दिल्‍ली-NCR की हवा है धीमा जहर! 33 सिगरेट के बराबर नुकसान, कहीं मास्क पर आप भी तो नहीं कर रहे यह गलती

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दिल्‍ली-NCR की हवा है धीमा जहर! 33 सिगरेट के बराबर नुकसान, कहीं मास्क पर आप भी तो नहीं कर रहे यह गलती

दिल्‍ली-NCR की हवा है धीमा जहर! 33 सिगरेट के बराबर नुकसान, कहीं मास्क पर आप भी तो नहीं कर रहे यह गलती

दिल्‍ली-एनसीआर की हवा में ‘जहर’ बढ़ता जा रहा है। जैसे-जैसे सर्दियां करीब आ रही हैं, सुबह में स्‍मॉग की मोटी चादर छाई दिखती है। प्रदूषणकारी कणों की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि आंखें जलने लगी हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 11 बजे आनंद विहार का एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स 454 था जो ‘गंभीर’ स्थिति दर्शाता है। यहां PM2.5 और PM10 जैसे कण हवा में जहर घोल रहे हैं। SAFAR के अनुसार, दिल्‍ली यूनिवर्सिटी का AQI 355 है, मथुरा रोड का AQI 340 और नोएडा का AQI 392 तक पहुंच गया है। एक्‍सपर्ट्स के अनुसार, इतनी खराब हवा शरीर को खासा नुकसान पहुंचा सकती है। त्‍वचा को भी नुकसान हो सकता है। संभव हो तो घर से बाहर न निकलें। अगर निकलें तो मास्‍क जरूर लगाएं। दिल्‍ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण क्‍यों होता है, कौन जिम्‍मेदार है और प्रदूषण से बचने को कौन सा मास्‍क यूज करना है, पढ़‍िए।

आज दिल्‍ली-एनसीआर में प्रदूषण की क्‍या स्थिति है?

जहरीली हवा से दिल्‍ली-एनसीआर बेहाल हैं। शनिवार को पिछले दिनों के मुकाबले कहीं ज्‍यादा स्‍मॉग दिखा। आसमान में काली धुंध की मोटी परत छाई थी। दिल्‍ली के कई इलाकों का AQI 400 के पार दर्ज किया गया। नोएडा के सेक्‍टर 62 का AQI 392 रहा। गुरुग्राम का AQI 330 और गाजियाबाद में AQI 376 दर्ज किया गया। IITM, पुणे के मुताबिक नवंबर तक प्रदूषण की स्थिति में सुधार की संभावना नहीं है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अभी प्रदूषण का स्‍तर और बढ़ेगा।

NBT पलूशन ट्रैकर में देखिए अपने यहां का हाल

400 से ज्‍यादा AQI मतलब 33 सिगरेट पी लीं

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सीनियर ईएनटी सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि मौजूदा समय में प्रदूषण के कई कारक हैं। मौसम ठंडा होने के कारण हवा भारी हो जाती है और ऊपर नहीं जा पाती। इससे प्रदूषण नीचे ही बना रहता है। प्रदूषण के चलते हवा में पीएम-2.5 और पीएम-10 बढ़ने लगते हैं। प्रदूषण के चलते लोगों को साइनोसाइटिस और ब्रोंकाइटिस की समस्या होने लगती है, लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से अस्थमा जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से अधिक होने पर ऐसी हवा में सांस लेना मानो 33 सिगरेट पीने के बराबर है। एक सिगरेट जीवन के 11 मिनट हमसे छीन लेती है। डॉ. त्यागी बताते हैं प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क लगाना काफी कारगर साबित हो सकता है। यदि मल्टी लेयर गीले कपड़े का मास्क लगाया जाए तो प्रदूषण से काफी हद तक खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।

डॉक्‍टर्स से जानें, प्रदूषण से कैसे बचें

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बच्चों और बुजुर्गों का रखें खास ख्याल

सेहत के लिहाज से प्रदूषण की स्थिति अच्छी नहीं है। गाजियाबाद के सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर का कहना है कि हवा की गुणवत्ता खराब है, ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। सुबह सात बजे से पहले और शाम को आठ बजे के बाद बाहर निकलने से बचें। प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन समेत कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गुनगुना पानी पिएं, कोई तकलीफ होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

हवा साफ रखने को घर के अंदर लगाएं पौधे

घर के अंदर की हवा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए नागफनी, ऐलोवेरा व रबर के पौधे घर में लगाएं। प्रदूषण छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है। छोटे बच्चों को स्कूल जाते समय और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलते वक्त एहतियात बरतने की जरूरत है। यदि बाहर जाना ज्यादा जरूरी नहीं तो घर में ही रहें। डॉ. त्यागी ने कहा कि प्रदूषण के असर को कम करने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पी सकते हैं। पानी में नींबू, पुदीना, अदरक आदि डालकर पी सकते हैं। कीवी, अनार, बादाम, पाइन एप्पल व गुड़ आदि भी खा सकते हैं। इनमें अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।

दिल्‍ली-NCR की हवा में जहर कौन घोलता है?

