पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से यमुना नदी उफान पर, दिल्ली पर मंडराया बाढ़ का खतरा

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पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से यमुना नदी उफान पर, दिल्ली पर मंडराया बाढ़ का खतरा

पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से यमुना नदी उफान पर, दिल्ली पर मंडराया बाढ़ का खतरा

यमुनानगर: यमुनानगर के कैचमेंट एरिया में लगातार हो रही बारिश के चलते अब हथिनीकुंड बैराज में पहाड़ों से उतरने वाले पानी की दहाड़ डराने लगी है। बैराज पर यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अगले कुछ घंटों में यमुना खतरे के निशान को पार कर सकती है। प्रशासन की ओर से स्थानीय निवासियों को यमुना के निचले इलाकों से दूर हटने की अपील की जा रही है। हथिनी कुंड बैराज पर इस समय यमुना का जलस्तर 85 हजार क्यूसेक से भी ऊपर है।

पिछले वर्ष तक 70 हजार क्यूसेक से अधिक पानी होने के बाद छोटी नहरों को बंद करके बैराज के गेट दिल्ली की तरफ खोल दिए जाते थे लेकिन इस बार एक लाख क्यूसेक पानी होने के बाद ही हथिनी कुंड बैराज के गेट खोले जाएंगे। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि हरियाणा के बाकी हिस्से को भी नहरों के माध्यम से पानी मिलता रहे। बहरहाल बारिश लगातार जारी है और हथिनीकुंड बैराज के गेट के साथ-साथ निचले इलाकों में रहने वाले लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों की धड़कने भी लगातार बढ़ रही है।

घरों में घुसा पानी, हाईवे गलियां बनी तलाब
मानसून दस्तक दे चुका है और यमुनानगर में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश, जिससे प्रशासन के वह सभी दावे भी धुल चुके हैं। यमुनानगर शहर में कई इलाकों में जलभराव देखने को मिल रहा है। मटका चौंक के साथ लगता इलाका, इंडस्ट्री एरिया, अजाद नगर, सरोजनी कालोनी हनुमान मंदिर के पास, लाजपत नगर वगैरह का यही नजारा है। जगाधरी देवी भवन बाजार में प्राचीन देवी माता के मंदिर में भी बारिश का पानी चला गया।

गुस्साए लोगों ने मेयर को कोसा

स्थानीय निवासी पुरुषोत्तम दास का कहना है कि ‘सड़क का लेवल बहुत नीचा है जिस कारण उनके इलाके में पानी रुकता है। इस बारे कई बार स्थानीय लोग अधिकारियों और नेताओं के आगे अपनी समस्या रख चुके हैं मगर उनकी कहीं नहीं सुनी जाती। अगर कोई थोड़ा बहुत काम करने आता भी है तो वह यह कहकर काम बीच में छोड़ देता है कि उसके टेंडर में यह काम शामिल नहीं है। मेयर मदन चौहान को भी बुलाकर इस समस्या के बारे में अवगत करवाया जा चुका है मगर समस्या जस की तस बनी हुई है।’

‘जल्द समस्या से छुटकारा मिलेगा’
मेयर मदन चौहान का कहना है कि उन्होंने नालों के टेंडर कर दिए हैं और काम बहुत रफ्तार से चल रहा है। ‘चालीस-पचास प्रतिशत नाले साफ कर दिए हैं अभी पच्चास से साठ प्रतिशत नाले रहते हैं लेकिन सफाई प्रक्रिया रोज चल रही है।’ मेयर ने खुद ऑन कैमरा माना कि उनका इंजीनियरिंग का काम बहुत खराब था। उन्होंने खुद एक जगह विजिट कर देखा कि सीवर का काम सही तरीके से नहीं हुआ था जिसके चलते नाला जाम था।

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