उत्तर प्रदेश में छोटे मंदिर-मठों और गौशालाओं को मिली बिजली बिलों में भारी छूट

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उत्तर प्रदेश: यूपी में छोटे मंदिर-मठों और गौशालाओं को मिली खुशखबरी. जी हां, छोटे मंदिर-मठों और गौशालाओं को बिजली के बिलों में भारी छूट मिली है.

आपको बता दें कि पांच किलोवाट तक के कनेक्शन वाले धार्मिक आश्रम या मठ जो चैरिटेबल ट्रस्ट में पंजीकृत हैं, उनसे अब घरेलू टैरिफ के मुताबिक बिल लिया जाएगा. इस पहले बिलिंग कॉमर्शियल टैरिफ में होता था. इसी प्रकार पांच हार्सपावर तक गौशालाओं की बिलिंग भी नलकूप के टैरिफ के अनुरूप ही की जाएगी. इससे पहले बिलिंग भी कामर्शियल टैरिफ के अनुरूप होती थी. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है.  विद्युत नियामक आयोग के इस निर्देश से लाखों छोटे धार्मिक मठों-मंदिरों और धर्मशालाओं आदि को इसका भरपूर लाभ मिलेगा.

आपको बता दें कि घरेलू टैरिफ और नलकूप श्रेणी में बिलिंग होने से इन छोटे संस्थाओं गौशालाओं को हर माह 500 से 1000 रुपये का सीधा लाभ होगा. आयोग ने इनकी श्रेणी में बदलाव करने के इस निर्देश को जारी करते हुए बताया है कि इन संस्थाओं में किसी प्रकार की कोई व्यवसायिक गतिविधियां नहीं हो रही हों, तभी यह मान्य होगा.

न्यूनतम चार्ज से मिला छुटकारा

पांच किलोवाट के कॉमर्शियल कनेक्शन लेने वाली संस्थाओं को हर माह 1750 रूपये न्यूनतम चार्ज देना पड़ता था. लेकिन अब इससे निजात मिल चुका है. वहीं अधिक उपयोग होने पर कामर्शियल टैरिफ की प्रति यूनिट नौ रूपये देने पड़ती है, लेकिन घरेलू में यह अधिकतम सात रूपये प्रति यूनिट ही पड़ती  है. बता दें कि इस पहल से गौशालाओं को भी बढ़ावा मिलेगा. इससे किसानों और गौपालकों समेत उन संस्थाओं को भी राहत मिलेगी जो गौशालाएं चला रही हैं.