400 साल पहले जिस वजह से पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगी वही बना प्रवेश अनुमति का कारण

187

मासिक-धर्म के दौरान मंदिरों में औरतों के प्रवेश पर पाबंदी तो आम बात है. समय-समय पर इस प्रथा के खिलाफ आवाज़ भी उठती रहती है. लेकिन हमारे ही देश में एक मंदिर ऐसा भी है जहां महिलाओं के नहीं बल्कि पुरुषों को जाने की मनाही है.

पुरुषों के प्रवेश पर ये पाबंदी 400 साल पहले लगी थी, मगर अब एक मजबूरी की वजह से उस मंदिर में पुरुषों को अंदर जाने की इजाज़त दी गई है. ओडिशा में एक मंदिर में करीब 400 साल बाद पुरुषों ने प्रवेश किया. मां पंचबाराही का ये मंदिर केंद्रपारा प्रांत के सतभाया गांव में स्थित है. बताया जाता है कि इस मंदिर में 400 सालों से पुरुषों का प्रवेश निषेध है. इस मंदिर में केवल शादीशुदा दलित महिलाएं ही प्रवेश कर सकती हैं.

odisha mandir 2 news4social -

जानकारी के मुताबिक इस मंदिर में पांच दलित महिला पुजारी है और केवल यही महिलाएं मंदिर की पांच प्रतिमाओं को छू सकती हैं. साथ ही मंदिर में होने वाले सभी कर्मकांड भी इन्ही पांच दलित महिलाएं के हाथों होते हैं.

मान्यता है कि गांव को आपदाओं से बचाने के लिए ही मंदिर में पुरुषों के प्रवेश की 400 सालों से मनाही रही है.  हालांकि बीते शनिवार को एक दिन के लिए इस मंदिर में पांच पुरुषों का प्रवेश हुआ. वजह बना इस मंदिर की प्रतिमाओं को दूसरी जगह ले जाना. दरअसल सतभाया गांव में लगातार जल-स्तर बढ़ रहा है. समुद्र किनारे स्‍थ‍ित इस मंदिर को डूबने से बचाने के लिए इसे गांव के अंदर पुर्नस्थापित किया गया. वहीं प्रतिमाओं का वज़न काफी ज्‍यादा था. इस मजबूरी की वजह से महिला पुजारियों ने 1.5 टन की भारी प्रतिमाओं को उठाने के लिए पुरुषों का प्रवेश करवाया.

odisha mandir 1 news4social -

अब समुद्र से 12 किलोमीटर दूर बागापतिया गांव में प्रतिमाओं को स्‍थापित किया गया है. साथ ही इसके साथ ही 400 साल से आ रही प्रथा भी टूट गई.

एक वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक, 50 साल पहले जहां समुद्र मंदिर से करीब पांच किलोमीटर दूर हुआ करता था, अब मंदिर और समुद्र के बीच केवल कुछ मीटर का फासला रह गया था.