शिवराज-कमलनाथ ने झौंकी ताकत, खूब किया प्रचार, दौड़े सरपट | shivraj singh chouhan | Patrika News
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– शिवराज ने 60 सभाएं, 25 रोड़ शो किए, कमलनाथ ने 12 सभा, 10 रोड़ शो
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[email protected]भोपाल। प्रदेश में निकाय चुनाव के बुधवार को अंतिम चरण के साथ स्थानीय चुनाव सम्पन्न हो जाएंगे। इसके बाद सिर्फ मतगणना बचेगी। इन चुनावों के लिए प्रचार में सीएम शिवराज सिंह चौहान सबसे ज्यादा सरपट घूमे, जबकि प्रदेश कांग्रेस कमलनाथ ने प्रचार के साथ प्रबंधन पर ज्यादा ध्यान दिया। पढि़ए, दोनों नेताओं के तूफानी प्रचार की स्थिति-
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सरपट शिवराज : 60 सभाएं, 25 रोड़ शो-
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पंचायत व निकाय चुनाव के मैदान में एक दिन में औसत तीन से चार जिलों को नापा। शिवराज ऐसे सरपट घूमे कि पूरे चुनाव में 60 से ज्यादा संभाएं और करीब 25 रोड़ शो किए। इनमें पहले चरण में 40 सभा व 22 रोड शो किए। वहीं दूसरे चरण में 6 से 11 जुलाई के बीच 20 सभा व तीन रोड शो किए। अनेक जगहों पर रैलियां भी की। शिवराज दूसरे चरण में रायसेन में तीन बार, रीवा व कटनी में दो बार और बाकी जगहों पर एक-एक बार गए।
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कमलनाथ का प्रचार: 12 सभाएं, 10 रोड शो-
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने निकाय चुनाव के दूसरे चरण में प्रचार के साथ प्रबंधन पर फोकस किया। कमलनाथ ने पूरे चुनाव में 12 सभाएं और 10 रोड़ शो किए। कमलनाथ ने इस दौरान 23 धार्मिक स्थलों पर दर्शन कर पूजन किया। वहीं नौ बुद्धिजीवी संवाद कार्यक्रम किए। पहले चरण में 10 सभाएं और 5 रोड़ शो किए। वहीं दूसरे चरण में 6 जुलाई से 11 जुलाई के बीच 2 सभाएं और 5 रोड शो किए। कमलनाथ मुरैना और रतलाम में सभाएं करने पहुंचे।
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फोकस पर रही 5 नगर निगम-
दूसरी चरण में भाजपा और कांग्रेस दोनों के फोकस पर वोटिंग में बची पांच नगर निगम रही। इनमें देवास, कटनी, रीवा, रतलाम और मुरैना नगर निगम शामिल हैं। भाजपा की ओर से सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इन निगमों में प्रचार का मोर्चा संभाला। वहीं कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ स्टार प्रचारक रहे। दोनों पार्टियों ने इन निगमों में बूथ प्रबंधन, परंपरागत वोटबैंक वाले इलाकों और प्रचार को लेकर सबसे ज्यादा काम किया।
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भाजपा की रणनीति ऐसी-
निकाय चुनाव के पहले चरण में मतदान कम होने के बाद भाजपा ने दूसरे चरण के लिए संबंधित निकायों के लिए रणनीति बदली। इसके तहत बूथ स्तर की टीमों को सबसे पहले एक्टिव किया गया। वीडी शर्मा भी जहां-जहां प्रचार के लिए गए वहां-वहां पर अलग से संबंधित प्रभारियों को चुनाव प्रबंधन को लेकर बैठक करके काम सौंपे। सभी चुनाव प्रभारी व बूथ प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई कि इस बार मतदान प्रतिशत ज्यादा रहे। संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने संबंधित इलाकों के वरिष्ठ नेताओं को भी जुटाया। पूरी मानीटरिंग संगठन ने मुख्यालय से अपने हाथ में ले ली।
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कांग्रेस की रणनीति ऐसी-
निकाय चुनाव के पहले चरण के फीडबैक से कांग्रेस उत्साहित रही। इस कारण कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया। कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में पक्षपात करने वाले अफसरों की सूचियां बनाने के लिए सभी नेताओं को कहा। इसके लिए वॉट्सअप नंबर भी जारी किया। हर निकाय से चुनाव प्रभारी से लिखित में इसके लिए शिकायतें मांगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने हर सीट के लिए बूथ प्रभारियों को एक्टिव किया। इसके अलावा मुख्यालय से संबंधित हर निकाय को सीधे कनेक्ट रहने के लिए कहा गया। मतदान पर भी फोकस करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अब वोटिंग वाले दिन भी पूरा कंट्रोल रूम एक्टिव रहेगा।
