चित्रकूट: तीरघुमाईगंगू गांव में मिट्टी निकालने का विरोध करने पर एक ग्रामीण को मारी गोली

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चित्रकूट:- राजापुर क्षेत्र के तीरघुमाईगंगू गांव में एक खेत से मिट्टी निकालने का विरोध करने पर गांव के ग्रामीण की गोली मराकर की हत्या. इस मामले पर मंगलवार को कोर्ट ने छह आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस वारदात में पिता-पुत्र, दो सगे भाई समेत अन्य दो लोगों भी शामिल थे.

राजापुर क्षेत्र के तीरघुमाईगंगू गांव के नहर से लेकर केवटनपुरवा तक की सड़क निर्माण का काम अप्रैल 2012 से चला आ रहा था. गांव के निवासी राजधर त्रिवेदी का कहना है कि केवटनपुरवा निवासी रामसूरत को ठेकेदार ने मेट बनाया था. 28 अप्रैल के दिन चाचा उमा दत्त कुछ लोगों के साथ उस जगह से गुजर रहें थे. तभी उनकी नजर वह के मेट पर पड़ी, उन्होंने देख कि ठेकेदार ने जिस मेट को रखा था. वह रोड बनाने के लिए मेट उनके खेत से जेसीबी के द्वारा मिट्टी खुदाई कर रहा था. जब इस बात को लेकर चाचा ने विरोध किया तो मेट ने गाली गलोज करना शुरू कर दिया. और उनकी बात ना मनाकर, जेसीबी चलता रहा. फिर देर शाम को दोनों पक्ष स्थल पर असलहे लेकर पहुचा गए. जिसके तहत आस- पास काफी ज्यादा संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी.

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इस दौरान निवासी रामसूरत के बेटे ने आक्रोश में आकर फायरिंग शुरू कर दी. इस फायरिंग की वजह से ग्रामीण उमा दत्त को गोली लगा गई, और उनकी मौके पर ही मौत हो गई. बता दें दूसरी पक्ष से आए लोगों की एक रायफल और एक दोनाली बंदूक लेकर आरोपी वह से फरार भी हो गया. वहीं पीड़ित परिवार ने देर शाम को ज़िला के थाने में जा कर रामसूरत, उसके पुत्र रतिभान, श्यामसुंदर पुत्रगण चौबा, चुनबुद पुत्रगण रामखेलावन और उदयभान पुत्र रामनिहोर के खिलाफ हत्या और लूट की रिपोर्ट दर्ज करवाई.

आपको बता दें कि पुलिस ने इन सभी आरोपियों को एक माह के भीतर पकड़ लिया था. वहीं जिला जज निहारिका सिंह ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले के लिए रामसूरत और पुत्र को 35-50 हजार रूपये और अन्य चार आरोपियों को 25-25 हजार रूपये का जुर्माना देने को बोला गया है. बहरहाल, सभी अरोपियों को बाँदा जेल भेजा गया है.