Budget News: दूध, सब्जी, आटा, दाल, रसोई गैस और फ्यूल सस्ता हो, बजट से क्या चाहे दिल्ली की मिडिल क्लास फैमिली पढ़ें

14
Budget News: दूध, सब्जी, आटा, दाल, रसोई गैस और फ्यूल सस्ता हो, बजट से क्या चाहे  दिल्ली की मिडिल क्लास फैमिली पढ़ें

Budget News: दूध, सब्जी, आटा, दाल, रसोई गैस और फ्यूल सस्ता हो, बजट से क्या चाहे दिल्ली की मिडिल क्लास फैमिली पढ़ें

सुनील और साक्षी
सालाना इनकमः 9.5 रुपये
खर्चः 40-50 हजार महीना (ग्रॉसरी, फ्यूल, मेड की सैलरी, इंटरनेट आदि)
बचतः 2.5-3 लाख रुपये
गीता कॉलोनी में रहने वाले सुनील चावला (35) पेशे से अध्यापक हैं। वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं और कंपनी सेक्रेट्री के तौर पर प्रैक्टिस भी करते हैं। उनकी पत्नी साक्षी तलवार (30) एक सॉफ्टवेयर कंपनी में एचआर मैनेजर हैं। उनका दफ्तर नोएडा में हैं। दोनों की शादी को 3 साल हो चुके हैं। दिल्ली में आमतौर पर लोगों का सबसे ज्यादा खर्चा मकान के किराए पर होता है, लेकिन सुनील इस मामले में लकी हैं। उनका अपना पुश्तैनी घर है, जिसके एक फ्लोर पर वह अपनी पत्नी के साथ रहते हैं।

सुनील के मुताबिक, ट्यूशन से होने वाली उनकी इनकम और साक्षी की सैलरी को मिला लें, तो उनके घर में हर महीने करीब 80 हजार रुपये आते हैं, जिसमें से करीब 40-50 हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। उनका सबसे ज्यादा खर्चा ट्रांसपोर्टेशन पर होता है। हर महीने करीब 15-16 हजार रुपये पेट्रोल पर ही खर्च हो जाते हैं। सुनील अपनी कार से पत्नी को ऑफिस छोड़ने जाते हैं और उसके बाद क्लासेज लेने के लिए उन्हें नोएडा और मयूर विहार जाना पड़ता है। वापसी में उनकी पत्नी मेट्रो या ऑफिस की कैब से घर आती है। अगर कभी समय मिलता है, तो सुनील उन्हें लेने भी चले जाते हैं। इसके अलावा दूध, सब्जी और रोजमर्रा के अन्य सामान पर करीब 15 से 20 हजार रुपये खर्च होते हैं। घर में आने वाली मेड, गाड़ी साफ करने वाले हेल्पर और चौकीदार की सैलरी पर भी करीब 6-7 हजार रुपये महीना जाता है। इसके अलावा 1000-1200 रुपये इंटरनेट और केबल पर खर्च होता है। बाकी दवाइयां और दूसरे खर्च मिला लें, तो आधी से ज्यादा इनकम खर्च हो जाती है। जहां तक निवेश का सवाल है, तो सुनील ने मुख्य रूप से एलआईसी और हेल्थ इंश्योरेंस में ही निवेश किया हुआ है। वह और उनकी पत्नी मिलकर सालाना करीब 1.5 लाख रुपये इन मदों में निवेश करते हैं। उनके सिर पर किसी प्रकार का लोन नहीं है।

Budget Expectations 2023: क्या बजट से पूरी होंगी देशवासियों की ये 10 उम्मीदें? सभी को है खास इंतजार
सुनील का मानना है कि बजट में सरकार को महंगाई कम करने पर ध्यान देना चाहिए और आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरत की चीजों पर टैक्स घटाना चाहिए, ताकि दूध, सब्जी, आटा, दाल, रसोई गैस और फ्यूल सस्ता हो सके। इसकी भरपाई सरकार सिगरेट, तंबाकू, गुटखा, शराब आदि पर टैक्स बढ़ाकर करे। सिनेमा के टिकट, महंगी कारें और फोन और दूसरे लग्जरी आयटम पर भी करों की दरें बढ़ाई जा सकती है, लेकिन लाखों लोगों की रोजमर्रा की जरूरत का सामान तो सस्ता करना ही चाहिए।

सुनील के मुताबिक, आम लोगों पर सबसे ज्यादा चोट महंगाई की ही पड़ रही है। मैं कई ऐसे लोगों को जानता हूं, जिनके लिए अब घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। सरकार अगर बजट में ऐसे लोगों को राहत देगी, तो तभी बजट पब्लिक फ्रेंडली माना जाएगा। उनकी पत्नी साक्षी का भी यही मानना है कि बजट समाज के एक बड़े तबके को राहत पहुंचाने वाला होना चाहिए। आजकल निवेश पर मिलने वाले ब्याज की दरें कम होती जा रही है, वहीं लोन की किश्तें महंगी होती जा रही हैं। सरकार को ऐसा माहौल बनाना चाहिए, जिससे निवेश करने वाले और लोन लेने वाले, दोनों को नुकसान ना हो।

सुनील सुझाव है कि सरकार को म्यूचुअल फंड कंपनियों पर भी कुछ नकेल कसना चाहिए, जो कागजों पर जितना अच्छा रिटर्न दिखाती हैं, लेकिन असल में लोगों को उतना अच्छा मुनाफा नहीं देती हैं। इसके अलावा दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए उन्होंने दिल्ली पुलिस को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए एक्स्ट्रा फंड दिए जाने का सुझाव भी दिया है।

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News