भूख प्यास से तड़प रहे ललितपुर में मजदूर, हजारों की संख्या में DM कार्यालय पर पैसे के लिए धरना | Workers in Lalitpur are suffering Hunger thirst in uttar pradesh | Patrika News
उत्तर प्रदेश में मजदूरी के नाम पर ठगने का मामला सामने आया है। ललितपुर में ठेकेदारों की मनमानी के चलते मजदूरी न मिलने से परेशान भूखे प्यासे मजदूरों ने परिवार सहित कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देने को मजबूर है।
ललितपुर
Updated: February 26, 2022 04:07:13 pm
मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसकी मजदूरी मिलने जाना चाहिए। लेकिन जनपद ललितपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक ठेकेदार ने सड़क बनवाने के लिए करीब तीन महीने तक मजदूरों से काम तो कराया, लेकिन उन्हें उनकी संपूर्ण मजदूरी नहीं दी । अलबत्ता कुछ खर्चे के लिए पैसे जरूर दिए जब मजदूरों ने कई बार ठेकेदार से पैसे मांगे और जब उसने मजदूरी नहीं दी तब उन्होंने अपने बच्चों सहित पर अपना सामान लेकर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे । जहां पर उन्होंने 2 घंटे तक धरना प्रदर्शन कर मजदूरी दिलाए जाने की मांग उठाई।
Symbolic Photo of Labour during Protest in Lalitpur DM office
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यूपी में ललितपुर जिले से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को सुबह करीब 10 बजे एक दर्जन से अधिक मजदूर अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में सामान सहित पहुंचे जहां पर उन्होंने करीब 2 घंटे तक प्रदर्शन किया और जिला अधिकारी के नाम एक शिकायती पत्र देकर ठेकेदार से अपनी बकाया मजदूरी दिलाए जाने की मांग उठाई। बताया गया है कि समीपवर्ती मध्यप्रदेश के पिपरिया शहर से जनपद के अंतर्गत कोतवाली महरौनी के ग्राम छायन निवासी ठेकेदार अपने दो अन्य साथियों के सहित करीब एक दर्जन से अधिक मजदूरों को उनके परिवार सहित ग्राम गुढा बुजुर्ग के पास बन रही सड़क का काम करवाने के लिए लेकर आया था। मजदूर करीब 3 माह पूर्व यहां पहुंचे थे और तभी से वह सड़क निर्माण का कार्य कर रहे थे । मजदूरों का आरोप है कि उन्होंने करीब 18 किलोमीटर लंबी सड़क का पुनर्निर्माण किया और इन 3 महीनों में ठेकेदार ने उन्हें खर्चे के लिए बहुत थोड़े से पैसे दिए थे और उनकी मजदूरी करीब 6 लाख रुपये से अधिक बन रही है। मजदूरों का यह भी आरोप है कि ठेकेदार ने मानकों को ताक पर रखकर गुणवत्ता विहीन सड़क का निर्माण किया जिससे सड़क उखड़ गई।
यह भी पढे: UP में गाय काटने के लिए जा रहा ट्रक पलटा, खुल गई पुलिस की पोल मजदूरी तो दूर खाने को भी नहीं मिला रहा मजदूरों ने बताया कि सड़क निर्माण कराने की बातचीत किसी दीवान नाम के आदमी से की गई थी जिसका ठेकेदार संतोष और सुपरवाइजर आदि काम करा रहे थे। करीब 3 महीने काम करने पर ठेकेदार द्वारा होने खर्चे के लिए महज 85000 रुपये दिए गए जबकि उनकी मजदूरी का टोटल रकम 6 लाख 66 हजार के करीब बन रही है। काम खत्म होने के बाद जब हम मजदूरों ने ठेकेदार से पैसे मांगे तो उन्होंने पैसे नहीं दिए और वहां से चलता कर दिया जिसके बाद काफी परेशान होकर हम लोगों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर मामले में कार्यवाही की मांग की है।
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उत्तर प्रदेश में मजदूरी के नाम पर ठगने का मामला सामने आया है। ललितपुर में ठेकेदारों की मनमानी के चलते मजदूरी न मिलने से परेशान भूखे प्यासे मजदूरों ने परिवार सहित कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देने को मजबूर है।
ललितपुर
Updated: February 26, 2022 04:07:13 pm
मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसकी मजदूरी मिलने जाना चाहिए। लेकिन जनपद ललितपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक ठेकेदार ने सड़क बनवाने के लिए करीब तीन महीने तक मजदूरों से काम तो कराया, लेकिन उन्हें उनकी संपूर्ण मजदूरी नहीं दी । अलबत्ता कुछ खर्चे के लिए पैसे जरूर दिए जब मजदूरों ने कई बार ठेकेदार से पैसे मांगे और जब उसने मजदूरी नहीं दी तब उन्होंने अपने बच्चों सहित पर अपना सामान लेकर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे । जहां पर उन्होंने 2 घंटे तक धरना प्रदर्शन कर मजदूरी दिलाए जाने की मांग उठाई।
Symbolic Photo of Labour during Protest in Lalitpur DM office
यूपी में ललितपुर जिले से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को सुबह करीब 10 बजे एक दर्जन से अधिक मजदूर अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में सामान सहित पहुंचे जहां पर उन्होंने करीब 2 घंटे तक प्रदर्शन किया और जिला अधिकारी के नाम एक शिकायती पत्र देकर ठेकेदार से अपनी बकाया मजदूरी दिलाए जाने की मांग उठाई। बताया गया है कि समीपवर्ती मध्यप्रदेश के पिपरिया शहर से जनपद के अंतर्गत कोतवाली महरौनी के ग्राम छायन निवासी ठेकेदार अपने दो अन्य साथियों के सहित करीब एक दर्जन से अधिक मजदूरों को उनके परिवार सहित ग्राम गुढा बुजुर्ग के पास बन रही सड़क का काम करवाने के लिए लेकर आया था। मजदूर करीब 3 माह पूर्व यहां पहुंचे थे और तभी से वह सड़क निर्माण का कार्य कर रहे थे । मजदूरों का आरोप है कि उन्होंने करीब 18 किलोमीटर लंबी सड़क का पुनर्निर्माण किया और इन 3 महीनों में ठेकेदार ने उन्हें खर्चे के लिए बहुत थोड़े से पैसे दिए थे और उनकी मजदूरी करीब 6 लाख रुपये से अधिक बन रही है। मजदूरों का यह भी आरोप है कि ठेकेदार ने मानकों को ताक पर रखकर गुणवत्ता विहीन सड़क का निर्माण किया जिससे सड़क उखड़ गई।
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