जब लोग ही भारतीय रेलों को पहुंचा रहे है नुकसान तो सरकार भी क्या करें

202

भारतीय लोग हमेशा से ही भारतीय रेल की ख़राब हालत के लिए सरकार को दोषी मानते आए है। लोगों का हमेशा से ही मानना होता है की भारतीय सरकार रेलवे पर अपना ध्यान नहीं दे रही है जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रेल में बहुत सारी ऐसी चीजें होती है जिसका इस्तेमाल लोग अपने कामों के लिए करते है।

two lakh towels theft from indian railway 1 news4social -

यात्रियों नें एक साल में रेल में यात्रा करने के दौरान 2 लाख़ तौलिए चुरा लिए है

ख़बर है की पिछले एक साल में रेलवे में यात्रा के दौरान लोगों नें 2 लाख़ तौलिए चुरा लिए है। आप को बता दें की लोगों ने न ही केवल तौलिए चुराए है बल्कि 81,736 चादरें, 5038 तकिए, 55,573 तकिए के कवर, और 7,043 कंबल चुरा लिए है। यहां तक की यात्रियों नें टॉयलेट मग को भी नहीं छोडा पूरे साल 200 टॉयेलट मग चुरा लिए है। यात्रियों नें और भी चीजें चुराई है। आप को बता दे की बीते 4 सालों में रेलवे को 4 हज़ार करोड़ का घाटा उठाना पड रहा है।

ट्रेन से गायब हुए तकिया-चादर जैसी चीजों का नुकसान कोच अटेंडेंट को उठाना पड़ता है वहीं अगर बाथरूम से कोई चीज चोरी होती है तो उसका नुकसान भारतीय रेलवे को ही उठाना पड़ेगा.

two lakh towels theft from indian railway 2 news4social -

मिली जानकारी के मुताबिक ट्रेन में मिलने वाली बेडशीट की कीमत 132 रुपए होती है, वहीं तौलिए की कीमत 22 रुपए और तकिया 25 रुपए की होती है. ट्रेनों में चोरियों की घटना को रोकने के लिए सरकार के प्रयास कुछ खास असर डालते नहीं दिख रहे हैं।