बिजली उपभोक्ताओं पर 250 करोड़ बोझ डालने प्लान फेल, आयोग का आदेश- सरकार दे सब्सिडी | Plan failed to put 250 crore burden on electricity consumers | Patrika News
Tourism Category convert into Industry
जयपुर
Published: April 12, 2022 08:12:10 pm
जयपुर। पर्यटन और हॉस्पिटिलिटी इकाईयों की बिजली दर में कमी का बोझ आम विद्युत उपभोक्ताओं पर डालने का सरकारी प्लान फेल हो गया है। इन दोनों सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने से इनकी बिजली दर 2.50 रुपए प्रति यूनिट कम हो जाएगी। कम हुई इस दर की अंतर राशि 200 से 250 करोड़ रुपए तक है। यह राशि सरकार को बतौर सब्सिडी के रूप में डिस्कॉम को देनी होगी। जबकि, अभी तक यह टैरिफ के माध्यम से अन्य उपभोक्ताओं में बांटने की तैयारी थी।
बिजली उपभोक्ताओं पर 250 करोड़ बोझ डालने प्लान फेल, आयोग का आदेश- सरकार दे सब्सिडी
राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने इस मामले में संज्ञान लिया और पर्यटन, हॉस्पिटिलिटी इकाईयों की टैरिफ में कमी का बोझ आम उपभोक्ताओं पर डालने की इजाजत नहीं दी। आयोग ने राज्य सरकार और डिस्कॉम्स को इसकी पालना करने के आदेश दिए हैं।
इस तरह बिजली दर में अंतर..
1. पर्यटन इकाई : अभी तक इसमें बिजली दर कॉमर्शियल (नॉन डोमेस्टिक) श्रेणी में है। यह दर विद्युत लोड के अनुसार 7.55 से 8.95 रुपए प्रति यूनिट तक है।
2. औद्योगिक : इसमें 6 रुपए से 7.30 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली दर निर्धारित है। स्मॉल इंडस्ट्री में 6 से 6.45 रुपए, मध्यम उद्योग में 7 रुपए और वृहद औद्योगिक इकाईयों में 7.30 रुपए प्रति यूनिट है।
3. दर होगी कम : ज्यादातर पर्यटन इकाईयों स्मॉल या मध्यम श्रेणी के उद्योग में ही हैं। इसलिए सीधा फायदा 1.55 से 2.50 रुपए प्रति यूनिट तक होगा।
दो तरह की छूट अलग
1. टीओडी फॉर्मूल के तहत रात 12 से सुबह 6 बजे तक बिजली खपत पर विद्युत शुल्क में 15 प्रतिशत की छूट।
2. मध्यम और वृहद उद्योगों को इनक्रिमेंटल छूट। इसमें पिछले वर्ष के अनुपात में माजूदा वर्ष में 50 प्रतिशत से ज्यादा बिजली खपत होने पर 1 रुपए प्रति यूनिट की छूट।
सर्टिफिकेट लाओ, छूट पाओ
डिस्कॉम ने पर्यटन विभाग को लिखा है कि जिन इकाईयों को वह अब औद्योगिक श्रेणी में मानता है, वह उसका सर्टिफिकेट जारी करे। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर डिस्कॉम उनकी बिजली दर श्रेणी बदलेगा। इनमें स्मारक, होटल, बड़े रेस्टारेंट (ऐसे रेस्टोरेंट जो होटल या स्मारक से जुड़े हुए हों) शामिल हैं।
आयोग ने दिया हवाला
-राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 108 का हवाला दिया है। इसमें सरकार स्तर पर सब्सिडी देने का अधिकार निर्धारित हैं -तमिलनाडू इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर एसोसिएशन बनाम तमिलनाडू इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन केस का भी हवाला दिया। बताया गया कि राज्य आयोग विद्युत अधिनियम के तहत शक्तियों के साथ निहित एक स्वतंत्र वैधानिक अथॉरिटी है।
अगली खबर
Tourism Category convert into Industry
जयपुर
Published: April 12, 2022 08:12:10 pm
जयपुर। पर्यटन और हॉस्पिटिलिटी इकाईयों की बिजली दर में कमी का बोझ आम विद्युत उपभोक्ताओं पर डालने का सरकारी प्लान फेल हो गया है। इन दोनों सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने से इनकी बिजली दर 2.50 रुपए प्रति यूनिट कम हो जाएगी। कम हुई इस दर की अंतर राशि 200 से 250 करोड़ रुपए तक है। यह राशि सरकार को बतौर सब्सिडी के रूप में डिस्कॉम को देनी होगी। जबकि, अभी तक यह टैरिफ के माध्यम से अन्य उपभोक्ताओं में बांटने की तैयारी थी।
बिजली उपभोक्ताओं पर 250 करोड़ बोझ डालने प्लान फेल, आयोग का आदेश- सरकार दे सब्सिडी
इस तरह बिजली दर में अंतर..
1. पर्यटन इकाई : अभी तक इसमें बिजली दर कॉमर्शियल (नॉन डोमेस्टिक) श्रेणी में है। यह दर विद्युत लोड के अनुसार 7.55 से 8.95 रुपए प्रति यूनिट तक है।
2. औद्योगिक : इसमें 6 रुपए से 7.30 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली दर निर्धारित है। स्मॉल इंडस्ट्री में 6 से 6.45 रुपए, मध्यम उद्योग में 7 रुपए और वृहद औद्योगिक इकाईयों में 7.30 रुपए प्रति यूनिट है।
3. दर होगी कम : ज्यादातर पर्यटन इकाईयों स्मॉल या मध्यम श्रेणी के उद्योग में ही हैं। इसलिए सीधा फायदा 1.55 से 2.50 रुपए प्रति यूनिट तक होगा।
1. टीओडी फॉर्मूल के तहत रात 12 से सुबह 6 बजे तक बिजली खपत पर विद्युत शुल्क में 15 प्रतिशत की छूट।
2. मध्यम और वृहद उद्योगों को इनक्रिमेंटल छूट। इसमें पिछले वर्ष के अनुपात में माजूदा वर्ष में 50 प्रतिशत से ज्यादा बिजली खपत होने पर 1 रुपए प्रति यूनिट की छूट।
सर्टिफिकेट लाओ, छूट पाओ
डिस्कॉम ने पर्यटन विभाग को लिखा है कि जिन इकाईयों को वह अब औद्योगिक श्रेणी में मानता है, वह उसका सर्टिफिकेट जारी करे। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर डिस्कॉम उनकी बिजली दर श्रेणी बदलेगा। इनमें स्मारक, होटल, बड़े रेस्टारेंट (ऐसे रेस्टोरेंट जो होटल या स्मारक से जुड़े हुए हों) शामिल हैं।
आयोग ने दिया हवाला
-राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 108 का हवाला दिया है। इसमें सरकार स्तर पर सब्सिडी देने का अधिकार निर्धारित हैं -तमिलनाडू इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर एसोसिएशन बनाम तमिलनाडू इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन केस का भी हवाला दिया। बताया गया कि राज्य आयोग विद्युत अधिनियम के तहत शक्तियों के साथ निहित एक स्वतंत्र वैधानिक अथॉरिटी है।
अगली खबर