Good News: मैकेनिक से बना किसान ,सब्जियां उगाकर 4 साल में आमदनी बढ़ाई 11 गुना, पढ़ें सक्सेस स्टोरी

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Good News: मैकेनिक से बना किसान ,सब्जियां उगाकर 4 साल में आमदनी बढ़ाई 11 गुना, पढ़ें सक्सेस स्टोरी

Good News: मैकेनिक से बना किसान ,सब्जियां उगाकर 4 साल में आमदनी बढ़ाई 11 गुना, पढ़ें सक्सेस स्टोरी

भीलवाड़ा : मेहनत का फल मीठा होता है। इस बात को किसान रामेश्वर सुथार ने सार्थक कर दिया है। सुथार ने हायर सेकेंडरी परीक्षा पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद कई साल तक इलेक्ट्रिक मोटर रीबाइडिंग का काम किया। यह करते-करते वह एक किसान मित्र के संपर्क में आए। इसके बाद खुद एक प्रोग्रेसिव फार्मर बन गए। किसान रामेश्वर सुथार अब 4 साल में अपनी 6 बीघा जमीन में सब्जियों की खेती कर रहे हैं। सब्जियों से 4 साल में अपनी आमदनी 11 गुना बढ़ाई कर वो इन दिनों चर्चा में है। सारा खर्चा निकाल कर सालाना 10 से 12 लाख रुपए की कमाई करने लगे हैं। किसान रामेश्वर सुथार कहते हैं कि पहले खेतों से मात्र 1 लाख रुपये की इनकम होती थी। मगर आधुनिक तकनीक से सब्जी उत्पादन करने से अब यह मेरी आय का आंकड़ा 11 गुना बढ़कर यानी 1100000 रुपए सालाना तक हो चुका है।

ऐसे मिला सुथार को प्रेरणा

किसान रामेश्वर सुथार ने पढ़ाई छोड़ने के बाद इलेक्ट्रिक मोटर रिवाइंडिंग का काम शुरू किया। फिर बेटे को यह काम सौंप कर उन्होंने खेती शुरू की की। फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। चित्तौड़गढ़ जिले के रामपुरिया गांव के किसान रामेश्वर सुथार की नवाचारों के साथ खेती की ओर आकर्षित होने की कहानी भी दिलचस्प है। वह बताते हैं कि मोटर रिवाइंडिंग करते-करते उनका संपर्क महाराष्ट्र राज्य के सतारा जिले के प्रोग्रेसिव फार्मर उमेश गाडे से हुआ। उन्होंने 5 साल के लिए अपने गांव के आसपास 65 बीघा जमीन लीज पर दिलवाई थी। जिस पर गाड़े ने स्ट्रॉबेरी की 2 साल तक फसल लगाकर लाखों की कमाई की थी। बस यही से रामेश्वर सुथार को प्रेरणा मिली।

इस तरह खेती कर कमा रहे मुनाफा

इस तरह खेती कर कमा रहे मुनाफा

सुथार के दिमाग में आया कि जब मेरे खुद के पास 10 -12 बीघा जमीन है। तो फिर मैं क्यों नहीं खेती करूं। रामेश्वर सुथार की मदद से अब गाड़े 90 एकड़ जमीन साल 2031 तक लीज पर लेकर खेती कर रहे हैं।
प्रगतिशील किसान रामेश्वर सुथार ने बताया कि मेरी 10-12 बीघा जमीन में से मैंने कुल 6 बीघा जमीन पर सब्जियों की तीन फसलों की खेती शुरू की। अभी मेरे खेत में शिमला मिर्च, टमाटर ,पीले रंग की मिर्च और पिकाडोर मिर्च की फसल तैयार है। इस समय पिकाडोर मिर्च का भाव 10- 12 रुपए प्रति किलो है।सीजन में मैंने इसे ₹38 प्रति किलो भी बेचा था। अभी मैंने डेढ़ बीघा ज़मीन में शिमला मिर्च 2 बीघा में, पीली मिर्च और एक बीघा में टमाटर की फसल लगा रखी है। कुछ जमीन गोभी की फसल की बुवाई की तैयारी के लिए खाली रख रखी है।

