पश्चिम चंपारण में बीजेपी के संजय जायसवाल लगाएंगे जीत का चौका या कांग्रेस के मदन मोहन करेंगे कमाल?

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पश्चिम चंपारण में बीजेपी के संजय जायसवाल लगाएंगे जीत का चौका या कांग्रेस के मदन मोहन करेंगे कमाल?

पश्चिम चंपारण में बीजेपी के संजय जायसवाल लगाएंगे जीत का चौका या कांग्रेस के मदन मोहन करेंगे कमाल?

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Bihar Lok Sabha Elections 2024: बिहार के पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। इस सीट से मौजूदा सांसद डॉ. संजय जायसवाल जीत का चौका लगाने की फिराक में लगे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने ब्राह्मण जाति से आने वाले बेतिया से कांग्रेस के पूर्व विधायक मदनमोहन तिवारी को टिकट देकर ब्राह्मण कार्ड खेला है। हालांकि मदन मोहन तिवारी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। मौजूदा सांसद पर कटाक्ष करते हुए कहते हैं कि अरे वो अनुकंपा की नौकरी कर रहे हैं (वह अनुकंपा के आधार पर सांसद हैं)। उन्होंने कहा कि पता नहीं क्या डर है। हम से वो भागते फिर रहे हैं। पश्चिम चंपारण में 25 मई को मतदान होगा। ऐसे में मदन मोहन तिवारी के आत्मविश्वास को समझना बहुत मुश्किल नहीं है। 

वहीं कुछ कारणों से मौजूदा सांसद जयसवाल को विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। 6 मई को संजय जायसवाल को रक्सौल उपखंड के नोनियाडीह गांव में घुसने से स्थानीय लोगों ने रोक दिया था। ग्रामीणों को आरोप था कि केवल चुनाव के समय ही मौजूदा सांसद को हमारी याद आती है। इसके अलावा बेतिया से 15 किमी दूर नौतन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पखनाहा गांव में मौजूदा सांसद को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा था। हालांकि अपनी चुनावी सभाओं के दौरान संजय जायसवाल चुनावी अपनी पार्टी की उपलब्धियों को गिनाने में पीछे नहीं रहते हैं। 

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सगौली ब्लॉक के ग्राम प्रधान ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि 15 साल का कार्यकाल बहुत लंबा होता है। हर गुजरते साल के साथ उनके (संजय जायसवाल) प्रदर्शन में सुधार हुआ है। उन्होंने सड़क, रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचे से संबंधित कई परियोजनाएं शुरू की हैं। हालांकि इस दौरान उन्हें कुछ कारण वश शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है, जो उनके लंबे कार्यकाल को देखते हुए काफी स्वाभाविक है। वहीं बेतिया के शिक्षाविद् कुंदन शांडिल्य ने कहा है कि मदन मोहन तिवारी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। लेकिन यहां के मौजूदा सांसद (संजय जायसवाल) की प्रतिष्ठा निश्चित रूप से दांव पर लगी हुई है। 

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हालांकि, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं से संजय जायसवाल को फायदा मिलने की संभावना दिख रही है। चनपटिया ब्लॉक के तुरहापट्टी गांव की जरीना कहती हैं कि हम केवल मोदीजी को जानते हैं। उसी गांव की एक अन्य महिला सुनीता कहती हैं कि आपको हर उस व्यक्ति से यही प्रतिक्रिया मिलेगी, जो मजदूरी करता है और गरीबी से जूझ रहा है। एक समय था जब हमें चिलचिलाती धूप, बरसात के मौसम में जोरदार बारिश और कड़ाके की सर्दी में दो वक्त की रोटी के लिए पसीना बहाना पड़ता था। लेकिन आज हालात बदल चुके हैं। 

एचटी से बातचीत के दौरान मदन मोहन तिवारी ने कहा कि संजय जयसवाल को चुनौती देते हुए कि चुनाव के दौरान अपने व्यक्तित्व के दम जनता के बीच जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मैं राहुलजी का नाम नहीं लूंगा, आप अपनी पार्टी और मोदी के नाम का इस्तेमाल करना बंद कर दीजिए।

नाम नहीं छापने की शर्त एक कांग्रेस नेता ने कहा उन्हें (मदन मोहन तिवारी) अपने अति आत्मविश्वास पर नियंत्रण रखने की जरुरत है। आप समझ नहीं सकते हैं कि क्षेत्र में अमित शाह और नरेंद्र मोदी के चुनावी सभाओं के बाद चीजें कैसी होंगी। वहीं संजय जायसवाल ने भी अपने प्रतिद्वंद्वी पर तंज कसते हुए कहा कि वह बहुत बड़बोले हैं। उन्हें बताना चाहिए कि 2020 का विधानसभा चुनाव 18,000 से अधिक मतों के अंतर से क्यों हार गए थे।

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