जश्न: आज भारत अपना 70वां सेना दिवस मना रहा है

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किसी भी देश की नींव उसकी सरकार होती है. और उस नींव की मजबूती उसकी सेना होती है. इस लिहाज़ से भारत हमेशा से बहुत खुशनसीब रहा है. आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद भी भारतीय सेना ने हर मुश्किल वक़्त में देश की आन-बान की रक्षा की है.

आज इसी गौरवशाली भारतीय सेना का बहुत्र ख़ास दिन है. आज इंडियन आर्मी अपना 70 वां “आर्मी डे” मना रही है. ये दिन ना सिर्फ सेना बल्कि देश के हर नागरिक के लिए गर्व और रश्क का का प्रतीक है. इस खासे मौके पर देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सेना को बधाई दी है.

प्रथम नागरिक का प्यारभरा संदेश

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुबह-सुबह ट्वीट कर सेना को बधाई दी. उन्होंने लिखा, ‘सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के सभी फौजी भाई-बहनों, युद्धवीरों और वर्दीधारी सैनिकों के परिवारजनों को बधाई. आप हमारे राष्ट्र के गौरव हैं और हमारी आज़ादी के रखवाले. हर भारतीय चैन की नींद सो सकता है, क्योंकि उसे भरोसा है कि आप चौकन्ने और सतर्क रहते हैं.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सेना दिवस के ख़ास मौके पर जवानो के नाम एक सन्देश लिखा. उन्होंने कहा, “सेना दिवस के मौके पर मैं जवानों और उनके परिवारों को बधाई देता हूं. भारत का हर नागरिक सेना पर यकीन रखता है, जो राष्ट्र की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहती है.”

Indian Pride -

इन दो हस्तियों के अलावा पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने भी आर्मी डे के अवसर पर सेना को याद किया. उन्होंने ट्वीट करके कहा, “ये तिरंगा हवा के झोंकों से नहीं फहरता, बल्कि उन सैनिकों की आखिरी सांसों से फहरता है जिन्होंने देश पर प्राण न्यौछावर कर दिए. सेना दिवस पर उन जांबांजों को मेरा सलाम जो भारत की ढाल भी हैं और तलवार भी.”

इसलिए मनाते हैं सेना दिवस

भारतीय सेना आज के ही दिन सेना दिवस क्यूं मानती है? दरअसल ये दिन भारतीय सेना के लिए एक याफ्दगार है. आज के ही दिन भारतीय सेना पूरी तरह से आज़ाद हो गई थी और भारत की सेना की कमान पहली बार एक भारतीय को सौंप दी गई थी. आज से 70 साल पहले ‘कमान कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा (केएम करिअप्पा)’ ने इसकी बाघ्दोर अपने हाथ में ली थी. भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा (K.M Cariappa) थे. इसके बाद उन्होंने कई सालों तक  भारत का नेतृत्व किया. उन्होंने साल 1947 में हुए भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व भी किया.