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सरपट शिवराज : 60 सभाएं, 25 रोड़ शो-
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पंचायत व निकाय चुनाव के मैदान में एक दिन में औसत तीन से चार जिलों को नापा। शिवराज ऐसे सरपट घूमे कि पूरे चुनाव में 60 से ज्यादा संभाएं और करीब 25 रोड़ शो किए। इनमें पहले चरण में 40 सभा व 22 रोड शो किए। वहीं दूसरे चरण में 6 से 11 जुलाई के बीच 20 सभा व तीन रोड शो किए। अनेक जगहों पर रैलियां भी की। शिवराज दूसरे चरण में रायसेन में तीन बार, रीवा व कटनी में दो बार और बाकी जगहों पर एक-एक बार गए।
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कमलनाथ का प्रचार: 12 सभाएं, 10 रोड शो-
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने निकाय चुनाव के दूसरे चरण में प्रचार के साथ प्रबंधन पर फोकस किया। कमलनाथ ने पूरे चुनाव में 12 सभाएं और 10 रोड़ शो किए। कमलनाथ ने इस दौरान 23 धार्मिक स्थलों पर दर्शन कर पूजन किया। वहीं नौ बुद्धिजीवी संवाद कार्यक्रम किए। पहले चरण में 10 सभाएं और 5 रोड़ शो किए। वहीं दूसरे चरण में 6 जुलाई से 11 जुलाई के बीच 2 सभाएं और 5 रोड शो किए। कमलनाथ मुरैना और रतलाम में सभाएं करने पहुंचे।
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फोकस पर रही 5 नगर निगम-
दूसरी चरण में भाजपा और कांग्रेस दोनों के फोकस पर वोटिंग में बची पांच नगर निगम रही। इनमें देवास, कटनी, रीवा, रतलाम और मुरैना नगर निगम शामिल हैं। भाजपा की ओर से सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इन निगमों में प्रचार का मोर्चा संभाला। वहीं कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ स्टार प्रचारक रहे। दोनों पार्टियों ने इन निगमों में बूथ प्रबंधन, परंपरागत वोटबैंक वाले इलाकों और प्रचार को लेकर सबसे ज्यादा काम किया।
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भाजपा की रणनीति ऐसी-
निकाय चुनाव के पहले चरण में मतदान कम होने के बाद भाजपा ने दूसरे चरण के लिए संबंधित निकायों के लिए रणनीति बदली। इसके तहत बूथ स्तर की टीमों को सबसे पहले एक्टिव किया गया। वीडी शर्मा भी जहां-जहां प्रचार के लिए गए वहां-वहां पर अलग से संबंधित प्रभारियों को चुनाव प्रबंधन को लेकर बैठक करके काम सौंपे। सभी चुनाव प्रभारी व बूथ प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई कि इस बार मतदान प्रतिशत ज्यादा रहे। संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने संबंधित इलाकों के वरिष्ठ नेताओं को भी जुटाया। पूरी मानीटरिंग संगठन ने मुख्यालय से अपने हाथ में ले ली।
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कांग्रेस की रणनीति ऐसी-
निकाय चुनाव के पहले चरण के फीडबैक से कांग्रेस उत्साहित रही। इस कारण कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया। कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में पक्षपात करने वाले अफसरों की सूचियां बनाने के लिए सभी नेताओं को कहा। इसके लिए वॉट्सअप नंबर भी जारी किया। हर निकाय से चुनाव प्रभारी से लिखित में इसके लिए शिकायतें मांगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने हर सीट के लिए बूथ प्रभारियों को एक्टिव किया। इसके अलावा मुख्यालय से संबंधित हर निकाय को सीधे कनेक्ट रहने के लिए कहा गया। मतदान पर भी फोकस करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अब वोटिंग वाले दिन भी पूरा कंट्रोल रूम एक्टिव रहेगा।
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