हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि भगवान राम विष्णु का अवतार है. इनके बारे में कई ग्रंथ भी लिखे गए है. चैत्र नवमी को भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था. इसी उपलक्ष्य में चैत्र नवमी को रामनवमी के रूप में भी जाना जाता है.
क्या आप जानते हैं या फिर कभी सोचा है की प्रभु श्री राम के दादा परदादा के क्या नाम है. तो चलिए हम आपको उनके दादा और परदादा के नामों के बारे में बताते है. जितना जरूरी इनके बारे में जानना है, उतना ही आपके लिए इन नामों को पढ़ना बहुत रामांचक होगा.
आइए जानते है श्री राम के दादा परदादा का नाम
ब्रह्मा जी के पुत्र मरीचि हुए थे, मरीचि के पुत्र कश्यप हुए थे, और कश्यप के पुत्र विवस्वान थे, विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए. बताते चले कि वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था, वहीं वैवस्वतमनु के दस पुत्रों हुए, जिनमें से एक का नाम नाम इक्ष्वाकु था और इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया. जिसके बाद इक्ष्वाकु कुल की स्थापना हुई.
वहीं इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए, जिनके पुत्र का नाम विकुक्षि था, विकुक्षि के पुत्र बाण हुए थे और उसके बाद बाण के पुत्र अनरण्य हुए, अनरण्य से पृथु हुए, पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ था, त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए, जिनके पुत्र का नाम युवनाश्व था, युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए, मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ, और सुसन्धि के दो पुत्र थे ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित, ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए, भरत के पुत्र असित हुए, असित के पुत्र सगर हुए, सगर के पुत्र का नाम असमंज था, असमंज के पुत्र का नाम अंशुमान था, अंशुमान के पुत्र दिलीप थे, दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था. भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे. ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए.
रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी होने की वजह से उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया था. तभी से ही श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है. वहीं रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए, प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे, शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए, सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था, अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए, शीघ्रग के पुत्र का नाम मरु था. मरु से प्रशुश्रुक हुए, प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए, अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था, नहुष के पुत्र ययाति हुए, ययाति के पुत्र नाभाग हुए, नाभाग के पुत्र का नाम अज था, फिर अज के पुत्र का नाम दशरथ थे. जिसके बाद दशरथ के चार पुत्र हुए जिनका नाम राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न था
इसी प्रकार ब्रह्मा की उन्चालिसवी पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ था. हिंदू धर्म में श्री राम को श्री हरि विष्णु का सातवाँ अवतार माना जाता है.
इतने सारे राजाओं और उनकी पीढ़िया देखने के बाद हम कह सकते है कि दादा का नाम अज और परदादा का नाम नाभाग था.
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