देवेंद्र फडणवीस के चुनावी हलफनामे में 2 आपराधिक मामलों का जिक्र नहीं, वकील ने कोर्ट में कबूला- गलती से छूट गया

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देवेंद्र फडणवीस के चुनावी हलफनामे में 2 आपराधिक मामलों का जिक्र नहीं, वकील ने कोर्ट में कबूला- गलती से छूट गया

देवेंद्र फडणवीस के चुनावी हलफनामे में 2 आपराधिक मामलों का जिक्र नहीं, वकील ने कोर्ट में कबूला- गलती से छूट गया

नागपुर: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर की एक अदालत के समक्ष स्वीकार किया है कि उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी का मिलान करते समय ‘अनजाने’ में गलती हुई थी, जिसके कारण 2014 में दायर उनके चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक मामलों का उल्लेख नहीं किया गया था। फडणवीस (52) ने 15 अप्रैल को दीवानी न्यायाधीश वी एम देशमुख को सौंपे एक व्याख्यात्मक बयान में कहा कि दो ‘मामूली’ शिकायती मामलों के बारे में जानबूझकर जानकारी छिपाने का कोई इरादा नहीं था और फॉर्म 26 के चुनावी हलफनामे में उन्हें शामिल नहीं करना ‘भूलवश और बिना किसी इरादे के’ हुआ। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नागपुर के विधायक फडणवीस ने कहा कि उन्होंने अपने अधिवक्ता उदय डाबले से विधानसभा चुनाव से पहले लंबित आपराधिक मामलों के बारे में विवरण एकत्र करने के लिए कहा था और ऐसा लगता है कि आवश्यक जानकारी के मिलान में अधिवक्ता की ओर से त्रुटि हुई। डाबले ने भी अदालत में एक बयान भी दिया, जिसमें कहा गया कि उन्होंने अनजाने में गलती की थी और फडणवीस ने उन पर भरोसा करते हुए चुनावी हलफनामे पर हस्ताक्षर किए थे।

अनजाने में दो मामले छूट गए
अदालत एक शिकायत पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें फडणवीस द्वारा अपने चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने के लिए उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया गया था। फडणवीस ने अपने बयान में कहा कि जब 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव घोषित हुए थे, तब वह प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष थे और राज्य के सभी निर्वाचन क्षेत्रों (288) में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। बयान में कहा गया, ‘मैं यह कहता हूं कि उदय डाबले मेरे स्थानीय वकील हैं और मैंने उनसे मेरे खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी एकत्रित करने के लिए कहा था, जिसका उल्लेख मेरे नामांकन पत्र में किया जाना था। ऐसा प्रतीत होता है कि सूचनाओं के मिलान में अनजाने में दो मामले छूट गए और इसलिए हलफनामे में केवल 22 आपराधिक मामलों का उल्लेख किया गया था।’

उन्होंने कहा, ‘मैं कहता हूं कि दो मामूली मामलों के बारे में जानबूझकर जानकारी छिपाने का कोई इरादा नहीं था और फॉर्म 26 के हलफनामे में उन्हें शामिल न करना भूलवश और बिना किसी इरादे के था।’ नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुने गए उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने दावा किया कि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में अधिक गंभीर प्रकृति के मामलों का उल्लेख किया है।

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जानकारी को छिपाने का कोई कारण नहीं
बीजेपी नेता ने कहा कि वह 1999 से विधानसभा के मौजूदा सदस्य हैं और हर बार बड़े अंतर से जीते हैं। फडणवीस ने बयान में कहा, ‘इसलिए, मैं कहता हूं कि मेरे पास अपने नामांकन पत्र या इसके साथ लगे दस्तावेजों में किसी भी जानकारी को छिपाने का कोई कारण नहीं है।’ अधिवक्ता डाबले ने दोहराया कि फडणवीस के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की संख्या के बारे में जानकारी एकत्र करते समय उन्होंने अनजाने में गलती की थी। वकील ने अपने बयान में दावा किया कि फॉर्म भरते समय उन्होंने फडणवीस के खिलाफ 22 लंबित आपराधिक मामलों का उल्लेख किया था, लेकिन दो लंबित मामलों से चूक गए।अदालत ने बयानों को रिकॉर्ड पर लिया और मामले की सुनवायी 7 जून को करना निर्धारित किया।

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अदालत वकील सतीश उके की शिकायत पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया गया था। इसमें आरोप लगाया गया है कि भाजपा नेता के खिलाफ 1996 और 1998 में धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने चुनावी हलफनामे में इस जानकारी का खुलासा नहीं किया था। फडणवीस अपना बयान दर्ज कराने के लिए 15 अप्रैल को अदालत में पेश हुए थे। धनशोधन के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद उके फिलहाल जेल में हैं।

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