हर साल भाद्रपक्ष के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है की इस दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। इसी दिन से श्रीगणेश के 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत होती है।
भगवान श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना करते वक़्त कुछ बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। यहां हम आपको कुछ ऐसी ही आवश्यक बातों के बारे में बता रहे है-
- किस जगह कैसी मूर्ति रखना होगा शुभ ?
घर में भगवान गणेश की बैठी मुद्रा में और दुकान या ऑफिस में खड़े गणपति की मूर्ति या तस्वीर रखना बहुत ही शुभ माना जाता है।
- किस ओर हो श्रीगणेश की सूंड ?
आप जिस मूर्ति को घर में स्थापित करें, उसकी सूंड बाईं ओर होनी चाहिये, जो उनकी मां गौरी के प्रति उनका प्यार दर्शाता है। कई लोग मां गौरी और भगवान गणेश को एक साथ पूजते हैं। लेकिन आप सिर्फ मूर्ति की स्थापना से पहले सूंड की दिशा की ओर ध्यान दें।
- क्या राज है भगवान गणेश की पीठ में?
भगवान गणेश की मूर्ति घर में इस प्रकार स्थापित करनी चाहिये कि उनकी पीठ घर के किसी भी कमरे की ओर न हों। माना जाता है कि भगवान की पीठ दिखने से घर में अशांति आती है और समृद्धि चली जाती है। भगवान गणेश की पीठ आपके घर के बाहर की ओर दिखना चाहिये।
- ख़ास होती है सिंदूरी एवं चांदी के धातु की प्रतिमा
सर्व मंगल की कामना करने वालों को सिंदूरी रंग के गणपति की आराधना करनी चाहिए। कई परिवार घरों में चांदी के भगवान गणेश स्थापित करते हैं। अगर आपके भगवान गणेश धातु के हैं, तो इसे उत्तर पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थापित करें।
- भूलकर भी सीढ़ियों के नीचे गणेश जी की स्थापना न करें
अगर आप ड्यूप्लेक्स या बंगले में रहते है, तो कभी भी सीढि़यों के नीचे भगवान की मूर्ति को स्थापित न करें, क्योंकि लोग सारा दिन सीढि़यों से ऊपर नीचे आते जाते रहते है और धर्म के अनुसार, यह ईश्वर का अपमान है।वास्तु के हिसाब से ऐसा करने से घर में दुर्भाग्य आता है।
- भगवान गणेश जी का आवास-काल
ये जातक के ऊपर निर्भर करता है कि वो अपने घर में गणेश जी की मूर्ति को कितने दिनों के लिए लेकर आया है। लोग गणेश जी को 1 दिन, 3 दिन, 5 दिन या 7 दिन के लिए लाते हैं तो कहीं-कहीं पर पूरे 10 दिन तक के लिए गणपति जी विराजते हैं, लेकिन इस साल ये 11 दिन तक मनाया जाता है।
- गजानन को क्यों प्रिय है मोदक का भोग
गणेश जी को मोदक या लड्डू अच्छे लगते हैं। बप्पा को मोतीचूर के लड्डू भी पसंद हैं। शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू भी गणेश जी को चढ़ाए जाते हैं। इसके अलावा आप इन्हें बूंदी के लड्डू भी अर्पित कर सकते हैं।
- इस दिन क्यों न देंखे चंद्रमा
मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से कलंक का भागी बनना पड़ता है, क्योंकि एक बार चंद्रमा ने गणेश जी का गजमुख व लंबोदर रूप देखकर उनका मजाक उड़ाया था। गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दे दिया कि आज से जो भी तुम्हें देखेगा उसे मिथ्या कलंक लगेगा।
- भगवान गणेश जी की मूर्ति विसर्जन
जातक अपने घर में विराजित भगवान गणेश जी की मूर्ति को नियम अनुसार विसर्जित कर सकतें है| मूर्ति विसर्जन हमेशा तालाब या किसी नदी में घर के किसी पुरूष के हाथों ही होनि चाहिए।