जान पर बन आई थी ब्रेस्ट कैंसर की लड़ाई, छोटे बालों की वजह से लीजा रे को नहीं मिल रहा था काम

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जान पर बन आई थी ब्रेस्ट कैंसर की लड़ाई, छोटे बालों की वजह से लीजा रे को नहीं मिल रहा था काम

जान पर बन आई थी ब्रेस्ट कैंसर की लड़ाई, छोटे बालों की वजह से लीजा रे को नहीं मिल रहा था काम

फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में ऐसे कई लोग रहे हैं, जिन्होंने अलग-अलग बीमारियों से जंग जीती है। ऐसी कई एक्ट्रेसेस रही हैं, जिन्होंने कैंसर जैसी भयानक बीमारी से लड़ाई लड़ी है और जीतकर वापस भी आई हैं। इनमें से ही एक हैं एक्ट्रेस लीजा रे। सोशल मीडिया पर अक्सर इनके वर्कआउट वीडियोज देखने को मिलते हैं। साल 2009 में लीजा रे को बोन मैरो (Bone Marrow) कैंसर हुआ था। वह अपने पैरों पर ठीक तरह से खड़ी तक नहीं हो पाती थीं। बाद में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की मदद से लीजा रे कैंसर से मुक्त हुईं। ‘कसूर’ फेम एक्ट्रेस हेल्दी लाइफस्टाइल जी रही हैं। लीजा रे की दो बेटियां हैं। एक्ट्रेस ने साल 2012 में शादी की थी। कैंसर के तीन साल बाद इनकी जिंदगी में बदलाव आने शुरू हुए थे। हाल ही में अपनी कैंसर की जर्नी के बारे में बात करते हुए लीजा रे ने बताया कि कैंसर इस हद तक बढ़ गया था कि उनकी बॉडी में रेड ब्लड सेल्स काउंट कम होने लगा था। डॉक्टर्स हैरान थे कि आखिर वह अपने पैरों पर खड़ी कैसे हैं?

आसान नहीं था ये रास्ता
Official Humans of Bombay के साथ अपना यह एक्स्पीरियंस शेयर करते हुए लीजा रे ने जिंदगी में आए उतार-चढ़ाव के बारे में बताया है। लीजा रे ने कहा, ‘मेरी बॉडी का रेड ब्लड सेल काउंट इतना कम हो गया था कि मुझे किसी भी समय कार्डियक अरेस्ट आ सकता था। ऐसा मेरा नहीं डॉक्टर्स का उस समय कहना था। डॉक्टर्स ने मेरी सबसे पहले ब्लड टेस्ट रिपोर्ट्स देखीं। कई महीनों से मैं थकान अपने शरीर में महसूस तो कर रही थी, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया था और न ही सोचा था कि इस तरह से मेरे साथ कुछ हो जाएगा। कुछ टेस्ट्स कराने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि मुझे बोन मैरो कैंसर है। सालों में मेरी लाइफ पहली बार थम सी गई थी। मैंने लंबी सांस ली और इसका इलाज कराने का सोचा। मैं हमेशा से ही अपनी लाइफ में काफी भागती-दोड़ती रही हूं। मेरी लाइफ का एक हिस्सा रेड कार्पेट से जुड़ा रहा, लेकिन वहीं जब मुझे कैंसर के बारे में पता चला तो लगा कि मेरी लाइफ का दूसरा हिस्सा स्पिरिचुअल पीस मांग रहा है।’


सर्जरी के बाद दोबारा हुआ जन्म

लीजा रे ने कहा, ‘मैं हमेशा से ही बुक लिखना चाहती थी। मैं सोचती थी कि मैं इससे खुद कनेक्ट कर सकूंगी। लेकिन काम के चलते मैं कभी नहीं लिख पाई। फिर कैंसर ने मेरी पूरी जिंदगी बदल दी। मेरी जब स्टेम सेल सर्जरी हुई तो मैंने मौत को करीब से देखा। यह मेरा एक अनुभव ऐसा रहा, जिसे मैं जीवन में कभी नहीं भुला सकती। कह सकते हैं कि सर्जरी के बाद मेरा दोबारा जन्म हुआ। मुझे याद है वो दिन, जब मैंने ब्लॉग लिखना शुरू किया था। कैंसर के साथ जीकर कैसा महसूस होता है, इसके बारे में मैंने पहला आर्टिकल लिखा था। कुछ ही लोगों ने वह आर्टिकल पढ़कर मुझे सराहना दी थी। किसी तरह मुझे हिम्मत मिली थी। ट्रीटमेंट के बाद, मैंने एक इवेंट में विग पहनी, लेकिन उसे पहनकर मुझे कुछ अच्छा महसूस नहीं हुआ। मैंने खुद से कहा कि मुझे यह नहीं करना है। इसे हटाओ और अपनी असलियत को अपनाओ। मैं बॉल्ड लुक में सामने आई. हर जगह हेडलाइन्स में मैं थी। लेकिन मेरे लिए इससे बढ़कर खुद को उसी तरह एक्सेप्ट करना था जो मेरी सच्चाई थी।’


छोटे बालों की वजह से नहीं मिला काम

उन्होंने आगे कहा, ‘बताऊं तो मीडिया मेरे साथ कुछ अच्छी नहीं रही। कीमोथेरेपी के बाद मैं एक ट्रैवल शो का हिस्सा बनीं। उसमें मेरे बाल छोटे थे। मैंने उसे ‘कीमो कट’ नाम दिया था, लेकिन चैनल ने मुझे रिप्लेस कर दिया, क्योंकि उन्हें कोई लंबे बाल वाली लड़की चाहिए थी। मेरे लिए यह काफी हार्टब्रेकिंग रहा। तीन साल बाद जाकर मैं फिर पब्लिक में आई. चीजें बदली हुई थीं। मेरी शादी होने वाली थी। ये तीन साल मेरे लिए काफी चैलेंजिंग रहे। मेरी बॉडी ने मुझे बताया कि उसे क्या चाहिए। मैंने सुना मैं तीन हफ्ते के ट्रांसफॉर्मेशन पर गई। मैंने मेडिटेट किया, जूस पिए, स्प्राउट्स खाए और खुद को जाना। मैं अंदर से हील हुई, फिर मैंने कैंसर को मात दी। स्टेम सेल सर्जरी से भी मुझे फायदा मिला।’


अब जिंदादिल हैं लीजा

उन्होंने आगे कहा, ‘आज 9 साल हो गए हैं, जब मैं पूरी तरह से कैंसर फ्री हूं। बहुत कुछ बदल गया है। इन सालों में मैंने फिल्में कीं, किताब लिखी, कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाई, बच्चों को जन्म दिया और आर्ट के जरिए खुद को लाइफ में आगे बढ़ाया। काफी अलग अनुभव रहा यह देखकर कि जहां एक बीमारी हमें मौत के मुंह में ढकेलती हैं, उसी ने मुझे अहसास कराया कि लाइफ कितनी अद्भुत होती है। आज के समय में मैं काफी जिंदादिल महसूस करती हूं।’