लखनऊ में दिन-दहाड़े खूनी खेल से पुलिस की उड़ी नीद, कौन है विकास दुबे से भी खतरनाक वीरेंद्र ठाकुर | Bihar Contractor Virendra Thakur Murder in Lucknow Who is Virendra | Patrika News

179

लखनऊ में दिन-दहाड़े खूनी खेल से पुलिस की उड़ी नीद, कौन है विकास दुबे से भी खतरनाक वीरेंद्र ठाकुर | Bihar Contractor Virendra Thakur Murder in Lucknow Who is Virendra | Patrika News

सुरक्षाकर्मियों को बंधक बनाकर बदमाशों ने मारी गोली वीरेंद्र के घर पर उसके परिवार और गार्डों को बंधक बनाकर बदमाशों ने उसे गोली मार दी। इस दौरान बदमाशों ने वीरेंद्र की सुरक्षा में तैनात गार्डों की बंदूकें भी अपने कब्जे में ले ली थीं। लखनऊ पुलिस ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वीरेंद्र रेलवे के स्टैंड के ठेके लेता था। उन्होंने कहा कि कोलकाता से लेकर उत्तर प्रदेश तक, उसके पास करोड़ों के ठेके थे। पुलिस ने बताया कि मृतक वीरेंद्र बिहार पुलिस का वॉन्टेड अपराधी भी था और बिहार में उसके खिलाफ 23 मुकदमे दर्ज थे।

यह भी पढ़ें

अब डायबिटीज कैंसर और मानसिक बीमारियों के मरीजों को इलाज पर नहीं खर्च करने होंगे ज्यादा पैसे

ठेके को लेकर 2019 में हुआ था विवाद
पुलिस ने बताया कि चारबाग रेलवे स्टेशन के ठेके को लेकर 2019 में उसका विवाद हुआ था। पुलिस ने कहा कि इसी विवाद में उसकी हत्या की साजिश रची गई थी। पता चला है कि साल 2019 में वीरेंद्र की हत्या के लिए उसे हनीट्रैप में फंसाया गया था। उस वक्त शूटआउट के दौरान गोलियां उसकी रीढ़ की हड्डी में लगीं और वह अपाहिज हो गया। 2019 के उस केस में पुलिस ने 2 महिलाओं और गोली मारने वाले इंजीनियरिंग के एक छात्र को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। फिलहाल पुलिस हत्यारों की तलाश में जुट गई है।

किलाबंद घर, सीसीटीवी कैमरे से लैस
वीरेंद्र तीन साल पहले हुए हमले के बाद से खुद की सुरक्षा को लेकर काफी संजीदा हो गया था। उसने पूरे घर को एक किला नुमा बनवा लिया। घर के दरवाजे और दीवारों में जगह तक नहीं छोड़ी। वहीं चारदीवारी पर कंटीले कील लगवा रखे थे। ताकि कोई अंदर न दाखिल हो सके। घर के अंदर से लेकर बाहर तक हर तरफ सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछा रखा था। वह लगातार अपने कमरे में बैठकर खुद ही कैमरों में आने जाने वालों पर नजर रखता था।

बिना आदेश के नहीं खुलता था दरवाजा
पुलिस के मुताबिक पड़ताल में सामने आया कि सुरक्षाकर्मी बिना वीरेंद्र की अनुमति के दरवाजा नहीं खोलते थे। वह सिर्फ अपने करीबी परिचितों को ही अक्सर घर के अंदर आने की अनुमति देता था। बाकी लोगों से काम पूछ कर दरवाजे से ही वापस भेज देता था। यहां तक की मोहल्ले में किसी से नहीं मिलता था। दूसरी पत्नी खुशबू ने पुलिस को बताया कि वीरेंद्र सिर्फ दीवाली में ही घर से निकलता था। इसके अलावा किसी विशेष जरूरत पर ही वह घर से निकलता था। उसके साथ हर वक्त सुरक्षाकर्मी मौजूद रहते थे।

यह भी पढ़ें

इस व्यवसाय के लिए महिलाओं को मिलेगी आर्थिक मदद, योगी सरकार का ऐलान



उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News