48 घंटे तक पर्चा खारिज करने की वजह ढूंढते रहे चुनाव पर्यवेक्षक

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनके ही संसदीय क्षेत्र के चुनौती देने वाले सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त जवान तेजबहादुर का पर्चा खारिज होने के मामले में एक टीवी चैनल के द्वारा किया गया स्टिंग आपरेशन सामने आया है. इस स्टिंग में चुनाव पर्यवेक्षक साफ़ तौर पर यह कबूल करते हुए दिख रहे हैं कि तेजबहादुर का पर्चा खारिज करने का कारण ढूँढने के लिए उन्हें लगभग 48 घंटे लग गये थे.

आपको बता दें की सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) से बर्खास्त जवान तेजबहादुर ने बनारस से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए पर्चा दाखिला किया था, जोकि बाद में खारिज कर दिया गया. इस बाबत तेजबहादुर के वकील ने भी दावा किया था कि पर्यवेक्षक ने बनारस के जिलाधिकारी के सामने पहले ही कह दिया था कि तेजबहादुर का पर्चा खारिज किया जाना है.

बाद में तेजबहादुर ने भी आरोप लगाया था कि उन्हें जानबूझकर चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है. तेजबहादुर के वकील राजेश कुमार ने दावा भी किया था कि रिटर्निंग ऑफिसर ने बताया था कि फॉर्म में कोई भी गलती नहीं है लेकिन तभी आंध्र प्रदेश के बड़े अफसर आये और उन्होंने ये भी पूछा था कि तेजबहादुर का फॉर्म किधर है, इसके तो रिजेक्ट करना है.

अब इस मामले में स्टिंग के सामने आने के बाद चुनाव आयोग कोई कदम उठाता है या नहीं ये देखना महत्वपूर्ण होगा. वैसे भी विपक्ष चुनाव आयोग पर पहले से सत्ताधारी दल का पक्ष लेने का आरोप लगा रहा है.