जानिए कहां- कहां पर स्थित है शनिदेव के 5 बडे धाम

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देश के सभी कोने में शनिदेव की पूजा की जाती है. और हर जगह उन्हे पूजा जाता है, लेकिन लोग इनकी कहानियां भी सुनना काफी पंसद करते है. शनि देव के कुछ ऐसे मंदिर है जो पूरे देश में प्रसिद्ध हैं. शनिदेव के ऐसे पांच सबसे बडे धाम है, जहां पर शनिदेव विराजते है. लोगों का ये भी मानना है कि ये शनिदेव के मंदिर चमत्कारी धामों में से एक है.

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शनि शिंगणापुर: महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में स्थित ये मंदिर देश में ही नही विदेशों में भी काफी प्रसिद्ध है. कई लोग तो इस स्थान को शनि देव की जन्म भूमी भी कहते है. शिंगणापुर के इस चमत्कारी शनि मंदिर में स्थित शनिदेव की प्रतिमा है. ये प्रतिमा पांच फीट नौ इंच ऊंची और एक फीट छह इंच चौड़ी है. देश-विदेश se भक्त शनिेदेव के दर्शन करने आते है.

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शनि मंदिर: इंदौर
इंदौर के प्राचीन शनि मंदिर में शनि महाराज पूरे 16 श्रृंगार के साथ virajman है और ये भारत का सबसे प्राचीन शनि मंदिर माना जाता है. इस मंदिर के स्थान पर लगभग 300 वर्ष पहले एक 20 फुट ऊंचा टीला था. यहां आने वाले भक्त पर शनिदेव की विशेष कृपा बरसती है.

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शनिचरा मंदिर: मुरैना
मध्य प्रदेश में ग्वालियर के पास एंती गांव में शनिदेव ka मंदिर है. इस त्रेतायुगीन शनि मंदिर में प्रतिष्ठत शनिदेव की प्रतिमा भी विशेष है. माना जाता है कि ये प्रतिमा आसमान से टूट कर गिरे एक उल्कापिंड से निर्मित है. ज्योतिषी और खगोलविद मानते है कि शनि पर्वत पर निर्जन वन में स्थापित होने के कारण ये स्थान विशेष प्रभावशाली है.

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शनि मंदिर: प्रतापगढ़
शनि देव का ये मंदिर उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में स्थित है. ये शनि धाम के रूप में फैला हुआ है. प्रतापगढ़ जिले के विश्वनाथगंज बाजार से 2 किमी दूर कुशफरा के जंगल में यह मंदिर है. भगवान शनि का प्राचीन पौराणिक मन्दिर लोगों के लिए श्रद्धा और आस्था का केंद्र हैं. ऐसा माना जाता है कि यहां पर आते ही भक्तो पर भगवान शनि की कृपा बनी रहती है. बता दें कि अवध क्षेत्र का ये एक मात्र पौराणिक शनि धाम है. यहां प्रत्येक शनिवार भगवान को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है.

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शनि तीर्थ क्षेत्र: असोला, फतेहपुर बेरी
यह मंदिर दिल्ली के महरौली में स्थित है. यहां शनि देव की सबसे बड़ी मूर्ति यहां पर विद्यमान है. ये मूर्ति अष्टधातुओं से बनी हुई है. ऐसा कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्त ही मुराद पूरी होती है. शनि का ये धाम भक्तों की आस्था का केंद्र है

शनि को प्रसन्न करने के उपाय
काला तिल, तेल, काला वस्त्र, काली उड़द शनि देव को अत्यंत प्रिय है. इससे ही शनि देव की पूजा की जाती है. शनि वार व्रत रखें और शनि स्त्रोत का पाठ करें. शनिवार को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें. शनिदेव की प्रतिमा की विधि पूर्वक पूजा करें. शनि मंदिर में नीले लाजवन्ती के फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पित करें. शनि देव के नाम से दीप जलाएं. पूजा के बाद अपने अपराधों के लिए क्षमा याचना करें. शनि देव की पूजा के बाद राहु-केतु की पूजा भी करें. शनिवार को पीपल में जल दें और पीपल पर सूत्र बांधकर सात बार परिक्रमा करें.