कैसे समाप्त होगी भारत में जाति धर्म की राजनीति ? ( How will caste religion politics end in India? )
भारत एक लोकतांत्रिक देश है. जहां की सरकार यहां की जनता द्वारा चुनी जाती है. ये भारत के लोगों के लिए सौभाग्य की बात है कि हमारे देश के संविधान निर्माताओं ने देश के सभी नागरिकों को समान अवसर उपलब्ध करवाएं है. कोई भी व्यक्ति अपनी काबलियत से देश के बड़े से बड़े पद पर पहुंच सकता है. लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि अपने स्वार्थ के कारण तथा तुच्छ राजनीति के कारण हमारे देश के नागरिकों को अनेंक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. यह हमारे देश की तरक्की में बहुत बड़ी बाधा है. लोकतंत्र प्रणाली के भी अपने कुछ दोष होते हैं. इसी कारण इससे संबंधित लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर लोगों के मन में होता है कि कैसे समाप्त होगी भारत में जाति धर्म की राजनीति ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी समस्या पर बात करते हैं तथा इसका समाधान जानने की कोशिश करते हैं.
भारत में जाति धर्म की राजनीति क्यों –
किसी भी समस्या के समाधान से पहले हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर इस समस्या की शुरूआत कहां से हुई. समस्या की जड़ तक पहुँचे बिना हम किसी भी समस्या का समाधान अच्छे से नहीं कर पाएंगें. दरअसल, भारत लोकतांत्रिक देश होने के कारण यहां के नेता यहां की जनता चुनती है. अब वोट बैंक को अपनी तरफ आकर्षित करने का तथा चुनाव में जीतने का आसान और शोर्ट कट यहीं है कि लोगों को धर्म और जाति के आधार पर बांट दो. जिस जाति या धर्म के लोग उस क्षेत्र में ज्यादा होगें. उनको जीत हासिल हो जाएगी तथा इससे बहुसंख्यकों का दबदबा वहां बना रहता है. इंसान का अपने धर्म व जाति के प्रति आस्था या विश्वास बहुत गहरा होता है. इसी कारण इनके आधार पर बांटना आसान होता है. नेता अपने स्वार्थ के लिए इसका फायदा उठाते हैं.
क्या समाप्त हो सकती है भारत में जाति धर्म की राजनीति-
समस्या को जानने के बाद एक समस्या और पैदा हो जाती है. अब सवाल यह पैदा होता है कि क्या सच में ऐसा संभव है कि भारत में जाति और धर्म की राजनीति खत्म हो जाएं. अगर ईमानदारी से इसका जवाब देने की कोशिश करें, तो इसका जवाब होगा- शायद ही कभी खत्म हो पाए. हमारे देश में जाति और धर्म के आधार पर फूट की जड़े इतनी गहराई तक जा चुकी हैं कि शायद भारत से कभी ये जाति या धर्म की राजनीति खत्म नहीं हो पाएगी. लेकिन फिर भी कहा जाता है कि इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. अगर हमारे देश की युवा पीढ़ी अगर इस स्वार्थ से बाहन निकलकर कुछ अच्छा सोच पाई तो इसको बिल्कुल असंभव भी नहीं कहा जा सकता है.
यह भी पढ़ें : राज्यसभा को स्थाई सदन क्यों कहा जाता है ?
भारत में जाति व धर्म की राजनीति को खत्म करने के उपाय-
अगर हम सच्चे नागरिक के तौर पर इस धर्म और जाति की राजनीति को खत्म करना चाहते हैं , तो इसके लिए हमारा सबसे मजबूत हथियार शिक्षा होने वाला है. शिक्षा के आधार पर हमारे युवाओं को ये अहसास हो कि धर्म और जाति की बात करने वाले नेता हमारे देश की एकता के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं. युवा शिक्षा के द्वारा दूसरे धर्मों के बारे में पढ़े तथा जाति की शुरूआत के इतिहास के बारे में पढ़े. तब उसको अहसास होगा कि आखिर ये धर्म और जाति बनाए क्यों गए थे. इंसान की सिर्फ एक ही जाति होती है, वो है मानवता. जो भी नेता धर्म या जाति के आधार पर जीत की उम्मीद लगाए बैठा है , उसको जनता को वोट की चोट से सबक सिखाना चाहिएं. इसके साथ ही इस राजनीति को खत्म करने में हमारे चुनाव आयोग की भी अहम भूमिका हो सकती है. धर्म व जाति के आधार पर राजनीति करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना चाहिएं. इसके अलावा जनता में जागरूकता एक बड़ा रोल प्ले करेगी कि वह धर्म और जाति के आधार पर वोट ही ना करें. क्षेत्र के योग्य उम्मीदवार को वोट दे.
Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc.