बिहार : ‘अब तो बड़े बन जाएं नीतीश’, जगदानंद ने चलाया तीर, दिखाया पीएम की राह

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बिहार : ‘अब तो बड़े बन जाएं नीतीश’, जगदानंद ने चलाया तीर, दिखाया पीएम की राह

बिहार : ‘अब तो बड़े बन जाएं नीतीश’, जगदानंद ने चलाया तीर, दिखाया पीएम की राह

पटना : ये कोई अनावश्यक दिया गया बयान नहीं है बल्कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने जान बुझकर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक सुझाव दे डाला कि अब तो बड़े बन जाइए, एक बड़े उद्देश्य के लिए बड़ी कुर्बानी देनी पड़ती है। लगे हाथ उस वीपी सिंह का उदाहरण भी दे डाला कि कैसे वीपी सिंह ने कांग्रेस के आलाकमान के विरुद्ध गर्दन ऊंची कर सड़क पर उतर आए। उस एक्शन के साथ देश की जनता ऐसे खड़ी हुई कि कांग्रेस की सत्ता धराशाई हुई और वीपी सिंह देश के प्रधानमंत्री भी बने।

क्या चाहते हैं जगदा बाबू?

तो जगदानंद सिंह अब बैरम खां की भूमिका में आ गए हैं, जहां उनका उद्देश्य तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाकर राज्य को एक युवा नेतृत्व प्रदान करना तो है ही साथ ही लालू प्रसाद यादव से अपनी अगाध मित्रता का मिसाल भी देना है। जगदा बाबू का ये कोई पहला प्रयास नहीं है। इसके पहले भी जगदा बाबू ने नीतीश कुमार का ध्यान इस ओर आकर्षित करने की कोशिश की थी। तब आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही जगदानंद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर ये कह दिया कि बिहार के लोग चाहते हैं कि नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बनें। इसके लिए हम पूरी ताकत लगा रहे हैं। गुजरात के लोग जैसे नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे, उसी तरह बिहारी के लोग भी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। वैसे भी नीतीश कुमार में सारी काबिलियत मौजूद हैं। जगदानंद सिंह ने कहा गुजरात के पास लोकसभा की कम सीटें हैं लेकिन बिहार के पास 40 सीट है, तो हमारे राज्य का व्यक्ति प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकता?

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आखिर इन बयानों का हकीकत क्या है?

दरअसल, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ-साथ जगदा बाबू की चिंता बन गई है, नीतीश कुमार का वो बयान जिसमे उन्होंने कहा था कि 2025 में महागंठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव करेंगे। नीतीश कुमार के इस बयान से राजद में काफी हताशा है। पार्टी के कद्दावर नेताओं को उम्मीद थी कि तेजस्वी यादव 2023 में बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे और वे विपक्षी एकता की मुहिम में लगेंगे। लेकिन नीतीश कुमार के बयान से ये तय हो गया कि तेजस्वी यादव को 2025 का मैंडेट हासिल करना होगा। 2020 में प्राप्त मैंडेट के मुखिया नीतीश ही रहेंगे।

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

वरिष्ठ पत्रकार अरुण पाण्डेय कहते हैं कि राजद नेतृत्व इतने वर्षो तक इंतजार करने के मूड में नहीं है। इसलिए अपरोक्ष रूप से दबाव नीतीश कुमार पर क्रिएट किया जा रहा है ताकि राज्य की गद्दी छोड़ें। राजद कतई 2025 तक के इंतजार के लिए तैयार नहीं है। कहा जा रहा है कि सिंगापुर से लौटते ही ये दबाव बढ़ेगा। क्योंकि लालू प्रसाद ने बेटे को उपमुख्यमंत्री के रूप में वे देख चुके हैं। राजनीतिक गलियारों में तो ये चर्चा का विषय बना हुआ है कि जगदानंद सिंह ने आखिर क्यों नीतीश कुमार को सीएम का पद छोड़ने को कहा है? वे यहां भी नहीं रूके और उन्होंने नीतीश कुमार को वीपी सिंह की त्याग को याद दिलाते देश के पीएम बनने की सलाह भी दे दी। ये कोई जगदा बाबू की पहली कोशिश नहीं है। इसके पहले भी उन्होंने कहा था कि 2023 में राज्य की राजनीतिक स्थिति बदलेगी। नीतीश जी केंद्र की राजनीति करेंगे और तेजस्वी राज्य की।

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