NRC पर भारत ने यूरोपीय संसद में कहा CAA हमारा अंदरूनी मामला

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NRC पर भारत ने यूरोपीय संसद में कहा CAA हमारा अंदरूनी मामला

CAA को लेकर काफी कुछ देखने को मिला है. जिसमें कई लोगों का प्रदर्शन भी देखने को मिला है. इसी को चलते कई लोग इस मामले पर अपनी-अपनी राय दे रहें। केवल लोग ही आपस में इस मुद्दे को लेकर नहीं बोल रहें है बल्कि बाहरी देश भी इस मामले में दखल-अंदाजी कर रहें। जिसे लेकर भारत ने बयान दिया है कि यह उसका अपना नीजि और अंदरूनी मामला है.

भारत ने कहा कि यूरोपियन संघ के संसद में नागरिकता कानून को लेकर मतदान से पहले ये हमारा अंदरूनी मामला है और ईयू संसद को इस तरह के मामले से खुद को दूर रखना चाहिए जिससे चुने गए सांसदों पर लोग सवाल ना खड़े कर सके |

भारत ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि ये विधेयक हमने अपने दोनों सदनों में बहस के बाद लोकतांत्रिक माध्यम से पारित किया है |
सूत्रों के हवाले से खबर है कि ईयू संसद सीएए के खिलाफ कुछ सदस्यों द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर बहस और मतदान करेगी।

संसद में इस सप्ताह की शुरुआत में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट समूह ने प्रस्ताव पेश किया था जिस पर 29 जनवरी को बहस होगी और इसके एक दिन बाद मतदान होगा।

यूरोपियन संघ संसद के प्रस्ताव में कहा गया है, ”सीएए भारत में नागरिकता तय करने के तरीके में खतरनाक बदलाव करेगा। इससे नागरिकता विहीन लोगों के संबंध में बड़ा संकट विश्व में पैदा हो सकता है और यह बड़ी मानव पीड़ा का कारण बन सकता है।

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सीएए भारत में पिछले साल दिसंबर में लागू किया गया था, जिसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत सरकार का कहना है कि नया कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता है, बल्कि इसे पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों की रक्षा करने और उन्हें नागरिकता देने के लिए लाया गया है।

इस प्रस्ताव में भारत से अपील की गई है कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ ‘रचनात्मक बातचीत’ हो और ‘भेदभावपूर्ण सीएए’ को निरस्त करने की उनकी मांग पर विचार किया जाए।

एक दिन पहले ही अमेरिका की टॉप राजनियक ने भी भारत के कानून को लेकर टिप्पणी की है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने कहा कि कानून के तहत सभी को बराबर संरक्षण दिया जाए। हाल ही में दिल्ली से लौटीं वेल्स ने कहा कि सड़कों पर, विपक्ष, मीडिया या फिर कोर्ट में गहन लोकतांत्रिक परख हो रही है। हम कानून के तहत सभी को बराबर संरक्षण के सिद्धांत की महत्ता को रेखांकित करते हैं।’

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फिलहाल सीएए का मामला इतना बढ़ गया है कि अब दिल्ली चुनाव में भी इस मुद्दे को लेकर काफी काफी सियासी चाले भी चली जा रही है और एक दूसरे पर तंज कसने का मामला जारी है।

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