साइकल मेकेनिक से ‘शहंशाह-ए-गजल’ बने थे मेहंदी हसन, 2 बीवियां और 14 बच्चों के बीच ऐसी थी जिंदगी

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साइकल मेकेनिक से ‘शहंशाह-ए-गजल’ बने थे मेहंदी हसन, 2 बीवियां और 14 बच्चों के बीच ऐसी थी जिंदगी


साइकल मेकेनिक से ‘शहंशाह-ए-गजल’ बने थे मेहंदी हसन, 2 बीवियां और 14 बच्चों के बीच ऐसी थी जिंदगी

कुछ कलाकार ऐसे हुए हैं जिन्हें जितना प्यार भारत में मिला है उतना ही पाकिस्तान में भी। ऐसे ही कलाकारों गजल के शहंशाह कहे जाने वाले मशहूर सिंगर मेहंदी हसन भी शामिल हैं। मेहंदी हसन ने अपनी जिंदगी में काफी स्ट्रगल करने के बाद ऐसा शानदार करियर बनाया था कि वह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे ज्यादा फीस लेने वाले सिंगर बन गए थे। आइए, जानते हैं मेहंदी हसन के बारे में कुछ ऐसी बातें जो कम ही लोग जानते होंगे।

भारत में हुआ था मेहंदी हसन का जन्म
Mehdi Hassan का जन्म 18 जुलाई 1927 को राजस्थान के झुंझनू जिले के पास लूना नाम के गांव में हुआ था। उनका परिवार संगीत से जुड़ा हुआ था। हसन के पिता उस्ताद अजीम खान और चाचा उस्ताद इस्माइल खान ने उन्हें केवल 8 साल की उम्र से संगीत की शिक्षा देनी शुरू कर दी थी। इसके बाद 18 साल की उम्र में मेहंदी हसन ने परफॉर्म करना शुरू कर दिया। मेहंदी हसन ध्रुपद, ठुमरी और खयाल गायकी में मास्टर हो चुके थे। गायकी में अपना करियर शुरू करते ही मेहंदी हसन का स्ट्रगल शुरू हो गया।

पाकिस्तान जाकर गरीबी में गुजरे दिन
1947 में 20 साल के मेहंदी हसन का करियर शुरू ही हुई था कि तभी भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो गया। मेहंदी हसन और उनका परिवार अपना केवल कुछ जरूरी सामान लेकर बॉर्डर पार चला गया। मेहंदी का परिवार पाकिस्तानी पंजाब के साहीवाल जिले के एक गांव में रहने लगा। नई जगह पर हसन का परिवार बुरी तरह गरीबी में घिरा हुआ था। इसके बाद मजबूरी में मेहंदी हसन ने एक साइकल की दुकान में मेकेनिक के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। बाद में मेहंदी ने कार और ट्रैक्टर के मेकेनिक तौर पर भी काम किया। हालांकि इस बीच भी उन्होंने संगीत का रियाज बिल्कुल नहीं छोड़ा।

मौका मिलते है ऊंचाइयों पर पहुंचे मेहंदी
लगभग 10 साल के स्ट्रगल के बाद 1957 में मेहंदी हसन को रेडियो पाकिस्तान पर गाने का मौका मिला। शुरू में मेहंदी हसन ठुमरी गाया करते थे जिसे काफी पसंद किया जाता था। बाद में उन्होंने गजल गाना शुरू कर दिया। गजल गायकी ने मेहंदी हसन को भारत और पाकिस्तान की फिल्म इंडस्ट्री में मशहूर कर दिया। उन्होंने फिल्मों के लिए भी गाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते मेहंदी हसन पूरे भारतीय उपमहाद्वीप सहित दुनियाभर में मशहूर हो गए। मेहंदी हसन पाकिस्तान ही नहीं बल्कि भारत में भी कई बार कॉन्सर्ट करने आते थे। यहां पर कई भारतीय सिंगर जिनमें लता मंगेशकर भी शामिल हैं, उनके साथ परफॉर्म करते थे।

कई महान सिंगर्स के लिए बने प्रेरणा
मेहंदी हसन ने संगीत की दुनिया में कई बड़े सिंगर्स के लिए प्रेरणा का काम किया था। लता मंगेशकर, जगजीत सिंह, गुलाम अली, सोनू निगम जैसे बहुत से महान सिंगर्स मेहंदी हसन की गायकी से बेहद प्रभावित रहे हैं। मेहंदी हसन का म्यूजिक इंडस्ट्री में कितना सम्मान था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक बार लता मंगेशकर ने साथ में परफॉर्म करने के बाद कहा था, ‘ऐसा लगता है जैसे उनके गले में भगवान बोलते हैं।’

बहुत बड़ा था मेहंदी हसन का परिवार
मेहंदी हसन ने अपनी जिंदगी में 2 शादियां की थीं। उनकी इन दोनों बीवियों से 14 बच्चे थे। मेहंदी हसन के 8 बेटों ने म्यूजिक में ही अपना करियर बनाया। उनके बेटे तारिक ने प्लेबैक सिंगर, आरिफ ने तबला वादक, आसिफ ने गजल सिंगर, कामरान ने प्लेबैक सिंगर, इमरान ने सिंगर और तबला वादक, फैजान ने गजल सिंगर, शहजाद ने गजल सिंगर और वारिस ने पॉप सिंगर के तौर पर म्यूजिक में अपना करियर बनाया। इसमें से आरिफ मेहंदी हसन का अप्रैल 2021 को कराची में निधन हो गया।

कई देशों में मिला सम्मान
यूं तो मेहंदी हसन को पाकिस्तानी सिंगर कहा जाता है लेकिन उन्हें अपने देश के अलावा भारत और नेपाल की सरकारों ने भी सम्मानित किया था। भारत सरकार ने साल 1979 में जालंधर में केएल सहगल अवॉर्ड से सम्मानित किया था। नेपाल सरकार ने साल 1983 में गोरखा दक्षिणा बाहू अवॉर्ड से सम्मानित किया था। पाकिस्तान की सरकान ने 1985 में प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस और तमगा ए इम्तियाज, 2010 में हिलाल ए इम्तियाज, 2012 में निशान ए इम्तियाज जैसे नागरिक सम्मानों से नवाजा था। लंबी बीमारी के बाद 13 जून 2012 कराची में इस लेजेंडरी गजल सिंगर का निधन हो गया लेकिन आज भी मेहंदी हसन के गाने सुने जाते हैं।



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