53 विवाह मुहूर्त में 13 लाख करोड़ का होगा व्यापार | 13 lakh crore business will happen in wedding season 2023 | Patrika News

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53 विवाह मुहूर्त में 13 लाख करोड़ का होगा व्यापार | 13 lakh crore business will happen in  wedding season 2023 | Patrika News

53 विवाह मुहूर्त में 13 लाख करोड़ का होगा व्यापार | 13 lakh crore business will happen in wedding season 2023 | Patrika News


भोपालPublished: Feb 06, 2023 04:01:50 pm

wedding season 2023 इस साल 15 जनवरी, मकर संक्रांति से शुरू होकर जून तक के लगभग 6 महीनों के शादी सीजन में देश भर में लगभग 70 लाख शादियां होने का अनुमान है। इस अवधि में शादियों की वजह से ही 13 लाख करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार होगा।

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wedding season

BHOPAL. इस साल 15 जनवरी, मकर संक्रांति से शुरू होकर जून तक के लगभग 6 महीनों के शादी सीजन wedding season 2023 में देश भर में लगभग 70 लाख शादियां होने का अनुमान है। इस अवधि में शादियों की वजह से ही 13 लाख करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार होगा। कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार अकेले दिल्ली में ही इस सीजन में लगभग 8 लाख से ज्यादा शादियां होंगी। इससे दिल्ली में ही लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए के आसपास व्यापार की सम्भावना है। पिछले वर्ष नवम्बर से दिसंबर तक लगभग 32 लाख शादियां हुई थीं। तब लगभग 3.75 लाख करोड़ का व्यापार हुआ था।
कैट कर अनुमान है कि मौजूदर वैवाहिक सीजन मे लगभग 10 लाख शादियों में प्रत्येक शादी में करीब 3 लाख रुपए खर्च होंगे। लगभग 10 लाख शादियों में प्रति शादी खर्च लगभग 5 लाख प्रति शादी होगा। 15 लाख शादियां जिनमें 10 लाख प्रति शादी,10 लाख शादियां जिनमें 15 लाख प्रति शादी, 10 लाख शादियाँ जिनमें 25 लाख प्रति शादी ,10 लाख शादियाँ जिनमें 35 लाख प्रति शादी,3 लाख शादियाँ जिनमें लगभग 50 लाख प्रति शादी एवं 2 लाख शादियां ऐसी होंगी जिनमें 1 करोड़ या उससे अधिक धन खर्च होगा। इस तरह कुल मिलाकर शादी के सीजन में लगभग 13 लाख करोड़ रुपए का धन प्रवाह बाजारों में संभावित है ।
20 प्रतिशत राशि ही वर-वधू के परिवारों के पास
प्रत्येक शादी का लगभग 80 प्रतिशत खर्च शादी को संपन्न कराने में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है। जबकि मात्र 20 प्रतिशत पैसा ही वर-वधू के परिवारों को सीधा मिलता है। खास बात यह है की यह 80 प्रतिशत पैसा कहीं रुकता नहीं है। बल्कि घूम-फिरकर तरह-तरह की खरीदारी से बाजार में ही आता है। जिससे वित्तीय तरलता बनी रहती है। इसलिए शादियों का सीजन भी अब एक बड़े व्यापार का रूप ले चुका है।
इन सामानों की खपत
कैट के अनुसार शादियों के सीजन से पहले जहां घरों की मरम्मत,पेंट, फर्निशिंग, साज-सज्जा आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है वहीं खासतौर पर ज्वेलरी, साडिय़ां,लहंगे-चुन्नी, रेडीमेड गारमेंट्स,कपड़े, फुटवियर, शादी और ग्रीटिंग कार्ड, ड्राई फ्रूट, मिठाइयां,फल, शादियों में इस्तेमाल होने वाला पूजा का सामान, फर्नीचर, किराना, गिफ्ट आइटम्स, खाद्यान्न,डेकोरेशन के आइटम्स, बिजली का उपयोगी सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा उपहार में देने वाली अनेक वस्तुओं आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है।
बैक्वेट हाल और मैरिज गार्डन की कमायी
दिल्ली सहित देश भर में बैंक्वेट हाल, होटल, खुले लॉन, फार्म हाउस, सरकारी सामुदायिक भवन, सार्वजनिक पार्क, धर्मशालाएं, रिहायशी कॉलोनियों में स्थित पार्क, क्लब एवं शादियों के लिए बने मैरिज गार्डन को भी इस सीजन में बड़ा व्यापार मिलता है। टेंट डेकोरेटर, फूल की सजावट करने वाले लोग, क्राकरी, कैटरिंग सर्विस, ट्रेवल सर्विस, कैब सर्विस, स्वागत करने वाले प्रोफेशनल समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड-बाजा, शहनाई, आर्केस्ट्रा, डीजे, घोड़े, बग्घी, लाइट वालों के साथ ही पंडितों तथा शादी कराने वाले नाई आदि के लिए भी शादियों का सीजन बड़ी आमदनी का जरिया होता है। इवेंट मैनजमेंट एजेंसियों तथा पैकेजिंग के लिए भी यह एक बड़ा व्यापार होता है।
53 विवाह मुहूर्त
तारों की गणना के अनुसार जनवरी में 9 दिन, फरवरी में 14 दिन, मार्च में 6 दिन, मई में 13 दिन तथा जून में 11 दिन शादियों के मुहूर्त के दिन हैं और कुल मिलाकर यह 53 दिन मुहूर्त के हैं। जबकि मुस्लिम, आर्यसमाज, पंजाबी, जैन सहित अन्य अनेक वर्ग जो मुहूर्त के बारे में विचार नहीं करते वे भी इस सीजन में शादी समारोह आयोजित करेंगे।
-दुर्गेश तारे, वेद मर्मज्ञ और उज्जैन के आचार्य

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