ज्योतिषी भी पूरी तरह वैज्ञानिक होते हैं, अंकों के आधार पर करते हैं भविष्यवाणी | jyotish also scientists calculation and prediction news | Patrika News
यह कहना है ज्योतिषाचार्य डॉ. एसएस रावत का। वे मां शारदा ज्योतिष अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 29वें ज्योतिष वास्तु महाकुंभ में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। डॉ. रावत ने कहा कि धर्मशास्त्र वेदों का छठा अंग भी है।
वेदों में मुहूर्त के आधार पर ही हवन और यज्ञ किए जाते हैं। इन यज्ञों के मुहूर्त ज्योतिष विज्ञान के आधार पर होते हैं। ज्योतिष तीन तरह का होता है-होरा, संहिता और गणित। होरा ज्योतिष को गणित ज्योतिष भी कहा जाता है। संहिता ज्योतिष में खगोल विज्ञान की जानकारी होती है तो गणित ज्योतिष से कुंडली बनाई जाती है। इसमें 16 प्रकार की कुंडली बनाई जाती है।
ग्रहों से प्रभावित होता है जीवन
डॉ. रावत ने कहा कि हाथ की रेखाएं देखकर जन्म समय, तारीख आदि जानकारियां सामने आ जाती हैं। इसका कारण यह है कि रेखाओं में 9 ग्रहों के 9 पर्वत, 27 नक्षत्र, 12 राशियां और 12 माह होते हैं। हर माह की रेखा के आकार के आधार पर जन्म तारीख देखी जा सकती है। विवाह, जेल योग सहित बीमारी की जानकारी जुटाई जा सकती है।
9 ग्रह भी मोबाइल टॉवर की तरह
डॉ. रावत ने कहा कि जिस तरह मोबाइल टॉवर से संचालित होता है, लेकिन सिग्नल कमजोर होने पर बात करने में कठिनाई होती है। उसी प्रकार हमारे 9 ग्रह भी मोबाइल टॉवर हैं और सेटेलाइट की तरह काम करते हैं। हमारा दिमाग ग्रहों के आधार पर चलता है। पृथ्वी से ग्रहों की दूरी से ही व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। इन ग्रहों की चाल के आधार पर व्यक्ति की मनोदशा का अंदाजा लगाया जाता है।
उन्होंने कहा कि चंद्रमा का पृथ्वी पर गहरा प्रभाव है। पूर्णिमा, अमावस्या का व्यक्ति के मन पर प्रभाव देखने को मिलता है। ज्वारभाटा, मानसिक दबाव, आलस्य महसूस इन तिथियों पर होना आम बात है। चंद्रमा मन को, सूर्य ह्रदय को, शुक्र वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। शनि के असर से जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। चर्म रोग का सीधा संबंध बुध ग्रह से होता है। बृहस्पति लिवर और ज्ञान को प्रभावित करता है। सैनिक व शक्ति का संबंध मंगल ग्रह से होता है।
ज्योतिष बोर्ड का हो गठन
आयोजक पं. योगेंद्र महंत ने बताया कि महाकुंभ में 300 से अधिक ज्योतिषी व वास्तुशास्त्री नेपाल सहित देश के हर राज्य से आए हैं। सम्मेलन में सरकार से मांग की गई है कि ज्योतिष बोर्ड का गठन किया जाए। ज्योतिष विद्या का डर दिखाकर लोगों से ठगी करने वाले प्रकरणों को पहले बोर्ड के समक्ष लाया जाए ताकि वस्तुस्थिति का पता लगाया जा सके। महाकुंभ में ज्योतिषियों ने ग्रहों की चाल, वास्तु, हस्त रेखा पर विचार-विमर्श किया।
यह कहना है ज्योतिषाचार्य डॉ. एसएस रावत का। वे मां शारदा ज्योतिष अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 29वें ज्योतिष वास्तु महाकुंभ में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। डॉ. रावत ने कहा कि धर्मशास्त्र वेदों का छठा अंग भी है।
वेदों में मुहूर्त के आधार पर ही हवन और यज्ञ किए जाते हैं। इन यज्ञों के मुहूर्त ज्योतिष विज्ञान के आधार पर होते हैं। ज्योतिष तीन तरह का होता है-होरा, संहिता और गणित। होरा ज्योतिष को गणित ज्योतिष भी कहा जाता है। संहिता ज्योतिष में खगोल विज्ञान की जानकारी होती है तो गणित ज्योतिष से कुंडली बनाई जाती है। इसमें 16 प्रकार की कुंडली बनाई जाती है।
ग्रहों से प्रभावित होता है जीवन
डॉ. रावत ने कहा कि हाथ की रेखाएं देखकर जन्म समय, तारीख आदि जानकारियां सामने आ जाती हैं। इसका कारण यह है कि रेखाओं में 9 ग्रहों के 9 पर्वत, 27 नक्षत्र, 12 राशियां और 12 माह होते हैं। हर माह की रेखा के आकार के आधार पर जन्म तारीख देखी जा सकती है। विवाह, जेल योग सहित बीमारी की जानकारी जुटाई जा सकती है।
9 ग्रह भी मोबाइल टॉवर की तरह
डॉ. रावत ने कहा कि जिस तरह मोबाइल टॉवर से संचालित होता है, लेकिन सिग्नल कमजोर होने पर बात करने में कठिनाई होती है। उसी प्रकार हमारे 9 ग्रह भी मोबाइल टॉवर हैं और सेटेलाइट की तरह काम करते हैं। हमारा दिमाग ग्रहों के आधार पर चलता है। पृथ्वी से ग्रहों की दूरी से ही व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। इन ग्रहों की चाल के आधार पर व्यक्ति की मनोदशा का अंदाजा लगाया जाता है।
उन्होंने कहा कि चंद्रमा का पृथ्वी पर गहरा प्रभाव है। पूर्णिमा, अमावस्या का व्यक्ति के मन पर प्रभाव देखने को मिलता है। ज्वारभाटा, मानसिक दबाव, आलस्य महसूस इन तिथियों पर होना आम बात है। चंद्रमा मन को, सूर्य ह्रदय को, शुक्र वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। शनि के असर से जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। चर्म रोग का सीधा संबंध बुध ग्रह से होता है। बृहस्पति लिवर और ज्ञान को प्रभावित करता है। सैनिक व शक्ति का संबंध मंगल ग्रह से होता है।
ज्योतिष बोर्ड का हो गठन
आयोजक पं. योगेंद्र महंत ने बताया कि महाकुंभ में 300 से अधिक ज्योतिषी व वास्तुशास्त्री नेपाल सहित देश के हर राज्य से आए हैं। सम्मेलन में सरकार से मांग की गई है कि ज्योतिष बोर्ड का गठन किया जाए। ज्योतिष विद्या का डर दिखाकर लोगों से ठगी करने वाले प्रकरणों को पहले बोर्ड के समक्ष लाया जाए ताकि वस्तुस्थिति का पता लगाया जा सके। महाकुंभ में ज्योतिषियों ने ग्रहों की चाल, वास्तु, हस्त रेखा पर विचार-विमर्श किया।