जरुरतमंदों का मसीहा बना यह ऑटोवाला -जानिए क्या है इनकी पुरीं कहानी

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सड़कों पे बढ़ती हुई दुर्घटना ,आज चिंता का विषय बन गयी  है |आये दिन तमाम रोड रेज के किस्से ,यूँही सड़कों पर मदद की आस में जाने कितनी ही जिंदगियां दम तोड़ देती है |आयें दिन अख़बार की सुर्खिया चीख -चीख कर किसी महिला के सड़क पर प्रसव की कहानी कहती है |

इंसानियत का मसीहा -मुनेस मगुनाली
इंसानियत को कई बार यूँ तो हमने शहरों की सड़कों पर शर्मसार होते हुए देखा है |लेकिन ,इस अन्धेरें में एक रोशनी की किरण बन कर आये है ,इंसानियत का ”मसीहा” मुनेस मगुनाली |मुनेस एक ऑटो चालक है , मुनेस कर्नाटक के रहने वाले है |मुनेस अपने ऑटो से ज़रूरतमंद गर्भवती महिलाओं की सहायता करते है |मुनेस उन महिलाओं को जो एम्बुलैंस के आभाव में अस्पताल तक नहीं पहुँच पाते उनको अस्पताल तक पहुंचाते है |आपको बता दें की मुनेस गर्भवती महिलाओं के आलावा नयी माताओं ,शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों और सैनिकों को भी मुफ्त ऑटो में बैठाकर उनको उनके स्थान पर छोड़ते है |

driver gives free rides to pregnant women 1 news4social -

11 सालों से कर रहे है ज़रुरतमंदों की सहायता
42 वर्ष के मुनेस मगुनाली पिछले 11 सालों से ऑटो चला रहे है ,और लोगों की मदद कर रहे है |आपको ये जानकर हैरानी होगी मुनेस के पास इतने पैसे नहीं है कि वह अपने लिए एक ऑटो खरीद सके ,इसीलिए वह किराये का ऑटो चलाते है|आपको बता दें की ऑटो मालिक को मुनेस रोजाना 250 रूपये का किराया देते है |जब मुनेस से इस बारे में पूछा गया तो वह बोले मैंने साफ-साफ लिखा है कि मैं किन लोगों को फ्री राइड देता हूं| वे मुझे फोन कर सकते हैं| कई लोगों के पास मेरे नंबर हैं| अगर मैं किसी हॉस्पिटल से आ रहा हूं तो मैं ऐसे लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से उनके घर या रेलवे स्‍टेशन पर छोड़ देता हूं |

अब तक 2000 से ज्यादा लोगों की कर चुके है मदद
आपको बता दें कि वर्ष 1992 में मुनेस की आँखों के सामने एक गर्भवती महिला की मौत हो गयी |मौत की वजह सिर्फ यह थी कि महिला को मौके पर कोई भी वाहन नहीं मिल पाया था जो उसे समय पर अस्पताल पहुंचा सके |उसी दिन के बाद से मुनेस ने यह निश्चय किया कि वह ज़रूरतमंदों की सहायता करेंगे |मुनेस के मुताबिक अब तक वह 2000 से ज्यादा लोगों को फ्री राइड डे चुके है |