मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने कमलनाथ नें वंदे मातरम् को लेकर अपना रुख पलट दिया है। आपको बता दें की जब भाजपा की सरकार मध्यप्रदेश में थी तो उस वक्त शिवराज सिंह चौहान की आगुवाही में संस्थानों में वंदे मातरम् का गायन किया जाता था लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार नें कहा की कई सालों से चली आ रही वंदे मातरम् की परंपरा को नहीं बनाए रखेंगे।
भाजपा नें किया विरोध
इसके बाद भाजपा की सरकार नें कमलनाथ के बयान का विरोध करना शुरु कर दिया। मध्यप्रेदश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नें कहा की अगर कमलनाथ की सरकार मंत्रालय परिसद में वंदे मातरम् का आयोजन नहीं करते है तो मैं खुद वहां पर जाकर वंदे मातरम् का गाना गाऊंगा। इसके बाद कमलनाथ सरकार को अपना निर्णय बदलना पड़ा।
सामूहिक वंदे मातरम् गान का आयोजन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया जाता है. वर्तमान में यह विभाग मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास है, लिहाजा भाजपा ने सीधे तौर पर कमलनाथ पर हमले तेज कर दिए। भाजपा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक जनवरी से वंदे मातरम् गायन बंद करके प्रदेश के राष्ट्रभक्त नागरिकों को नए साल का तोहफा दिया है। लेकिन ऐसा करके कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ ने आने वाले लोकसभा चुनाव का एजेंडा सेट कर दिया है।