सड़क के रास्ते नोएडा से दिल्ली जाने में छूट रहे पसीने, डीएनडी और चिल्ला बॉर्डर पर टोल एजेंट का कोहराम

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सड़क के रास्ते नोएडा से दिल्ली जाने में छूट रहे पसीने, डीएनडी और चिल्ला बॉर्डर पर टोल एजेंट का कोहराम

सड़क के रास्ते नोएडा से दिल्ली जाने में छूट रहे पसीने, डीएनडी और चिल्ला बॉर्डर पर टोल एजेंट का कोहराम

नई दिल्ली: नोएडा से सेंट्रल दिल्ली या साउथ दिल्ली जाना हो तो प्लानिंग के वक्त से ही पसीना छूटने लगता है। डीएनडी फ्लाइवे और चिल्ला बॉर्डर, इन दोनों ही रूट पर जाम लगता रहता है। हालत ऐसी है कि आप देर रात को छोड़कर किसी भी वक्त निकलें, आपके जाम में फंसने की पूरी-पूरी आशंका रहती है। दरअसल, अभी इन्हीं दोनों जगहों पर दिल्ली नगर निगम का टोल टैक्स वसूला (MCD Toll Collection) जा रहा है। टोल एजेंटों ने डीएनडी पर लाल रंग के प्लास्टिक बैरियर डालकर कमर्शियल वाहनों और टैक्सी के लिए अलग लेन बना दिया है। ये बैरियर पुराने टोल प्लाजा से कुछ मीटर दूर लगे हैं। इससे दूसरी गाड़ियों के लिए एक लेन बंद हो गया। वहीं, चिल्ला बॉर्डर पर सड़क के बीच में एक ही एक छाता डालकर दर्जनभर से भी ज्यादा टोल एजेंट खड़े रहते हैं।

नोएडा अथॉरिटी ने दिल्ली की तरफ धकेला

दोनों जगहों के टोल एजेंटों का कहना है कि चूंकि उन्हें टोल कलेक्शन के लिए कहीं जगह नहीं दी गई, इसलिए तात्कालिक तौर पर ऐसा हो रहा है। डीएनडी पर टोल पहले पुराने टोल टैक्स प्लाजा पर कलेक्ट किया जा रहा था, लेकिन कई कमर्शियल वाहन बायीं लेन में नहीं जाकर टैक्स देने से बच जाते थे। उनका कहना है कि नोएडा अथॉरिटी ने उनसे दिल्ली की तरफ जाने को कहा क्योंकि टैक्स दिल्ली के लिए कलेक्ट किया जा रहा है। नोएडा अथॉरिटी के सीनियर मैनेजर डीएल वर्मा ने भी यह बात मानी। उन्होंने कहा, ‘जब डीएनडी पर टोल टैक्स खत्म कर दिया गया तो उनका यूपी की तरफ खड़ा होकर टोल वसूलने का कोई मतलब नहीं रह जाता है।’

अगर हम ऐसे लोगों को नहीं पकड़ेंगे तो दूसरे भी टैक्स नहीं देंगे। हम पहले सबसे बाईं वाली लेन पर ही तैनात रहते थे, तब टैक्स से बचने के चक्कर में कुछ गाड़ी वाले बिल्कुल दाईं वाली लेन से निकल जाते थे।

