नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए केंद्र में भी कर्नाटक मॉडल पर कांग्रेस तैयार

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2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे से पहले ही जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है. यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए सक्रिय हो गई हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर तीसरे मोर्चे की सरकार की कार्यविधि में जुटे हुए हैं. इन सबके बीच नरेंद्र मोदी को दोबारा से सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस कर्नाटक मॉडल की तर्ज पर भी केंद्र में भी सरकार गठन का दांव चल सकती है.

आम चुनाव के अंतिम और सातवें चरण की वोटिंग से पहले कांग्रेस के महासचिव गुलाम नबी आजाद ने बड़े राजनीतिक संकेत दिए हैं. वो पहले ऐसे कांग्रेसी नेता है, जिनका कहना है कि नतीजे के बाद अगर उनकी पार्टी को प्रधानमंत्री पद की पेशकश नहीं की गई, तो कांग्रेस इसे मुद्दा नहीं बनाएगी. साथ ही कहा कि केंद्र में एक गठबंधन सरकार बनेगी और यह बीजेपी विरोधी पार्टियों के सहयोग से बनेगी. कांग्रेस सरकार में शामिल होगी तो पार्टी इसे प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाएगी. उन्होंने दावा किया केंद्र में ना ही बीजेपी और ना ही एनडीए केंद्र में सत्ता में आएंगे.

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लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों ने जिस तरह से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनावी जंग लड़ी है. कांग्रेस के नेतृत्व में काफी दल नहीं आए, जिसके चलते दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्य हैं, जहां कांग्रेस को अकेले चुनावी मैदान में उतरना पड़ा है. बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थी और सीटों की संख्या में कांग्रेस दूसरे और जेडीएस तीसरे नंबर पर थी.

पिछले दिनों तमिलनाडु के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करके नतीजे से पहले विपक्ष दलों के नेताओं की बैठक करने पर विचार विमर्श किया था. नायडू ने 21 मई को बैठक बुलाई है, जिस पर कई नेताओं ने 23 मई से पहले बैठक में शामिल होने से मना कर दिया था.