बीजेपी को शिकस्त देने के लिए अखिलेश यादव ने दिया बड़ा बयान, ‘बलिदान भी मंजूर’

191

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ आगमी लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर बड़ा ऐलान किया है. इस बार बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए कोई भी बलिदान देने को तैयार है. भाजपा की सरकार को बेदखल करने के लिए अगर हमें 2-4 सीटों की बलि भी चढ़ानी पड़ी तो भी हम पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने आगे यह भी कहा कि बीएसपी के साथ हमारा गठबंधन 2019 के लोकसभा चुनाव में जारी रहेगा. हमारा सिर्फ एक ही लक्ष्य है भाजपा को सत्ता में नहीं आने देना.

हाल ही में उपचुनावों में बसपा ने सपा के साथ सहयोग किया था, यह 2019 लोकसभा चुनाव में भी जारी रहेगा. इसके अलावा राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में दोनों पार्टियां एक साथ आई थी. इससे पहले भी बसपा की प्रमुख मायावती और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव को कर्नाटक में मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में भी एक साथ देखा गया था.

sp alliance with bsp will continue in 2019 ensure bjp is defeated akhilesh yadav 2 news4social -

सीटों के बंटवारे पर सपा-बसपा करेंगे उचित समय पर विचार

इससे पहले अखिलेश यादव ने 5 जून को कहा था कि आने वाले 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कोई बात नहीं हुई है, पर इस पर उचित समय पर विचार- विमर्श किया जाएगा. इस पर अखिलेश का बयान उन खबरों के बीच आया जब बसपा प्रदेश की 80 लोकसभा में से 40 सीटें अपने लिए मांग रही है.

दोनों पार्टी एकजुट होकर इस आगामी चुनाव में भाजपा का मुकाबला करेगी

सपा अध्यक्ष अखिलेश ने आगे कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में सपा- बीएसपी एक साथ एकजुट होकर मोदी सरकार का कड़ा मुकाबला करेगी. दोनों पार्टियों का एक ही उद्देश्य रहेगा कि भाजपा को इस बार 2019 में अपनी सरकार बनाने से रोके. आगामी लोकसभा चुनाव को सभी के लिए बहुत मुख्य बताया जा रहा है.

sp alliance with bsp will continue in 2019 ensure bjp is defeated akhilesh yadav 1 news4social 1 -

गौरतलब है कि फूलपुर और गोरखपुर के उप चुनावों में सपा और बसपा साथ आये थे और मिलकर चुनाव लड़ा था. जिसमें दोनों पार्टियों की जीत मिली और गठबंधन का फायदा भी हुआ. हाल ही में कैराना और नूरपुर के उप चुनावों में भी दोनों पार्टियां एक साथ मिलकर भाजपा को मात देने में सफल रहीं. इस जीत को देखकर यह माना जा रहा है कि सपा-बसपा के अंदर 2019 के चुनावों में भी गठबंधन को बरकरार रहने वाला है.