चुनाव से पहले हर पार्टी के पास महिलाओं की सुरक्षा के लिए तमाम उपाए और योजनाये होती है लेकिन सत्ता में आते ही सब वह सिर्फ वादे बन कर रह जाते है.
महिला सुरक्षा को लेकर राजधानी दिल्ली की सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर दिल्ली की सत्ता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार महिला सुरक्षा के मामले में पूरी तरह से विफल नजर आ रही है. जिसका खुलासा कंट्रोलर ऑडिटर जर्नल यानी (कैग) की रिपोर्ट में सामने आया है.
दरअसल कैग ने हाल ही में दिल्ली सरकार के कामकाज को लेकर रिपोर्ट जारी की है जिसमें दिल्ली सरकार ने साल 2016 और 2017 के बजट में 10 करोड़ रुपये का बजट दिल्ली की महिलओं की सुरक्षा के लिए बनाया था. इस रकम से डीटीसी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने थे. लेकिन उसमें से अभी तक एक भी पैसा दिल्ली सरकार खर्च नहीं कर पाई. साथ ही महिलओं की सुरक्षा को लेकर महिला सुरक्षा दल के नाम पर 200 करोड़ रुपये का जो बजट सरकार ने तय कर रखा था. उस पर भी सरकार ने कुछ नहीं किया, जिसके चलते आज भी राजधानी दिल्ली की महिलाएं खुद को सुरक्षित नहीं मान रहीं.
महिला आयोग की अध्यक्ष ने खुद माना की दिल्ली महिलओं के लिए सेफ नहीं
हालांकि जब इस बारे में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल से बात की तो उन्होंने भी माना कि दिल्ली में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. खुद स्वाति मालीवाल का भी मानना है कि जिस तरह राजधानी दिल्ली में आए दिन महिलाएं रेप का शिकार हो रही हैं. उसके लिए सीसीटीवी और महिला सुरक्षा दलों के लिए जो पैसा सरकार बजट में लाती है. उस पर काम होना चाहिए.
दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उनका कहना था कि कैग की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए उपराज्यपाल को बैठक करानी चाहिए ताकि जो काम महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नहीं हो पाए हैं उस पर काम शुरू हो सके.