क्‍यों नहीं मिल पा रही हिंदी फिल्‍मों को अच्‍छी ओपनिंग? कोमल नाहटा ने बताया क्‍या हो रही है गड़बड़

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क्‍यों नहीं मिल पा रही हिंदी फिल्‍मों को अच्‍छी ओपनिंग? कोमल नाहटा ने बताया क्‍या हो रही है गड़बड़


क्‍यों नहीं मिल पा रही हिंदी फिल्‍मों को अच्‍छी ओपनिंग? कोमल नाहटा ने बताया क्‍या हो रही है गड़बड़

आमिर खान और करीना कपूर की ‘लाल सिंह चड्ढा’ शुक्रवार, 11 अगस्‍त को थ‍िएटर्स में रिलीज होगी। इसी दिन अक्षय कुमार की ‘रक्षा बंधन’ भी आ रही है। एक तरह जहां इन फिल्‍मों के बायकॉट का शोर है, वहीं बीते कुछ महीनों में बॉलीवुड फिल्‍मों के लगातार फ्लॉप होने का दर्द। रणबीर कपूर की ‘शमशेरा’ हो या हालिया रिलीज ‘एक विलेन रिटर्न्‍स’, आर माधवन की ‘रॉकेट्री: द नंबी इफेक्‍ट’ हो या आयुष्‍मान खुराना की ‘अनेक’, हॉलीवुड फिल्‍म की रीमेक ‘रनवे 34’ हो, अक्षय कुमार की ‘सम्राट पृथ्‍वीराज’ या हॉलीवुड जैसी दिखने वाली कंगना रनोट की ‘धाकड़’, एक के बाद ये तमाम फिल्‍में बॉक्‍स ऑफिस पर पिट गईं। लेकिन ऐसा हो क्‍यों रहा है। फिल्‍मों के इस हश्र का सच जानने के लिए ‘नवभारत टाइम्‍स’ ने ट्रेड एनालिस्‍ट कोमल नाहटा से बात की। उन्‍होंने बताया कि आख‍िर बॉलीवुड की फिल्‍मों का ओपनिंग बिजनेस क्‍यों प्रभावित हुआ है।

क्‍या हिंदी फिल्‍म स्‍टार्स से पब्‍ल‍िक ऊब चुकी है? क्‍या बॉलीवुड फिल्‍मों में अब नहीं रही पहले जैसी बात? एक तरफ जहां बॉक्‍स ऑफिस पर Bollywood की फिल्‍में लगातार पिट रही हैं, वहीं ‘पुष्‍पा’, ‘आरआरआर’ और ‘केजीएफ 2’ जैसी फिल्‍मों ने सफलता के नए मानदंड तय कर दिए। हालांकि, साउथ की कई फिल्‍में भी बुरी तरह फ्लॉप हुई हैं। लेकिन फिर भी जिस तरह साउथ की फिल्‍मों ने बॉलीवुड के मुकाबले Box Office पर बढ़‍िया बिजनस किया है, जनता भी यह सोचने लगी है कि हिंदी फिल्‍में अब जादू खो चुकी हैं। कोमल नाहटा कहते हैं, ‘लोगों ने इसकी ये वजह निकाली कि लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग सैटेलाइट चैनल और यूट्यूब पर साउथ की डब फिल्‍में लोगों ने खूब देखीं। इसलिए साउथ की स्‍टार्स देश के बाकी हिस्‍सों में भी हर घर में पहचाने जाने लगे हैं। ये बात कुछ हद तक ठीक हो सकती है, लेकिन पूरी नहीं। क्‍योंकि साउथ के स्‍टार्स के घर-घर पहुंचने से बॉलीवुड स्‍टार्स जैसे अजय देवगन, सलमान खान, अक्षय कुमार आदि नाम जाने अनजाने तो नहीं हो जाते।’

लोगों से जुड़ नहीं पा रही हैं बॉलीवुड की फिल्‍में
बॉक्‍स ऑफिस बिजनेस पर बारीक नजर रखने वाले कोमल नाहटा आगे कहते हैं, ‘बॉलीवुड की फिल्‍में नहीं चल रही हैं तो इसलिए कि लोग उनसे जुड़ नहीं पा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, Liger को अच्‍छी ओपनिंग मिलेगी, वो इसलिए क्‍योंकि ‘लाइगर’ के ट्रेलर ने पब्‍ल‍िक के साथ कनेक्‍ट किया है और उसकी टैगलाइन ‘साला क्रॉस ब्रीड’ ही लोगों को खूब पसंद आने लगी है। तो बॉलीवुड के मेकर्स जो ये सोचते हैं कि उनका बुरा समय चल रहा है, वो बुरा समय नहीं है। बस आपकी फिल्‍म के ट्रेलर लोगों से कनेक्‍ट नहीं कर पा रहे हैं।’

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इसलिए पिट गई ‘एक विलेन रिटर्न्‍स’
हालिया रिलीज Ek Villain Returns के खरा‍ब बिजनेस का जिक्र करते हुए वह कहते हैं, ‘लगता है कि प्रोडक्‍शन कंपनी ने ‘एक विलेन रिटर्न्‍स’ की ना कहानी सुनी, ना ही कुछ और। बस एक पॉपुलर फिल्‍म की फ्रेंचाइजी को आगे करने का जरिया समझकर इसे हरी झंडी दिखा दी। नहीं तो भला कौन ऐसी बनाने के लिए तैयार हो जाएगा, जिसमें एक हीरो यानी जॉन अब्राहम कहने के लिए तो टैक्‍सी ड्राइवर है, लेकिन शॉपिंग बड़े-बड़े मॉल्‍स में करता है। फिल्‍म में ऐसी अनेक गलतियां हैं और बहुत सारे सीन्‍स को समझने के लिए अपने दिमाग पर जोर डालना पड़ता है। पब्‍लिक का कमजोर रिस्‍पॉन्‍स देखकर वीकडेज यानी सोमवार से फिल्‍म की टिकट की कीमतें कर दी गई हैं।’

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एकता कपूर ने ‘दोबारा’ देख बदल दिया पूरा प्‍लान
कोमल नाहटा बताते हैं कि एकता कपूर अपने गट इंस्‍ट‍िंग पर काफी विश्‍वास करती हैं, वरना वह अनुराग कश्‍यप निर्देश‍ित Dobaaraa को नेटफ्ल‍िक्‍स पर प्रीमियर करने की बजाय सिनेमाघर में रिलीजक करने की नहीं सोचतीं। वह कहते हैं, ‘हुआ यूं कि अनुराग ने प्रोड्यूसर एकता कपूर को उस फिल्‍म का प्रीव्‍यू दिखाया, तो वह खुश हो गईं। उन्‍हें ऐसा लगा कि ये फिल्‍म तो सिनेमाघर में रिलीज होनी चाहिए। हालांकि, फिल्‍म देखने से पहले एकता ने नेटफ्ल‍िक्‍स के साथ डील भी कर ली थी। फिल्‍म सीधे ओटीटी पर रिलीज होनी थी। उन्‍होंने तुरंत नेटफ्ल‍िक्‍स से बात की और वो मान गए। लेकिन फिल्‍म सिनेमाघर में प्रीमियर होने के बाद ओटीटी पर आएगी तो पैसे भी कम मिलेंगे।’



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