देश की राजधानी दिल्ली में फ्लैट दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े के नाम का मामला सामने आया है। जहां एम.कॉम ग्रेजुएट ने लोगों को प्लैट दिलाने का नाम पर खरीदारों के पैसे हड़पकर फरार हो गया।
दरअसल, सैकड़ों लोगों को चूना लगाकर फरार हुए आरोपी जय प्रकाश सैनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा, बताया जा रहा है कि एम.कॉम ग्रेजुएट जय प्रकाश सैनी उर्फ त्रिलोक सिंह संधू दिल्ली के द्वारका में रियल एस्टेट कंसल्टेंट के रूप में काम करता था। उसने लोगों को बख्तावरपुर इलाके में फ्लैट दिलाने का भरोसा दिया था। उसने कहा कि उसके पास 30 एकड़ ज़मीन है जिसमें वेदांता वेलफेयर सोसायटी नाम से फ्लैट्स का निर्माण किया जा रहा है।
इस दौरान उसके झांसे में आए सैकड़ों लोगों ने करोड़ों रुपये देकर यहां फ्लैट बुक कर लिए, लेकिन जैसे ही लोग बताई गई लोकेशन पर फ्लैट देखने पहुंचे तो वहां कोई भी निर्माण कार्य नहीं हो रहा था और न ही जय प्रकाश सैनी की 30 एकड़ जमीन मिली। इसके बाद 2016 में सैनी के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज की गई. इसके बाद लगातार 47 लोगों ने सैनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
आरोपी सैनी पैसे लेकर दिल्ली से कोलकाता भाग गया और वहां नाम बदलकर रहने लगा। उसने अपना नया नाम त्रिलोक सिंह संधू रख लिया, लेकिन वो दिल्ली पुलिस की नजरों से बच नहीं सका। क्राइम ब्रांच ने उसे कोलकाता से धर दबोचा। फिलहाल इस मामले में आरोपी से पूछताछ चल रही है।
आरोपी के खिलाफ एफआईआर करने वाले पहले निवेशक ने बताया कि आरोपी जय सैनी ने उसे 4.4 करोड़ रुपये का चूना लगाया। निवेशक ने बताया कि उसने सैनी की बातों में आकर चार फ्लैट बुक कर दिए और उसे 34 लाख रुपये की पहली किश्त दे दी। जब तक उन्हें ठगे जाने का पता चलता तब तक वो उसे 4.4 करोड़ की रकम दे चुके थे।
लोगों ने बताया कि उन्होंने हाउसिंग प्रोजेक्ट की खूबियों को देखकर फ्लैट बुक किया था। अधिकांश ने दो से चार फ्लैट बुक किए। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अपराध अजीत के सिंगला ने बताया कि एम.कॉम पास सैनी धोखाधड़ी के पांच मामलों में वॉन्टेड अपराधी था और कोर्ट ने भी इसे घोषित अपराधी करार दिया था।