समारोह में कम चिकित्सकों की मौजूदगी पर जतायी नाराजगी, कहा- डॉक्टर हर हाल में रहें अपने आवास में : उप कुलपति

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समारोह में कम चिकित्सकों की मौजूदगी पर जतायी नाराजगी, कहा- डॉक्टर हर हाल में रहें अपने आवास में : उप कुलपति

समारोह में कम चिकित्सकों की मौजूदगी पर जतायी नाराजगी, कहा- डॉक्टर हर हाल में रहें अपने आवास में : उप कुलपति

समारोह में कम चिकित्सकों की मौजूदगी पर जतायी नाराजगी, कहा- डॉक्टर हर हाल में रहें अपने आवास में : उप कुलपति
पावापुरी मेडिकल कॉलेज में मना स्थापना दिवस

उपकुलपति समेत दर्जनों लोगों को किया गया सम्मानित

मेडिकल के टॉपर छात्रों को गोल्ड मेडल दे किया गया पुरस्कृत

सभी वक्ताओं ने कॉलेज व अस्पताल में सुधार करने का दिया भरोसा

फोटो :

पावापुरी मेडिकल 01 : पावापुरी भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान में रविवार को स्थापना दिवस समारोह में शामिल उपकुलपति डॉ. एसएन सिन्हा व अन्य।

पावापुरी, निज संवाददाता।

स्थानीय भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान (बीमिम्स) में रविवार को धूमधाम से स्थापना दिवस समारोह मना। इसमें बिहार मेडिकल चिकित्सा विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. एसएन सिन्हा ने चिकित्सकों की कम उपस्थिति पर नाराजगी जतायी। वहीं डॉक्टरों को हर हाल में अपने आवास में रहने की नसीहत दी। समारोह में उपकुलपति समेत दर्जनों लोगों को सम्मानित किया गया। मेडिकल के टॉपर्स छात्रों को गोल्ड मेडल देकर पुरस्कृत किया गया। उप कुलपति की बात पर वहां मौजूद सभी वक्ताओं व चिकित्सकों ने कॉलेज व अस्पताल में सुधार करने का भरोसा दिया।

उपकुलपति ने कहा कि चिकित्सा शिक्षक अपने दायित्व का सही से निर्वहन नहीं कर रहे हैं। वे जैसे-तैसे ड्यूटी कर रहे हैं। यह किसी मायने में ठीक नहीं है। आप ही बताइए कि सरकार ने आपके रहने के लिए हर तरह की सुविधा परिसर में ही मुहैया करायी है। बावजूद, आप यहां नहीं रह रहे हैं। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई के साथ ही मरीजों का इलाज भी प्रभावित होगा। यह किसी भी हाल में अस्पताल की सेहत के लिए ठीक नहीं है। आपको अपनी कमी पर ध्यान देना चाहिए। कॉलेज या अस्पताल में अगर कोई कमियां हैं, तो उसकी जानकारी प्राचार्य और अधीक्षक को दें। ताकि, उस समस्या को वे विभाग को भेज सकें। इसके लिए हर माह कम से कम एक बार आपस में बैठक अवश्य करें। समस्या के साथ ही विकास की भी समीक्षा करें।

इलाज में मौत होने पर करें शोध :

उन्होंने कहा कि यहां से किसी भी रोगी को रेफर नहीं किया जाना चाहिए। कई बार इलाज के दौरान अधिक जख्मी या बीमार की मौत हो जाती है। वह सिर्फ उस व्यक्ति की मौत नहीं है, बल्क, मौत के कारणों का पता लगाएं। उन्हें बचाने के लिए और क्या किया जा सकता था। वह भी सोचें। दरअसल इलाज में मौत होने पर आप शोध करें। आखिर उसकी मौत क्यों हुई। यदि आप लोग इस तरह के विषयों पर रिसर्च करेंगे, तो निश्चित तौर पर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल आगे बढ़ेगा। शिक्षकों के लिए अध्यापन एक महत्वपूर्ण दायित्व है। हजारों विद्यार्थियों में सोई पड़ी क्षमताओं और संभावनाओं का उन्हें एहसास कराएं। भारत की सुन्दर सांस्कृतिक परंपराओं के बीज उनके मन में बोएं। ताकि, सेवा भाव से वे रोगियों का बेहतर से बेहतर इलाज कर सकें। यहां पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को सबल और प्रतिभावान बनाना ही हमारा एकमात्र दायित्व होना चाहिए।

भवन बेहतर होने से कुछ नहीं होगा, कार्यशैली सुधारें :

मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. पीके चौधरी ने कहा कि अस्पताल भवन काफी बेहतर व आधुनिक है। लेकिन, भवन बेहतर होने से कुछ नहीं होगा। चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को अपनी कार्यशैली में सुधार करना होगा। प्राचार्य प्रो. डॉ. सर्विल कुमारी ने कहा कि वे डॉ. जेके दास और डॉ. पीके चौधरी द्वारा किए कामों को आगे बढ़ाएंगी। मेडिकल कॉलेज में पांच विषयों में पीजी की पढ़ाई हो रही। अन्य विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू कराने का प्रयास करेंगी। समारोह में अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार सिन्हा, सेवानिवृत्त अस्पताल अधीक्षक डॉ. ज्ञान भूषण, सेवानिवृत चिकित्सक डॉ. विजयेंद्र प्रसाद, समारोह आयोजक डॉ. अशोक कुमार सिंह, डॉ. रश्मि कुमारी, डॉ. राजेश नारायण, डॉ. श्रीमोहन मिश्रा, डॉ. अरुण कुमार सिंह, डॉ. नागेंद्र कुमार सिन्हा, डॉ. सीमा सिंह, डॉ. लक्ष्मण, डॉ. प्रभात रंजन व अन्य मौजूद थे।

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