कैसे डूबा अनिल अंबानी का साम्राज्य, एक भाई एशिया में सबसे अमीर, दूसरा कंगाल

16
कैसे डूबा अनिल अंबानी का साम्राज्य,  एक भाई एशिया में सबसे अमीर, दूसरा कंगाल

कैसे डूबा अनिल अंबानी का साम्राज्य, एक भाई एशिया में सबसे अमीर, दूसरा कंगाल


नई दिल्ली: धीरू भाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) की कंपनी रिलायंस का जब बंटवारा हुआ तो अनिल अंबानी (Anil Ambani) के खाते में रिलायंस इंफोकॉम आईं। वहीं मुकेश अंबानी को पेट्रोकैमिकल मिला। दोनों को बराबर की हिस्सेदारी मिली, लेकिन आज देखिए एक भाई एशिया का सबसे अमीर उद्योपति है तो दूसरा भाई अपनी दिवालिया कंपनियों के कर्ज का बोझ उठा रहा है। एक वक्त था जब अनिल अंबानी दुनिया के छठे सबसे अमीर उद्योगपति थे, लेकिन आज हालत ये है कि वो दिवालिया हो चुके हैं। बैंकों के भारी भरकम बोझ तले दबे अनिल अंबानी करीब 49 बार डिफॉल्टर बन चुके हैं। ​कंपनी के बंटवारे बाद के कुछ सालों तक ठीक चलता रहा, लेकिन फिर अनिल अंबानी बर्बादी की राह पर चल पड़े। अनिल अंबानी की आरकॉम दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई। कंपनी पर कर्ज बढ़ने लगा। आज अनिल अंबानी की उस गलती की बात करते हैं, जिसकी वजह से वो इस हालात में पहुंच गए।

​विवाद के बाद हुआ था बंटवारा​

अनिल अंबानी और मुकेश अंबनी के बीच कारोबार को लेकर बंटवारा हो गया। मुकेश अंबानी के हिस्से में पुराना पेट्रोकैमिकल आया तो वहीं अनिल अंबानी के हिस्से में नए जमाने का टेलीकॉम, फाइनेंस और एनर्जी का कारोबार आया है। अनिल अंबानी अपने इस कारोबार को संभाल नहीं पाएं। रिलायंस की बहुमूल्य और नए जमाने की कंपनियां उन्हें मिली, लेकिन वो कमाल नहीं दिखा पाएं। अनिल अंबानी ने रिलायंस टेलीकॉम को लेकर कई महत्वकांक्षी योजनाएं बनाई, लेकिन प्लानिंग सटीक नहीं बैठी। वो टेलीकॉम, पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के किंग बनना चाहते थे, लेकिन आज उनकी कंपनी दिवालिया हो चुकी है।

​अनिल अंबानी की गलतियों से डूबी कंपनी​

​अनिल अंबानी की गलतियों से डूबी कंपनी​

अनिल अंबानी की हालत ऐसी हो गई कि उन्हें कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ा। कर्ज का ये दर्द उस वक्त और भारी हो गया, जब आरकॉम और एयरसेल के विलय में असफलता मिली। साल 2016 में आरकॉम और एयरसेल का विलय विफल रहा। बंटवारे के बाद अनिल अंबानी को रिलायंस की प्रॉफिट और ग्रोथ देने वाली कंपनियां मिली थी। बावजूद वो उसे बढ़ाना तो दूर, उसे बचा तक नहीं सके। अंबानी के पतन के पीछे उनकी गलतियां हैं। अनिल अंबानी एक कारोबार से दूसरे कारोबार में कूदते जा रहे थे,लेकिन क्रियान्वयन (Execution) की खामियों के कारण उनका पैसा उन कारबारों में फंसता चला गया। अनिल नए प्रोजेक्ट में पैसा लगाते जा रहे है, जिसके चलते उनपर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा था। कर्ज अब कंट्रोल से बाहर हो रहा था। साल 2019 तक अनिल अंबानी की कंपनियों पर कर्ज का कुल बोझ 1.73 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था ।

​कर्ज चुकाने के लिए लेना पड़ा कर्ज

​कर्ज चुकाने के लिए लेना पड़ा कर्ज

अनिल अंबानी की कंपनियां कभी सफलता के चरम पर पहुंच गई थी। साल 2008 में अनिल अंबानी की कंपनियों का मार्केट वैल्यू 4 लाख करोड़ रुपये के पार हो चुका था। साल 2019 में ये वैल्यू गिरकर मात्र 2391 करोड़ रुपये रह गई। अनिल अंबानी बैंकों के कर्ज के बोझ तले दबे जा रहे थे। जो अनिल अंबानी 10 साल पहले तक दुनिया के अमीर उद्योगपतियों में से एक थे,अब वो कंगाली के कगार पर पहुंच चुके थे। कंपनी से खुद ही दिवालियापन के रास्ते पर चलने का फैसला किया। रिलायंस कम्युनिकेशंस यानी RCom ने खुद को दिवालिया करार दिया।

​मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में अंतर​

​मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में अंतर​

साल 2008 में अनिल अंबानी 45 अरब डॉलर के साथ दुनिया के छठें सबसे अमीर उद्योगपति थे, साल 2019 में वो फोर्ब्स की सूची में भारत में भी 70वें नंबर के बाहर है। दुनिया के अरबपतियों में उनका नंबर 1349वें नंबर पर था। अनिल अंबानी के पास 1.7 अरब की डॉलर बची। अनिल अंबानी अपनी गलतियों से सब गंवा बैठे। साल 2019 में जब अनिल अंबानी के पास 1.7 अरब डॉलर की संपत्ति बची थी। उस वक्त मुकेश अंबानी के पास 50 अरब डॉलर थी। अनिल मुकेस अंबानी के दूर-दूर तक नहीं टिक पा रहे थे। मुकेश अंबानी आज दुनिया से टॉप 10 अमीरों में शामिल है। मुकेश अंबानी के पास 85 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति है। वहीं अनिल अंबानी आज दिवालिया हो चुके हैं।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News