मनरेगा में लापरवाही, चालू वित्तीय वर्ष में लंबित हैं 1701 योजनाएं

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मनरेगा में लापरवाही, चालू वित्तीय वर्ष में लंबित हैं 1701 योजनाएं

मनरेगा में लापरवाही, चालू वित्तीय वर्ष में लंबित हैं 1701 योजनाएं


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शिवहर। जिले में मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष में शुरू किए गए योजनाओं में से 60 फीसदी योजना लंबिते हैं। जबकि वित्तीय वर्ष अब समाप्ति की ओर है। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में शुरू किए गए 2847 योजनाओं में से 1701 योजना लंबित पड़ी हैं।

बीते 28 फरवरी को आयोजित दिशा की बैठक में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के अनुसार मनरेगा के तहत जिले में चालू वर्ष में 2847 योजना शुरू किए गए। जिसमें से बीते 25 फरवरी तक 1 हजार 146 योजना ही पूरा हो सके। शेष 1701 योजना अधूरा रह गए। इस प्रकार चालू वर्ष के 11 माह में मात्र 40 फ़ीसदी योजना पूरा हो सके। शेष 60 फ़ीसदी योजना अधूरा पड़े हैं। प्रतिवेदन के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत जिले में सबसे अधिक 1191 योजना शिवहर प्रखंड में शुरू किए गए। जिसमें से 627 योजना ही पूरा हो सके। शेष 564 योजना अधूरा रह गए।

जिले के तरियानी प्रखंड में 409 योजना शुरू किए गए। जिसमें से मात्र 41 योजना ही पूरा हो सका। शेष 368 योजना अधूरा पड़ा है। इस प्रखंड में मनरेगा योजना की उपलब्धि काफी कमजोर है। इसी तरह पिपराही प्रखंड में 368 योजना शुरू किया गया। जिसमें से 40 योजना ही पूरा हो सका शेष 328 योजना अधूरे पड़े हैं। डुमरी कटसरी प्रखंड में 615 योजना शुरू किए गए। जिसमें से 363 योजना पूरा हुआ एवं 252 योजना अधूरा है। जबकि पुरनहिया प्रखंड में 264 योजना शुरू किए गए। जिसमें से 75 पूरा हुआ एवं 189 योजना अधूरी हंै। सांसद रमा देवी ने बताया की दिशा की बैठक में मनरेगा की समीक्षा के क्रम में लंबित योजनाओं को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया।

चार वर्षों में शुरू की गईं 54 हजार योजनाएं

मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर 2022-23 तक बीते फरवरी माह तक 12426 योजना अधूरे पड़े हैं। इस योजना के तहत 4 वित्तीय वर्षों में जिले में कुल 54091 योजना शुरू किए गए। जिसमें से 41665 योजना ही पूरा हो सका। शेष 12426 योजना अधूरे पड़े हैं। दिशा की बैठक में समर्पित प्रतिवेदन के अनुसार 4 वित्तीय वर्षों में 77.3 फीसदी योजना ही पूरा हो सके।

वर्ष 2020-21 में शुरू की गई 10 हजार योजनाएं

बीते4 वित्तीय वर्षों में मनरेगा के तहत सबसे अधिक वर्ष 2020-21 में जिले में 10519 योजना शुरू किए गए। जिसमें से 5475 योजना पूरा हुए एवं 5044 योजना अधूरे पड़े हैं। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3432 योजना शुरू किए। गए जबकि 2022-23 में 2847 योजना शुरू किए गए।

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