सरकारी स्कूलों में आधारभूत संरचना पर खर्च होंगे 3012 करोड़

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सरकारी स्कूलों में आधारभूत संरचना पर खर्च होंगे 3012 करोड़

सरकारी स्कूलों में आधारभूत संरचना पर खर्च होंगे 3012 करोड़


सरकारी स्कूलों में आधारभूत संरचना पर खर्च होंगे 3012 करोड़
योजनाओं की गड़बड़ी की शिकायत के लिए पोर्टल विकसित

कोई भी व्यक्ति व शिक्षक पोर्टल के माध्यम से कर सकतें है शिकायत

हर दिन पोर्टल पर शिकायतों की अपर मुख्य सचिव करेंगे समीक्षा

शिकायत स्वीकृत होने पर 15 दिन में करना होगा निपटारा

प्रारंभिक स्कूलों में 30 बच्चों की बैठने तक का ही बनेगा कमरा

फोटो :

डीईओ ऑफिस : जिला शिक्षा कार्यालय का भवन।

बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।

नालंदा समेत सूबे के सरकारी स्कूलों में आधारभूत संरचना पर 3012 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने इस संबध में सभी डीईओ को पत्र भेजा है। साथ में, स्कूलों के विकास के लिए योजनाओं लेने के लिए गाइडलाइन भी जारी की है। डीईओ को योजनाबद्ध तरीके से विद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं के लिए योजनाएं बनाकर काम करने का आदेश दिया गया है। खास बात यह कि स्कूल में चलने वाली योजनाओं की शिकायत के लिए विभागीय पोर्टल विकसित किया गया है। कोई भी व्यक्ति (https://edu-grievance.thecodebucket.com/) पर शिकायत दर्ज कर सकता है। शिकायत स्वीकृत होने पर हरहाल में 15 दिनों में निपटारा करने का आदेश जारी किया गया है। पोर्टल पर आने वाली शिकायतों की प्रतिदिन अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा समीक्षा की जाएगी। ताकि, स्कूलों में और बेहतर सुविधा उपलब्ध करायी जा सके।

योजनाओं लेने में इन बातों का रखना होगा ध्यान :

विद्यालय में आधारभूत संचरना पूरी करने में क्या कमियां हैं। कर्मियों को दूर करने के विद्यालय में योजना स्वीकृत की गयी या नहीं, शिकायत कर्ता का शिकायत का निष्पादन हुआ या नहीं, शिक्षा के अधिकार के तहत प्रति शिक्षक एक कमरा उपलब्ध कराया गया है या नहीं, कमरों के निर्माण के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध है या नहीं, कमरों की संख्या शिक्षक-छात्र के अनुपात में है या नहीं, किसी भी कक्षा में 30 से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए। उदाहरण स्वरूप यदि किसी कक्षा में 75 बच्चे नामांकित है तो ऐसे कक्षा को दो सेक्शनों में बाटा जाए।

बनेगा शौचालय व भवन:

शौचालयों की पर्याप्त संख्या, शौचालयों में रनिंग वाटर की सुविधा, शौचालयों में टाइल्स, फ्लश व साबुन की सुविधा, चहारदीवारी, खेल का मैदान, फर्नीचर की उपलब्धता, भवनों व शौचालयों का निर्माण यथा संभव लम्बत हो ताकि, जगह बर्बाद न हो।

बोले अधिकारी :

जिले के सरकारी स्कूलों में तेज गति से पेयजल की व्यवस्था, नये कमरों का निर्माण, मरम्मत व अन्य मूलभूत सुविधाओं बहाल कराने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि, शिक्षकों व छात्रों को किसी तरह की परेशानी नहीं झलेनी पड़े।

राजकुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी

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