नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में अपना दबदबा बनाने के लिए अभी से ही तैयारी करनी शुरू कर दी है. इसके लिए उन्होंने अपनी और अपने पिता मुलायम सिंह यादव की सीटों का ऐलान तक कर दिया है. पर इन सब में सबसे चौंकाने वाली खबर तो यह है कि आगामी चुनाव में जहाँ एक तरफ विपक्षी पार्टियां भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने के लिए महागठबंधन बना रही है. वहीं अखिलेश यादव ने एक नया ही हथकंडा अपनाया है. जी हां. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी व कन्नौज से मौजूदा सांसद डिंपल यादव इस बार 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी.
इससे पहले सपा पर भी परिवारवाद को लेकर काफी खबरे आई थी. पर अखिलेश ने ऐसा बयान कर यह दर्शान चाहा है कि उनकी पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देती. ऐसे में वो कहा विपक्षी पार्टी बीजेपी को छोड़ने वाले उन्होंने बीजेपी को ललकारते हुए कहा कि भाजपा को मेरा अनुसरण करना चाहिए.
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अखिलेश ने कहा कि वह 20 19 लोकसभा चुनाव कन्नौज सीट से लड़ेंगे, जबकि उनके पिता मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगे. इस सबका ऐलान आज उन्होंने ने लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान बोला है. पर उन्होंने ने इस दौरान सपा-बसपा गठबंधन पर कुछ नहीं कहा. संभव है कांग्रेस भी इस गठबंधन में शामिल हो. पर आज इस बैठक से यह तो सिद्ध है कि अखिलेश ने इन दो मुख्य सीटों पर अभी से ही दावेदारी ठोंक दी है.
कन्नौज से सांसद हैं डिंपल यादव
डिंपल यादव अभी कन्नौज सीट से सांसद हैं. पर अखिलेश ने अब आगामी चुनाव इसी सीट से लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि हर हाल में गठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने का काम करेंगे. उन्होंने यह भी कहा की बीजेपी अपना परिवारवाद खत्म नहीं कर रही है तो मैंने भी तय किया है कि इस बार मैं खुद कन्नौज से और मुलायम सिंह मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगे.
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सपा अध्यक्ष अखिलेश भी समझ गए है कि अगर इस बार भाजपा को हराना है तो रणनीति जरूरी है. कांग्रेस की रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल होने को लेकर उन्होंने कहा कि शायद हमारी पार्टी के लोग उस पार्टी में शामिल हुए होंगे.