आखिर क्या वजह है कि इन तूफानों को दिया जाता है अजब-गजब नाम

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नई दिल्ली: ‘तितली’ नाम से मशहूर एक तूफान ने हर तरफ हाहाकार मचा रखा है. 10 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी से उठे तूफान से कई इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया हुआ है. 165 किलोमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा यह साइक्लोन से भारी नुकसान होना का अनुमान भी है. इसी वजह से ओडिशा और आंध्र प्रदेश में खास एहतियात बरती जा रहीं है. लेकिन अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार इस चक्रवाती तूफान का नाम ‘तितली’ क्यों पड़ा है.

कैसे पड़ता है इन चक्रवाती तूफानों का नाम?

बंगाल की खाड़ी से चले इस तूफान का नाम पाकिस्तान ने दिया है. इन तूफानों को नाम इस कारण दिया जाता है ताकि आम जनता और वैज्ञानिकों में इसे लेकर असमंजस न बना रहें. इन तूफानों के नाम दुनिया भर की पांच कमेटियां फाइनल करती है. इन कमेटियों में शामिल है इस्‍केप टाइफून कमेटी, इस्‍केप पैनल ऑफ ट्रॉपिकल साइक्‍लोन, आरए- 4, आरए- 5 ट्रॉपिकल साइक्‍लोन कमेटी और आरए 1 ट्रॉपिकल साइक्‍लोन कमेटी.

भारत में इन तूफानों के नाम रखने का सिलसिला साल 2004 से शुरू हुआ

आपको बता दें कि सबसे पहले विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चक्रवातों के नाम रखने की शुरुआत की. भारत में इन तूफानों के नाम रखने का सिलसिला साल 2004 से शुरू हुआ. ये ही नहीं भारत समेत यह देश पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, थाइलैंड, ओमान और म्यांमार ने भी तूफानों का नाम देने का फॉर्मूला तैयार किया. इन आठ देशों की तरफ से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय होता है और उसी क्रम के अनुरूप इन चक्रवातों के नाम रखे जाते है.

इन सभी आठ देशों ने ‘वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन’ को तूफानों के नाम की सूची दी हुई है

इन सभी आठ देशों ने ‘वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन’ को तूफानों के नाम की सूची दी हुई है. जहां भारत ने बिजली, अग्नि, सागर, मेघ और आकाश जैसे नाम दिए हुए है. वहीं पाकिस्तान ने निलोफर, तितली और बुलबुल नाम दिए है. इन्हीं नाम के अनुसार मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन तूफान का नाम रखती है.

भारत में 10 साल तक एक नाम दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है

इन आठ देशों में अगर तूफान आता है तो बताए गए नामों में बारी-बारी एक नाम चुना जाता है. आपको बता दें कि भारत में 10 साल तक एक नाम दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इस बार पाकिस्तान द्वारा भेजे गए तूफान का नाम चुना जाना था. इसलिए भारत में आए इस भयंकर तूफान को ‘तितली’ नाम दिया गया है.

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एक साल में 21 से ज्यादा बार तूफान आएं तो फिर उनका नाम ग्रीक अल्‍फाबेट से रखा जाता है

अमेरिका हर साल तूफानों के 21 नामों की लिस्ट बनाता है. जहां अंग्रेजी के हर एक एल्‍फाबेट से एक नाम दिया जाता है. लेकिन Q,U,X,Y और Z एल्‍फाबेट से तूफान का नाम रखने की परंपरा नहीं है. ये ही नहीं अगर एक साल में 21 से ज्यादा बार तूफान आएं तो फिर उनका नाम ग्रीक अल्‍फाबेट अल्‍फा, बीटा, गामा के नाम से रख जाता है. इन नामों के दौरान ऑड-ईवन का फॉर्मूला अपनाया जाता है. इस सिस्टम के तहत ऑड साल जैसे कि 2019, 2021 और 2023 में आए चक्रवात का नाम औरतों के नाम से रखा जाता है. वहीं ईवन साल जैसे कि 2018, 2020 और 2022 में आए तूफान के नाम पुरुषों के नाम पर आधारित होता है.

बंगाल की खाड़ी से शुरू हुआ यह जबरदस्त तूफान ‘तितली’ उत्तर-पश्चिमी की ओर तेजी से तरफ बढ़ रहा है. ओडिशा के बाद इस तूफान का सबसे ज्यादा खतरा आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों पर है.