हिमांशु, इनचार्ज, चिल्ला बॉर्डर टोल बूथ

जाम से लोग परेशान, टोल एजेंट्स भी हलकान

सिस्टम की लापरवाहियों की सजा भुगत रहे यात्री त्राहिमाम कर रहे हैं। नोएडा में रहने वाले आंट्रप्रन्योर रषभ सुरेश कहते हैं, ‘आखिर चार लेन होने का मतलब ही क्या है जब गाड़ियां दो लेन में ही चल सकें?’ उन्होंने कहा, ‘भला बताइए, सड़क के बीचोबीच कलेक्शन बूथ बना दिया गया है। इतना ही नहीं, टोल एजेंट टैक्स नहीं देने की फिराक में भागते वाहनों का पीछा भी करते हैं। बिल्कुल अफरातफरी का माहौल है वहां तो।’ चिल्ला बॉर्डर पर टोल कलेक्शन एजेंट दो जगहों पर तैनात रहते हैं, एक- ट्रैफिक लाइट के पास और दूसरे- मयूर विहार फ्लाइओवर के पास। चिल्ला बॉर्डर पर टैक्स कलेक्शन बूथ के इनचार्ज हिमांशु के मुताबिक समस्या तब हो जाती है जब गाड़ियां बिना टैक्स दिए निकल लेना चाहती हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर हम ऐसे लोगों को नहीं पकड़ेंगे तो दूसरे भी टैक्स नहीं देंगे। हम पहले सबसे बाईं वाली लेन पर ही तैनात रहते थे, तब टैक्स से बचने के चक्कर में कुछ गाड़ी वाले बिल्कुल दाईं वाली लेन से निकल जाते थे।’ चिल्ला बॉर्डर पर सड़क किनारे ही फल विक्रेता भी होते हैं। वहां फल खरीदने के लिए कई कारें सड़क पर ही खड़ी हो जाती हैं। ऐसे में नीम पर करेला चढ़ने जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। वहां गाड़ियां रेंगने लगती हैं।

भला बताइए, सड़क के बीचोबीच कलेक्शन बूथ बना दिया गया है। इतना ही नहीं, टोल एजेंट टैक्स नहीं देने की फिराक में भागते वाहनों का पीछा भी करते हैं। बिल्कुल अफरातफरी का माहौल है वहां तो।

ऋषभ सुरेश, आंट्रप्रन्योर

आखिर क्यों नहीं होती वैकल्पिक व्यवस्था?

आखिर, स्थाई टोल टैक्स बूथ बनाने में क्या दिक्कत है? इसके जवाब में एमसीडी के अधिकारी बताते हैं कि रोड बनाने वाली एजेंसी से उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिलती। वो कहते हैं कि बूथ होने से कहीं ज्यादा जाम टैक्स से बचने के लिए भागने वाली गाड़ियों और हड़बड़ी करने वालों के कारण लगता है। एमसीडी अधिकारियों का दावा है कि चिल्ला बॉर्डर पर ज्यादातर वक्त जाम नहीं होता है क्योंकि इधर से गुजरने वाली गाड़ियां बहुत कम होती हैं। लेकिन पिछले दो महीनों से वहां भी जाम की समस्या हो रही है क्योंकि वहां कंस्ट्रक्शन वर्क्स चल रहे हैं। उम्मीद है कि 15 दिनों में यहां सब ठीक हो जाएगा।

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सुप्रीम कोर्ट में भी है मामला

चिल्ला बॉर्डर और मयूर विहार फ्लाइवे पर ज्यादा जाम नहीं लगे, इसके लिए एमसीडी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सर्वोच्च न्यायालय ने एमसीडी की याचिका पर अनिवार्य वस्तुओं को ढोने वाले वाहनों से भी टैक्स वसूलने की अनुमति दे दी, जो पहले टैक्स फ्री थे। एक अधिकारी ने कहा, ‘मालवाहक गाड़ियों को पूरी या आंशिक टैक्स छूट देने के लिए उनकी अच्छे से चेकिंग की जाती है। हमने कोर्ट में याचिका डाली है कि सभी कमर्शियल वाहनों पर एक जैसा टैक्स लगे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) भी सभी वाहनों से टैक्स वसूलता है, वो चाहे जिस कैटिगरी के हों।’ दिल्ली नगर निगम (MCD) सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2015 से सभी कमर्शियल वाहनों से टोल टैक्स के अलावा पर्यवारण मुआवजा शुल्क (ECC) भी वसूल रहा है। अगस्त 2016 में तत्कालीन दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने 13 टोल प्लाजा पर रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडी सिस्टम लगाए थे। नोएडा से दिल्ली जाने वाली करीब 80 प्रतिशत ट्रैफिक इसमें कवर होती थी। तब टोल टैक्स कटवाने के लिए गाड़ियों को रुकना नहीं पड़ता था।

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