मां समान सास को खोया, पति की भी हुई मौत फिर भी जारी रखी लड़ाई, 27 साल बाद मिला इंसाफ | The case of possession of house went on in court for 27 years | Patrika News
बुजुर्ग महिला ने बताई 27 साल के संघर्ष की दास्तां…बोली- घर में फेंक देते थे मरा हुआ चूहा..रहना होता था मुश्किल…
इंदौर
Published: April 12, 2022 08:13:34 pm
इंदौर. इंदौर में एक बुजुर्ग महिला को 27 साल लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार उसका हक मिल ही गया। न्याय मिलने में लगे लंबे अरसे के दौरान बुजुर्ग महिला की मां समान सास की मौत हो गई। पति भी कोर्ट के चक्कर लगाते लगाते अंदर से इतने टूट गए कि करीब एक साल पहले उनकी भी मौत हो गई। लेकिन इसके बावजूद बुजुर्ग महिला ने हार नहीं मानी और जवान बेटी के साथ हक की लड़ाई लड़ती रही। मामला महिला के मकान पर किराएदार के कब्जा कर लेने का था।
ये है पूरा मामला
बुजुर्ग महिला सुनयना महाडिक ने बताया कि उनके आडा बाजार स्थित मकान पर किराएदार योगेन्द्र पुराणिक ने कब्जा कर लिया था। जिसके खिलाफ उनकी सास गुलाब बाई ने साल 1996 में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। एक साल बाद ही सास गुलाब बाई की मौत हो गई। जिसके बाद पति प्रभाकर महाडिक ने इस लड़ाई को आगे बढ़ाया और सालों तक कोर्ट की चौखट पर गुहार लगाई। लेकिन किराएदार की प्रताड़ना और कोर्ट के चक्कर लगाते लगाते पति अंदर से टूट गए और पिछले साल उनकी भी मौत हो गई।
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किराएदार अलग-अलग तरह से करता था प्रताड़ित
बुजुर्ग महिला सुनयना महाडिक की बेटी प्रणिता ने बताया कि पहले उनके पिता और फिर मां ने सालों तक कोर्ट में केस लड़ा। किराएदार की प्रताड़ना सही लेकिन कभी हार नहीं मानी और उनके संघर्ष का ही परिणाम है कि अब उन्हें उनका मकान वापस मिल पाया है। प्रणीता ने बताया कि पिता बिजली कंपनी में थे और 2001 में रिटायर्ड हो गए थे जिसके बाद पेंशन ही घर चलाने का जरिया थी। उसी में से कोर्ट की फीस भी चुकानी पड़ती थी। ऊपर से किराएदार योगेन्द्र पुराणिक व उसका परिवार तरह तरह से प्रताड़ित करता था। कई बार कोर्ट में सुनवाई के लिए ही नहीं आता था। उनके घर पर मरे हुए चूहे फेंकता था जिससे कि घर में रहना मुश्किल हो जाता था। किराएदार का बेटा राजनीतिक रसूख दिखाकर धमकाता था। प्रणीता ने कहा कि जब उन्होंने चार महीने पहले कलेक्टर से गुहार लगाई उसके बाद केस में रफ्तार आई और न्याय मिल पाया।
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14 मार्च को आया था फैसला
प्रणीता ने बताया कि बीते दिनों दो बार नोटिस देने के बाद भी किराएदार पेशी पर नहीं आया जिसके बाद एसडीएम ने 14 मार्च को फैसला सुनाया कि किराएदार खुद ही घर खाली कर मकान मालिक को कब्जा दे दे। लेकिन किराएदार ने इस आदेश का भी पालन नहीं किया। जिसके बाद प्रणीता और उनकी बुजुर्ग मां कलेक्टर के पास पहुंचे और पूरे मामले से अवगत कराया। जिसके बाद कलेक्टर ने पुलिस और प्रशासन की टीम को भेजकर किराएदार के कब्जे से मकान व दुकान को खाली कराया।
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Published: April 12, 2022 08:13:34 pm
इंदौर. इंदौर में एक बुजुर्ग महिला को 27 साल लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार उसका हक मिल ही गया। न्याय मिलने में लगे लंबे अरसे के दौरान बुजुर्ग महिला की मां समान सास की मौत हो गई। पति भी कोर्ट के चक्कर लगाते लगाते अंदर से इतने टूट गए कि करीब एक साल पहले उनकी भी मौत हो गई। लेकिन इसके बावजूद बुजुर्ग महिला ने हार नहीं मानी और जवान बेटी के साथ हक की लड़ाई लड़ती रही। मामला महिला के मकान पर किराएदार के कब्जा कर लेने का था।
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बुजुर्ग महिला सुनयना महाडिक ने बताया कि उनके आडा बाजार स्थित मकान पर किराएदार योगेन्द्र पुराणिक ने कब्जा कर लिया था। जिसके खिलाफ उनकी सास गुलाब बाई ने साल 1996 में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। एक साल बाद ही सास गुलाब बाई की मौत हो गई। जिसके बाद पति प्रभाकर महाडिक ने इस लड़ाई को आगे बढ़ाया और सालों तक कोर्ट की चौखट पर गुहार लगाई। लेकिन किराएदार की प्रताड़ना और कोर्ट के चक्कर लगाते लगाते पति अंदर से टूट गए और पिछले साल उनकी भी मौत हो गई।
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