एक साथ तीन फसल उगाते हैं सुथार

एक साथ तीन फसल उगाते हैं सुथार

रामेश्वर सुथार ने बताया कि मैं साल में तीन फसल लेता हूं। गोभी की फसल बुवाई से उत्पादन और कटाई तक 90 दिन में तैयार हो जाती है। फिर खेत खाली हो जाता है। टमाटर की फसल 6 से 7 महीने तक अच्छा उत्पादन देती है। पीली मिर्च भी 6 से 7 महीने तक अच्छा उत्पादन देती है।

टमाटर ऑटोमेटिक कैरेट पैकिंग मशीन तैयार की

टमाटर ऑटोमेटिक कैरेट पैकिंग मशीन तैयार की

किसान रामेश्वर सुथार ने अपने खेत पर टमाटर की बंपर फसल होने पर आई मजदूरों की दिक्कत को ध्यान में रखते हुए ख़ुद ने एक टमाटर ग्रेडिंग मशीन तैयार की है। इसमें टमाटर साइज के अनुसार अलग-अलग होकर ऑटोमेटिक कैरेट पैक हो जाते हैं। इसमें लेबर आधी रह जाती है। किसान रामेश्वर सुथार ने अपने द्वारा ईजाद की गई। यह टमाटर ग्रेडिंग मशीन अब मध्य प्रदेश और पुणे में भी बेची है। इस मशीन की लंबाई 28 फीट है। अब यह एक स्प्रे मशीन बनाने में जुटे हुए हैं।

जानकारी के अभाव में असफल होते हैं किसान

जानकारी के अभाव में असफल होते हैं किसान

किसान रामेश्वर सुथार कहते हैं खेती में यदि कुदरत साथ दें। मौसम की प्रतिकूल मार ना हो और जानकारी पूरी हो। तो नौकरी से डबल कमाई खेती में हो जाती है। जानकारी के अभाव में किसान खेती में असफल हो जाते हैं। मेरी सफलता का बड़ा श्रेय मेरे किसान मित्र उमेश गाडे को जाता है।

​सब्जियों के साथ गेहूं का उत्पादन भी​

​सब्जियों के साथ गेहूं का उत्पादन भी​

रामेश्वर सुथार के पास सिंचाई के लिए ट्यूबवेल है। जल की बचत के लिए यह ड्रिप इरिगेशन सिस्टम उपयोग में लेते हैं सब्जियों की खेती के साथ-साथ कुछ हिस्से में यह गेहूं ,जो ,सोयाबीन आदि फसलों का उत्पादन भी करते हैं। इनका फोकस कम समय में अधिक पैदावार देने वाली सब्जी की फसलों पर रहता है। इसी अनुसार ही ये सब्जियों की किस्मों का चयन करते हैं।

खुद तैयार करते हैं जैविक कीटनाशक

खुद तैयार करते हैं जैविक कीटनाशक

जहां तक संभव होता है यह जैविक कीटनाशक तैयार कर उसी का उपयोग करते हैं। सब्जी उत्पादन से पहले इन्होंने नींबू के दो दर्जन पौधे लगाए थे और 8 साल में उनसे सालाना 10 ₹15000 की जब आमद होने लगी तो इनका खेती की ओर रुझान बढ़ने लगा। खेती के साथ-साथ यह पशुपालन भी करते हैं। इनके पास 3 भैंस और 2 गाय है, जिससे प्रतिदिन 15 से 20 लीटर दूध का उत्पादन हो जाता है। वहीं पशु अपशिष्ट से कंपोस्ट खाद तैयार हो जाता है। इसके अतिरिक्त यह जैव काढ़ा तैयार करते हैं। बर्मी कंपोस्ट लगाने की भी इन्होंने तैयारी कर रखी है। (रिपोर्ट : प्रमोद तिवारी)

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