मोदी कैबिनेट में एक भी मंत्री न बनाये जाने से खफा बिहार के मुख्यमंत्री ने नीतीश कुमार ने जेडीयू और केंद्र में सत्तारूढ़ राजग से अपने संबंधो को लेकर अपना बयान शनिवार को दिया था. इस मसले पर चुप्पी तोड़ते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि, “हम पहले भी साथ थे और आगे भी साथ रहेंगे”
इस बयान के अगले दिन ही जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि जेडीयू बिहार के बाहर राजग का हिस्सा नही होगी. बैठक में हुए फैसले के मुताबिक आने वाले विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड अकेले चुनाव लड़ेगी.
आने वाले विधानसभा चुनावों की बात करें तो कुछ प्रमुख राज्यों में चुनाव होने हैं जिसमे दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड और हरियाणा शामिल है. और पार्टी ने यह फैसला लिया है कि वो इन राज्यों में चुनाव अकेले अपने डीएम पर रहेगी.
हालाँकि भाजपा और जेडीयू के मतभेद के अटकलों के बीच अमित शाह ने ये साफ किया था कि वे बहुमत में ज़रूर हैं लेकिन फिर भी वो सबको बराबर का मौका देने की कोशिश कर रहे हैं. इसके पहले बिहार के मंत्रिमंडल के विस्तार में नीतीश कुमार ने 8 जेडीयू के नेताओं को मंत्रिपद की शपथ दिलाई थी, बता दें कि इसमें कोई भी भाजपा नेता शामिल नही था.
इसके अलावा रविवार को संपन्न हुए बैठक में जनता दल यूनाईटेड के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर, नीतीश कुमार समेत समेत के सी त्यागी जैसे बड़े नेता मौजूद थे.