतगंज थाने में दर्ज मुकदमा
माफिया पर साल 1999 में हत्या, हत्या का प्रयास और साजिश के आरोप में हजरतगंज पुलिस ने पहला मुकदमा दर्ज किया गया था, जबकि इसी वर्ष कृष्णानगर कोतवाली में माफिया मुख्तार अंसारी पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। हजरतगंज पुलिस ने अपनी केस डायरी में मुख्तार को गैंगस्टर बनाया था। वर्ष 2000 में आलमबाग कोतवाली में मुख्तार अंसारी पर चौथा मुकदमा दर्ज हुआ था।
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Mukhtar Ansari Death: मुख्तार अंसारी का लखनऊ कनेक्शन, खुली जिप्सी में लहराता था हाथों से राइफल
इसके बाद वर्ष 2002 में हजरतगंज पुलिस ने मुख्तार पर आम्स एक्ट की कार्रवाई की थी। वर्ष 2003 में सरकारी संपत्ति नष्ट कर जान से मारने धमकी देने के आरोप में आलमबाग कोतवाली में मुख्तार पर छठा मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके अलावा वर्ष 2004 में कैट और 2020 में हजरतगंज पुलिस ने जालसाजी, कूटरचना और साजिश के मामले दर्ज किए गए।
बेशकीमती जमीनों पर मुख्तार कर लेता था कब्जा
लखनऊ में माफिया मुख्तार अंसारी अभी भी कई गुर्गे मौजूद है। इसका जिक्र कर कई लोगों ने विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज करा चुके है। मुख्तार के गुर्गे उसके इशारे पर नामी बिल्डर को डरा-धमका बेशकीमती जमीनों पर कब्जा कर लेते थे। अक्टूबर 2023 में आयकर विभाग ने बेनामी एक्ट के तहत मुख्तार की लखनऊ के डाली बाग स्थित दो संपत्तियों को कुर्क किया था। इसके अलावा दिसंबर 2023 में कैसरबाग पुलिस ने मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर शोएब इकबाल, मोनिस इकबाल, सिराज अहमद और माइकल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
भ्रामकता फैलाने पर होगी कार्रवाई
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि माफिया की मौत पर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। जेसीपी ने अधीनस्थों के माध्यम से बुद्धिजीवियों से आग्रह किया कि शहर में शांति-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए अपना योगदान दें। किसी भी भ्रामक तथ्यों पर अपना ध्यान केंद्रित न करें।
मुख्तार की मौत के बाद पुलिस की बढ़ी पेट्रोलिंग
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद राजधानी पुलिस पूरी तरह से सक्रिय हो गई। माफिया के लखनऊ से जुड़े कनेक्शन को देखते हुए शहर में किसी भी तरह की अराजकता न फैले। इसके लिए पुलिस रात भर पेट्रोलिंग करती रही। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी पुलिस भ्रामक सूचनाओं और अफवाहों पर भी निगरानी करती रही। पुलिस सूत्रों का कहना है कि फेसबुक पर माफिया मुख्तार अंसारी के नाम से बनी प्रोफाइल और समर्थकों द्वारा बनाए गए लाइक पेज पर भी पुलिस टीम निगरानी कर रही है।
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कृष्णा नगर कोतवाली,आलमबाग कोतवाली और हजरतगंज थाने में दर्ज मुकदमा
माफिया पर साल 1999 में हत्या, हत्या का प्रयास और साजिश के आरोप में हजरतगंज पुलिस ने पहला मुकदमा दर्ज किया गया था, जबकि इसी वर्ष कृष्णानगर कोतवाली में माफिया मुख्तार अंसारी पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। हजरतगंज पुलिस ने अपनी केस डायरी में मुख्तार को गैंगस्टर बनाया था। वर्ष 2000 में आलमबाग कोतवाली में मुख्तार अंसारी पर चौथा मुकदमा दर्ज हुआ था।
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इसके बाद वर्ष 2002 में हजरतगंज पुलिस ने मुख्तार पर आम्स एक्ट की कार्रवाई की थी। वर्ष 2003 में सरकारी संपत्ति नष्ट कर जान से मारने धमकी देने के आरोप में आलमबाग कोतवाली में मुख्तार पर छठा मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके अलावा वर्ष 2004 में कैट और 2020 में हजरतगंज पुलिस ने जालसाजी, कूटरचना और साजिश के मामले दर्ज किए गए।
बेशकीमती जमीनों पर मुख्तार कर लेता था कब्जा
लखनऊ में माफिया मुख्तार अंसारी अभी भी कई गुर्गे मौजूद है। इसका जिक्र कर कई लोगों ने विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज करा चुके है। मुख्तार के गुर्गे उसके इशारे पर नामी बिल्डर को डरा-धमका बेशकीमती जमीनों पर कब्जा कर लेते थे। अक्टूबर 2023 में आयकर विभाग ने बेनामी एक्ट के तहत मुख्तार की लखनऊ के डाली बाग स्थित दो संपत्तियों को कुर्क किया था। इसके अलावा दिसंबर 2023 में कैसरबाग पुलिस ने मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर शोएब इकबाल, मोनिस इकबाल, सिराज अहमद और माइकल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
भ्रामकता फैलाने पर होगी कार्रवाई
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि माफिया की मौत पर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। जेसीपी ने अधीनस्थों के माध्यम से बुद्धिजीवियों से आग्रह किया कि शहर में शांति-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए अपना योगदान दें। किसी भी भ्रामक तथ्यों पर अपना ध्यान केंद्रित न करें।
मुख्तार की मौत के बाद पुलिस की बढ़ी पेट्रोलिंग
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद राजधानी पुलिस पूरी तरह से सक्रिय हो गई। माफिया के लखनऊ से जुड़े कनेक्शन को देखते हुए शहर में किसी भी तरह की अराजकता न फैले। इसके लिए पुलिस रात भर पेट्रोलिंग करती रही। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी पुलिस भ्रामक सूचनाओं और अफवाहों पर भी निगरानी करती रही। पुलिस सूत्रों का कहना है कि फेसबुक पर माफिया मुख्तार अंसारी के नाम से बनी प्रोफाइल और समर्थकों द्वारा बनाए गए लाइक पेज पर भी पुलिस टीम निगरानी कर रही है।