राजस्थान: चुनाव से पहले सुमित्रा सिंह ने बीजेपी को दिया झटका, थामा कांग्रेस का हाथ

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राजस्थान: राजस्थान में 7 दिसंबर को चुनाव होने वाले है जिसको लेकर सभी पार्टियों ने चुनावी समीकरण बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे में कोई भी पार्टी ये नहीं चाहेगी कि इस बार इस राज्य में सत्ता उनके हाथ से छीन जाए.

बता दें कि नौ बार विधायक रहा चुकी और झुंझुनूं से कद्दावर जाट नेता सुमित्रा सिंह ने गुरुवार को भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम है. सिंह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष रह चुकी है. बताया जा रहा है कि सुमित्रा का इस चुनावी जंग में अचानक से भाजपा के खेमे से कांग्रेस के खेमे में जाना काफी बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. सुमित्रा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अध्यक्ष सचिव पायलट और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अविनाश पांडे की अगुवाई में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की.

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झुंझुनूं क्षेत्र की कद्दावर जाट नेता

आपको बता दें कि सिंह झुंझुनूं क्षेत्र की कद्दावर जाट नेता हैं. उन्हें साल 2013 में बीजेपी द्वारा टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें बाहर कर दिया था. इस बार चुनाव होने से पहले उनके कांग्रेस में शामिल होने से झुंझुनूं सीट पर राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं.

भाजपा के लिए राजस्थान में खतरे की घंटी

सुमित्रा सिंह का कांग्रेस का हाथ थामना भाजपा के लिए बड़ा झटका है. वे नौ बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हो चुकी है. वह विधानसभा की पहली महिला अध्यक्षा हैं. सुमित्रा का कांग्रेस का हाथ थामना भाजपा के लिए बड़ा झटका है. उन्होंने 1962 से लगातार चार बार झुंझुनूं से विधायक का चुनाव जीता.

बीजेपी के उम्मीदवार को लेकर जताई नाराजगी

सुमित्रा सिंग इस बार झुंझुनूं से भाजपा प्रत्याशी को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुकी है. उन्होंने कहा है कि मुझे टिकट नहीं मिला कोई नहीं, लेकिन पार्टी अगर अपने कार्यकर्ता को टिकट देती तो अच्छा होता. बीजेपी ने टिकट देने के बाद प्रत्याशी को पार्टी में शामिल किया है. और मैं अपने राज्य क्षेत्र झुंझुनूं में ऐसे उम्मीदवार का साथ दूंगी जो भाजपा उम्मीदवार को हराने की कबिलियत रखता हो.