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  • PM10 (पीएम का मतलब होता है पार्टिकल मैटर। इनमें शामिल है हवा में मौजूद धूल, धुंआ, नमी, गंदगी आदि जैसे 10 माइक्रोमीटर तक के पार्टिकल। इनसे होने का वाला नुकसान ज्यादा परेशान करने वाला नहीं होता)
  • PM2.5 (2.5 माइक्रोमीटर तक के ये पार्टिकल साइज में बड़े होने की वजह से ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं)
  • NO2 (नाइट्रोजन ऑक्साइड, यह वाहनों के धुंए में पाई जाती है) SO2 (सल्फरडाई ऑक्साइड गाड़ियों और कारखानों से निकलने वाले धुंए से निकल कर यह फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचाता है)
  • CO (कार्बनमोनो ऑक्साइड, गाड़ियों से निकल कर फेफड़ों को घातक नुकसान पहुंचाता है)
  • O3 (ओजोन, दमे के मरीज और बच्चों के लिए बहुत नुकसानदेह )
  • NH3 (अमोनिया, फेफड़ों और पूरे रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए खतरनाक)
  • Pb (लेड, गाडियों से निकलने वाले धुंए के आलावा मेटल इंडस्ट्री से भी निकल कर यह लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाने वाला सबसे खतरनाक मेटल)

प्रदूषण से बचने के लिए सही मास्‍क कैसे चुनें?

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एयर पलूशन से बचने के लिए मास्क खरीदने से पहले इन पैमानों पर परखें

  • ऐसा मास्क लें जिसकी रेटिंग N95 हो।
  • मास्क लेने से पहले इस बात की ताकीद कर लें कि यह आपको सही से फिट होगा। ऐसा न होने पर गैप्स से प्रदूषित हवा भीतर जाती रहेगी और मास्क का कोई फायदा नहीं होगा। बच्चों के लिए छोटे साइज के मास्क भी मिल सकते हैं।
  • मास्क का मैटीरियल ऐसा होना चाहिए कि छोटे-से-छोटे कणों (PM2.5) को रोक सके।
  • सांस को बाहर निकलाने के लिए लिहाज से अच्छा वेंटिलेशन भी होना चाहिए।

कौन सा मास्क खरीदें?

  • साधारण हरे या नीले क्लीनिकल मास्क ज्यादा काम के नहीं होते और लगभग हर तरह के एयर पल्युशन के सामने बेअसर रहते हैं।
  • अगर सांस लेने में ज्यादा परेशानी हो तो मास्क लेने के लिए डॉक्टर से भी राय ली जा सकती है।
  • वैसे मार्केट में Vogmask, Neomask, Totobobo, Respro, Venus और 3M जैसी कंपनियों के मास्क अच्छे माने जाते हैं।
  • क्वॉलिटी के हिसाब से इनकी कीमत 150 रुपये से 5000 रुपये तक हो सकती है।

दिल्‍ली-NCR में आगे कैसा रहेगा प्रदूषण का हाल

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सफर के अनुसार, प्रदूषण बेहद खराब स्तर पर है। जमीनी सतह पर हवाओं की गति 6 से 8 किलोमीटर तक बनी हुई है। अगले तीन दिन हवाएं इसी तरह की रहेंगी। राजधानी में अगले एक दो दिनों में हवाएं पराली का धुआं लेकर भी आ सकती है। इससे पीएम 2.5 के स्तर में इजाफा होगा। तीन दिनों तक प्रदूषण बढ़ेगा लेकिन इसका स्तर बेहद खराब ही बना रहेगा। आईआईटीएम पुणे के अनुसार, प्रदूषण का स्तर 29 से 31 अक्टूबर तक बेहद खराब ही रहेगा। इसके बाद अगले छह दिनों तक यह खराब से बेहद खराब रह सकता है। शनिवार को हवाएं दक्षिण और उत्तर पूर्वी दिशा से आएंगी। सुबह के समय कोहरा रह सकता है।

सफर ने जारी की ये एडवाइजरी, करें पालन

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  • सुबह व शाम के समय सैर बिल्कुल बंद कर दें
  • अधिक समय तक बाहर रहने से बचें
  • जॉगिंग की बजाय धूप में थोड़ी दूर तक पैदल चलें
  • घरों व कमरों के खिड़की दरवाजे बंद कर दें
  • घर में झाड़ू की बजाय पोंछा लगाएं
  • एन-95 या पी-100 मास्क का इस्तेमाल करें
  • यदि अस्थमा है तो अपनी दवाएं हर समय अपने पास रखें
  • यदि सांस लेने में समस्या, चक्कर आना, बेहोशी, आंखों व सीने में जलन जैसी समस्या हो रही है तो डॉक्टर से मिलें

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