मारुति कारों के क्रैश टेस्ट में फेल होने के बाद आरसी भार्गव ने NCAP पर उठाए सवाल, कहा- इस वजह से हो रहे एक्सीडेंट

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मारुति कारों के क्रैश टेस्ट में फेल होने के बाद आरसी भार्गव ने NCAP पर उठाए सवाल, कहा- इस वजह से हो रहे एक्सीडेंट

मारुति कारों के क्रैश टेस्ट में फेल होने के बाद आरसी भार्गव ने NCAP पर उठाए सवाल, कहा- इस वजह से हो रहे एक्सीडेंट

नई दिल्ली: ग्लोबल एनसीएपी (NCAP) के क्रैश टेस्ट के हाल ही में आए नतीजे मारुति के लिए अच्छे नहीं रहे हैं। मारुति की कारों के क्रैश टेस्ट में फेल (Maruti Cars Fail Crash Test) होने के बाद मारुति सुजुकी के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल एनसीएपी) के मानकों पर सवाल उठाया है। उनके मुताबिक, यह मानना गलत है कि ऐसी एजेंसियां देश की सरकार की तुलना में सुरक्षा की जरूरतों को बेहतर समझती हैं। आरसी भार्गव ने हाल ही में एक प्रेस मीट में कहा कि NCAP सुरक्षा व्यवसाय को दुनिया की सभी सरकारों से बेहतर जानता है। भारतीय सरकार ने जो मानक लागू किए हैं, वह सुरक्षा के यूरोपीय मानकों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि किसी को भी एनसीएपी मानकों के झांसे में नहीं आना चाहिए। यह भी नहीं मान लेना चाहिए कि वे सुरक्षित ड्राइविंग के लिए एक रास्ता दिखाते हैं। इससे भारत में सड़क पर होने वाली मौतों पर अंकुश लगा सकते हैं। मारुति सुजुकी के अध्यक्ष आरसी भार्गव के मुताबिक, एनसीएपी सुरक्षा मानक दुर्घटनाओं के कारणों पर ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अगर कारों में NCAP के मानक लगा भी दिए जाएं तो भी इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इससे रोड एक्सीडेंट की संख्या में भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

मारुति की यह कारें क्रैश टेस्ट में हुई थीं फेल

बल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल एनसीएपी) ने बीते सोमवार को SaferCarsForIndia अभियान के तहत नए और ज्यादा कड़े क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के नतीजों के दूसरे सेट का ऐलान किया था। टेस्ट के नतीजों में मारुति सुजुकी के तीन मॉडल जिसमें स्विफ्ट, एस-प्रेसो और इग्निस शामिल हैं। इन्हें दो फ्रंटल एयरबैग और एबीएस के साथ उनके बुनियादी सेफ्टी स्पेसिफिकेशंस में टेस्ट किया गया था। सभी तीन मॉडलों ने क्रैश टेस्ट में काफी खराब प्रदर्शन किया। अडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन केटेगरी में इन मॉडल्स को सिर्फ एक स्टार मिला। चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन कैटेगरी में स्विफ्ट को एक स्टार जबकि इग्निस और एस-प्रेसो को जीरो स्टार मिले थे। बता दें कि ग्लोबल एनसीएपी यूके स्थित चैरिटी का एक कार्यक्रम है जो 2030 तक सड़क पर होने वाली मौतों और गंभीर चोटों को कम करने के लक्ष्य के साथ सड़क सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र के नए दशक की कार्रवाई के समर्थन में काम कर रहा है।

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साल 2021 में सड़क दुर्घटना में इतने लोगों ने गंवाई जान

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक, साल 2021 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में अनुमानित 155,622 लोग मारे गए थे। पिछले साल कुल 403,116 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं। भारत में सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी के अध्यक्ष ने दावा किया कि अभी तक सड़कों और कारों के प्रमाणन के लिए कोई एजेंसी नहीं है। वाहन प्रणाली की विफलता के कारण कई दुर्घटनाएं होती हैं। इसमें खराब ब्रेक, कम लाइट, खराब स्टीयरिंग और घिसे-पिटे टायर यह कई चीजें शामिल हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐसे पहलू हैं जिन्हें सुरक्षा के नजरिये से नहीं देखा जा रहा है।

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ड्राइविंग लाइसेंस पर उठाए सवाल

मनी कंट्रोल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, आरसी भार्गव ने ड्राइविंग लाइसेंस दिए जाने पर भी सवाल उठाए हैं। उनके मुताबिक, भारत में लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस कैसे मिलता है और क्या वे सही और सुरक्षित तरीके से ड्राइव करना जानते हैं? उन्होंने कहा कि भारत में लाइसेंस हासिल करना अन्य देशों में लाइसेंस जारी करने के तरीके से बिल्कुल अलग है। कई देशों में किसी व्यक्ति को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए प्रमाणित करने से पहले प्रशिक्षण और परीक्षण का एक बहुत सख्त पोग्राम है। जबकि भारत में ऐसा नहीं है। ड्राइवर की गलती भारत में दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है।

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