Dating Apps: डेटिंग ऐप के जरिए आफताब से मिली थी श्रद्धा, समझें क्या महिलाओं को डेटिंग ऐप्स से वाकई खतरा है?
भारत ने आर्थिक और सामाजिक तौर पर बड़ी तरक्की की है। शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी सुधार हुआ है। लेकिन, अब भी हम कई मामलों में रूढ़िवादी ही हैं। डेटिंग और अपनी मर्जी से शादी करने का चलन काफी कम दिखता है। भारत में जिस क्रांतिकारी तरीके से डिजिटलीकरण हुआ है, उसे देखते हुए डेटिंग ऐप यूजर्स की तादाद काफी कम कही जाएगी, लगभग न के बराबर। इन ऐप्स को ज्यादातर लोग अच्छा भी नहीं मानते। श्रद्धा वाकर जैसे हाई-प्रोफाइल क्राइम से डेटिंग ऐप्स की छवि और भी खराब हुई है।
इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर लोगों ने टिंडर यूज करने की तीन बड़ी वजहें बताईं। पहली वजह थी कि यह वक़्त बिताने और मन बहलाने का अच्छा साधन है। दूसरा बड़ा कारण था कि उन्हें डेटिंग ऐप्स के बारे में जानने की दिलचस्पी थी कि यहां कैसे लोग मिलते हैं। आखिरी बड़ी वजह थी कि लोग नए दोस्त बनाना चाहते थे। सेक्स की बात करें, तो इसे अधिकतर लोगों ने 12 विकल्पों में से 10वें नंबर पर रखा।
यहां एक और अहम सवाल उठता है, क्या डेटिंग ऐप्स सुरक्षित हैं?
इस बारे में मशहूर डेटिंग ऐप ‘बम्बल’ के प्रवक्ता का कहना है कि उनके प्लैटफॉर्म पर गलत बर्ताव को रोकने के लिए कई टूल्स हैं। मसलन- सभी मोड में पहल करने का अधिकार महिलाओं को रहता है।
यह तो हुई ऑनलाइन सेफगॉर्ड की बात, लेकिन जब यूजर आमने-सामने मिलते हैं, तो सुरक्षा का खयाल कैसे रखा जाता है? दिल्ली की एक यूजर हमें बताती हैं, ‘जब आप डेटिंग ऐप वाले शख्स से मिलने का फैसला करते हैं, तो कई चीजें आपके कंट्रोल में होती हैं। जैसे कि कहां पर मिलना है, किस टाइम पर मिलना है। ऐसे में अगर आप कोई लापरवाही बरतते हैं, मिलने के लिए गलत जगह या वक़्त चुनते हैं, तो उसके लिए आप खुद ही जिम्मेदार होंगे।’
अपनी सुरक्षा के लिए महिलाओं को हमेशा सजग रहना पड़ता है। लेकिन, श्रद्धा के साथ निर्मम अपराध हुआ, उससे बचने के लिए कोई महिला या ऐप क्या कर सकता है?
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