Border Row: कर्नाटक सीमा विवाद पर सोमवार को प्रस्ताव पेश करेंगे सीएम शिंदे, विपक्ष के हमले के बाद सरकार का फैसला

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Border Row: कर्नाटक सीमा विवाद पर सोमवार को प्रस्ताव पेश करेंगे सीएम शिंदे, विपक्ष के हमले के बाद सरकार का फैसला

Border Row: कर्नाटक सीमा विवाद पर सोमवार को प्रस्ताव पेश करेंगे सीएम शिंदे, विपक्ष के हमले के बाद सरकार का फैसला

नागपुर: नागपुर (Nagpur) में चल रहे शीतकालीन अधिवेशन में सरकार के लिए मुश्किल और विपक्ष के लिए सरकार पर हमले का सबब बन रहे महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर राज्य की शिंदे सरकार (Eknath Shinde Government) अगले सप्ताह एक प्रस्ताव पेश करेगी। यह प्रस्ताव खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे विधानसभा में पेश करेंगे। इस प्रस्ताव में सीमा विवाद (Border Row) और सीमा भाग में रह रहे मराठी भाषी लोगों के प्रति सरकार अपनी भूमिका एक बार फिर स्पष्ट करेगी। दोनों राज्यों के बीच पांच दशकों से ये विवाद चला आ रहा है। तनाव बढ़ने के बाद गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) भी पिछले दिनों दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर चुके है।

सभी हैं पक्ष में
इस बारे में महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद पर चल रही कानूनी लड़ाई के लिए दो मंत्रियों की नियुक्त समन्वय समिति में शामिल मंत्री शंभूराज देसाई ने शुक्रवार को बताया कि राज्य सरकार कर्नाटक के साथ जारी सीमा विवाद को लेकर सरकार का प्रस्ताव पड़ोसी राज्य कर्नाटक विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव की तुलना में ’10 गुना अधिक प्रभावी’ होगा। देसाई ने कहा कि सोमवार को राज्य विधानमंडल प्रस्ताव पारित करेगा। खास बात है कि पूरा विपक्ष पहले ही इस प्रस्ताव का समर्थन करने का भरोसा सरकार को दे चुका है।

महाराष्ट्र और कर्नाटक का सीमा विवाद इतना गहरा है कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने कहा था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से ये मसला सुलझ नहीं जाता, तब तक विवादित इलाकों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए। इतना ही नहीं, जनवरी 2021 में ठाकरे ने तो विवादित इलाकों को ‘कर्नाटक अधिकृत महाराष्ट्र तक कह डाला था।

सरकार रुख होगा स्पष्ट
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा ने महाराष्ट्र के साथ जारी सीमा विवाद को लेकर गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें कर्नाटक के हितों की रक्षा करने और अपने महाराष्ट्र को अपनी एक इंच जमीन भई नहीं देने का संकल्प लिया गया है। कर्नाटक विधानसभा में वहां के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा पेश इस प्रस्ताव में महाराष्ट्र द्वारा ‘पैदा’ किए गए सीमा विवाद की निंदा भी की गई और ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि इसे पहले मंत्री शंभूराजे देसाई महाराष्ट्र के बांधों से कर्नाटक से होने वाली जलापूर्ति को लेकर भी बयान दे चुके हैं, जिसमें उन्होंने कर्नाटक को पानी देने पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा पुनर्विचार करने की बात कही थी।

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